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"हर उस गलती की माफी माँगे, आज माँ, हम भी तो हैं माँ अभी, कर दो माफ आज माँ" - हर बात समझाने का ज़िंदगी का एक अलग ही अंदाज़ है।
“हर उस गलती की माफी माँगे, आज माँ, हम भी तो हैं माँ अभी, कर दो माफ आज माँ” – हर बात समझाने का ज़िंदगी का एक अलग ही अंदाज़ है।
ज़िंदगी काफी बदल गई है, हर मोड़ पर नई सीख दे गई है।
कल कहाँ माँ के आँचल में सुकून ढूँढ़ते, आज अपने आँचल लिए खड़े सुकून देते।
कल कहाँ अपनों के लिए काम करते, आज कहाँ अपनों के लिए काम छोड़े
माँ ने कल भी निछावर की खुशी अपनी, आज हम भी खड़े लिए अपनी।
बीते कल का सच पता ना था, और ना बताया कभी, आते कल का सच सामने था, और आया समझ अभी।
ज़िंदगी काफी बदल गई है, हर मोड़ पर नई सीख दे गई है।
हर उस गलती की माफी माँगे, आज माँ, हम भी तो हैं माँ अभी, कर दो माफ आज माँ।
लौटा वही मोड़ माँ, आज हमारी जिंदगी में, बदलती नया मोड़ तुम्हारी कल की सीख, आज मेरी जिंदगी में।
मूल चित्र: Pexels
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