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गैसलाइटिंग के चिन्ह पहचानने ज़रूरी हैं क्यूंकि ये एक ऐसा अंतरंग अब्यूज़ है जिसके एब्यूज़र अक्सर आपके परिवार के सदस्य ही होते हैं।
नोट: यह लेख आप अंग्रेजी में भी यहाँ पढ़ सकते हैं। इसका अनुवाद प्रगति अधिकारी ने किया है।
गैसलाइटिंग अंतरंग अब्यूज़ में पाए जाने वाले बर्ताव का एक स्वरुप है। इस शब्द का उद्गम 1944 की एक हॉलीवुड फ़िल्म से है, जिसका नाम था गैसलाइट जिसमें एक पति अपनी पत्नी का इस हद तक मानसिक शोषण करता है कि उसे लगने लगता है कि वो पागल है। ऐसा ही कुछ हिंदी फिल्म दामिनी में भी दर्शाया गया।
ये एब्यूज़र अक्सर आपके परिवार के सदस्य होते हैं, पति/पत्नी, भाई/बहन और कभी-कभी माता-पिता भी। बच्चों के साथ ऐसा होना उनके पूरे मानसिक व्यक्तित्व को जीवन भर के लिए बदल देता है।
यहां गैसलाइटिंग के चिन्ह या कहें उसको करने वाले अब्यूज़र के कुछ लक्षण दिए गए हैं:
1. वो इतने बड़े-बड़े झूठ आपसे इतनी सफाई से कह देंगे कि आप शक तक नहीं कर पाएंगी।
“मेरी कोई गर्लफ्रेंड/बॉयफ्रेंड नहीं थी/था, वही मेरे पीछे पड़ी थी/था” “मुझे कितने बड़े-बड़े घरों से रिश्ते आये थे, कितनी अच्छी नौकरी मिल रही थी, तुम्हारे लिए सब छोड़ा”
2. चाहे आप उनके कहे या किये के सबूत भी रख लें, तब भी वो उससे मुकर जायेंगे या बात को ऐसे घुमा देंगे कि मेरा ये मतलब नहीं था।
“हर बात में नेगेटिव मत सोचा करो तुम, उस शब्द का वहाँ ऐसा नहीं, वैसा मतलब था।”
3. आपकी भावनात्मक कमज़ोरी का वो फ़ायदा उठाएंगे।
महिलाओं के लिए अक्सर ये उनके बच्चे या बूढ़े माँ-बाप होते हैं।
“क्या इसी दिन के लिए तुम्हें पाला-पोसा था मैंने?” “तुम्हारे और बच्चों के लिए मैंने क्या-क्या नहीं किया?” “तुम्हारे माँ-बाप ये सदमा झेल पाएंगे?”
4. वो धीरे-धीरे आपका मज़ाक उड़ायेंगे।
इसे “तवे पर पड़े मेंढक” जैसी प्रवृति माना जाता है, चलते-फिरते आपके खान-पान, रहन-सहन पर तंज करेंगे और अगर बात बढ़ जाएगी तो कहेंगे मैं तो मज़ाक कर रहा था/थी।
“तुम कभी तो ढंग के कपड़े पहना करो।” “ऐसे कैसे चम्मच पकड़ती हो, देहाती कहीं के।”
5. बीच-बीच में वो आपकी तारीफ करेंगे।
एकाध अच्छी बात करेंगे, ताकि आप फिर से उनके बुरे बर्ताव को लेकर संशय से भर जाएं।
“शायद कल मूड खराब था।” “माँ जब थक जाती है, बस तभी गाली देती है।” “पापा मारते हैं तो क्या, आज हौंसला भी बढ़ाया न।”
6. उन की कथनी और करनी में हमेशा अंतर होता है।
‘तुम पसंद हो मुझे’ कहते रहना और हर पल आप में खामियाँ निकालते रहना। मैं बहुत सहनशील हूँ, कहते हुए बार-बार जल्दी गुस्सा हो जाना।
7. वे जानते हैं, जब कोई संशय में होता है, तो कमज़ोर रहता है, इसलिए वो आपको हमेशा भ्रमित रखते हैं।
“क्या मैं ठीक कर रही हूँ?” “क्या मैं अच्छे से अंग्रेजी बोल नहीं पाता हूँ?”
8. वे आपको जताते हैं कि दुनिया/जीवन में जो भी गलत है वो आपकी गलती है।
वो अपने नशे, बुरी आदतों, व्यहवहार के लिए आपको दोषी ठहराते हैं।
“तुम मुझे गुस्सा क्यों दिलाती हो?” “मेरा गुस्सा बच्चे भड़काते हैं वैसे मैं बहुत शांत प्रवृति की हूँ।”
9. वो आपको सब से पृथ्क करने की पूरी कोशिश/साज़िश करते हैं।
वो आपको आपके प्रिय लोगों, दोस्तों से दूर करते हैं। आपके अकेले होने से उन्हें आपका शोषण करने में आसानी रहती है।
10. वो दूसरों को कहते हैं आप मानसिक रोगी हैं।
“अरे इसे डिप्रेशन से मैंने एक बार निकाला।” “इसका सारा खानदान ही मानसिक रोग से ग्रस्त है।”
11. वो आपको हमेशा झूठा साबित करने की कोशिश में रहते हैं।
“इसका विश्वास मत करो यार।” “मैंने कहाँ इसे मारा /डांटा/ताना दिया, ऐसा तो कभी हुआ ही नहीं।”
गैसलाइटिंग के चिन्ह पहचानें और दूसरों को भी इसे समझने और पहचानने में मदद करें।
मूल चित्र : Pexels
Pooja Priyamvada is an author, columnist, translator, online content & Social Media consultant, and poet. An awarded bi-lingual blogger she is a trained psychological/mental health first aider, mindfulness & grief facilitator, emotional wellness read more...
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