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जेनेवा कन्वेंशन क्या है? यह कैसे युद्धबंदियों की सुरक्षा करता है?

जेनेवा कन्वेंशन क्या है? यह युद्धबंदियों को क्या अधिकार प्रधान करता है? सोशल मीडिया पर जेनेवा कन्वेंशन के बारे में काफी कुछ कहा जा रहा है, तो जानिये यह क्या है! 

जेनेवा कन्वेंशन क्या है? यह युद्धबंदियों को क्या अधिकार प्रधान करता है? सोशल मीडिया पर जेनेवा कन्वेंशन के बारे में काफी कुछ कहा जा रहा है, तो जानिये यह क्या है! 

भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनन्दन के पाकिस्तानी सेना द्वारा बंदी बनाये जाने के बाद , बार-बार जेनेवा कन्वेंशन का ज़िक्र आ रहा है। इस मामले में जे जेनेवा संधि के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें समझी जानी चाहियें:

(This article is also available in English: What Is The Geneva Convention? How Does It Protect The Human Rights Of Prisoners Of War?)

  1. कानूनी तौर पर विंग कंमाडर अभिनन्दन को युद्धबन्दी नहीं माना जायेगा क्योंकि अभी दोनों देशों के बीच घोषित युद्ध नहीं है। हालांकि, वह संघर्ष में बंदी बनाये गए हैं, इस लिए जेनेवा कन्वेंशन अभी भी लागू होता है | (कन्वेंशन में POWs या युद्धबंदियों के लिए विशिष्ट नियम हैं, जिनका मैं यहाँ विवरण नहीं कर रही हूँ)
  2. युद्धबंदियों और अन्य ऐसे बंदियों को सुरक्षित सिर्फ कैदी रखा जाता है जब तक तनाव की स्थिति कम न हो या कोई संधि न हो जाये, उन्हें बंदी रखने का औचित्य सज़ा नहीं अपितु हिंसा को कम करना होता है।
  3. 3.सबसे महत्वपूर्ण बात उनके खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा निषेध है, उन्हें धमकाना, बेइज़्ज़त करना और जनता की जिज्ञासा का पात्र बनाना निषेध है।
  4. उन्हें खाना, कपड़े, रहने की साफ़ सुरक्षित जगह, और ज़रूरी दवाई और इलाज मुहैया कराना उन्हें बंधक बनाने वाले देश की ज़िम्मेदारी है।
  5. 5.उनकी नज़रबंदी केवल सुरक्षा कारणों से वैध मानी जाती है,इन कारणों का समाधान होते ही उन्हें बाइज़्ज़त उनके देश लौटाना होता है,जबकि युद्ध की परिस्थिति में उन पर युद्ध अपराधों का मुक़द्दमा चलाया जा सकता है।

जेनेवा कन्वेंशन 1949 में तैयार किया गया था, हालांकि इसके कुछ हिस्से 1920s में बनाए गए थे | 146 देशों ने इसकी पुष्टि की है, जिसमें भारत और पाकिस्तान शामिल हैं | जेनेवा कन्वेंशन के बारे में ये कुछ महत्वपूर्ण पहलू हैं जिन्हे आज के भावुक वातावरण में हमारा समझना आवश्यक है | यह हम सब की ज़िम्मेदारी है की ऐसी गंभीर मुद्दों पर चर्चा करने से पहले हम अपने तथ्यों को ठीक से प्राप्त कर लें |

About the Author

Pooja Priyamvada

Pooja Priyamvada is an author, columnist, translator, online content & Social Media consultant, and poet. An awarded bi-lingual blogger she is a trained psychological/mental health first aider, mindfulness & grief facilitator, emotional wellness read more...

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