कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

क्यूँकि माँ बनना गर्व की बात है

जिस प्रकार आप हमेशा 16 बरस की नहीं दिख सकतीं और उम्र का बढ़ना तय है, उसी प्रकार माँ बनने के बाद आने वाले बदलावों को सकारात्मक नज़रिए से स्वीकारें।

जिस प्रकार आप हमेशा 16 बरस की नहीं दिख सकतीं और उम्र का बढ़ना तय है, उसी प्रकार माँ बनने के बाद आने वाले बदलावों को सकारात्मक नज़रिए से स्वीकारें।

माँ बनना संसार का सबसे बड़ा सुख है। यह ईश्वर का एक चमत्कार ही तो है कि एक औरत के अंदर एक शिशु की रचना होती है, माँ के गर्भ में शिशु साँस लेता है और 9 महीने के लंबे इंतजार के बाद माँ असहनीय तकलीफ को झेल कर भी मुस्कुराते हुए संतान को जन्म देती है।

हर औरत बालक को जन्म देकर स्वयं को संपूर्ण मानती है। गर्भ धारण से लेकर शिशु के जन्म तक स्त्री के शरीर में कई बदलाव आते हैं। वजन बढ़ जाना, शरीर का भर जाना, गर्भाशय के बढ़कर वापिस सिकुड़ने के कारण स्ट्रेच मार्क्स का आना बेहद सामान्य सी बात है। हर दस में से 8 महिलाओं के शरीर में यह बदलाव आते हैं लेकिन इसके लिए आपको कुंठाग्रस्त होने की या स्वयं को कमतर आँकने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं है।

डिलीवरी के कुछ महीने बाद ही मातृत्व को एंजॉय करने की बजाय महिलाएँ अपने वजन, फ़िगर और मार्क्‍स को लेकर तनाव ग्रस्त रहने लगती हैं। कुछ तो यह सोचकर शिशु को स्तनपान तक कराना छुड़ा देती हैं कि लंबे समय तक दूध पिलाने से फ़िगर बिगड़ जाएगा।

प्यारी सखियों सबसे पहले स्ट्रेच मार्क्स की बात करेंगे। स्ट्रेच मार्क्स आएँगे या नहीं, या कितने आएँगे यह प्रति व्यक्ति की त्वचा के टेक्सचर पर और काफी हद तक वंशानुगति पर निर्भर करता है। कोई भी क्रीम या तेल स्ट्रेच मार्क्स को नहीं रोक सकता।

मॉइस्चराइजिंग क्रीम आपकी त्वचा को मुलायम रखने में मदद कर सकती है, मगर खिंचाव के निशान रोकने के लिए इनका सहारा नहीं लिया जा सकता। यही बात तेल के इस्तेमाल पर भी लागू होती है। कई गर्भवती महिलाएं विभिन्न प्रकार के तेल इस्तेमाल करती हैं। त्वचा को मुलायम रखने के साथ-साथ क्रीम या तेल लगाने से आपको रुखी त्वचा और खारिश से राहत मिल सकती है, लेकिन मार्क्स से नहीं। अतः किसी भी क्रीम के झूठे प्रचार पर ना जाएँ।

एंटी ऑक्सीडेंट, विटामिन ई, विटामिन ए और ओमेगा-3 फैट्टी एसिड से भरपूर भोजन त्वचा के लिए काफी पौष्टिक माने जाते हैं। इसलिए, पर्याप्त मात्रा में ताजे फलों व सब्जियों, अनाज, बीज और मेवों से परिपूर्ण सेहतमंद आहार और पर्याप्त मात्रा में जल के सेवन से त्वचा जलनियोजित और अधिक लचीली होती है। लचीली त्वचा पर खिंचाव के निशान कम पड़ते हैं अतः इन तरीकों से आप स्ट्रेच मार्क्स को कुछ प्रतिशत तक कम कर सकती हैं।

जिनको यह मार्क्स हो चुके हैं, उनका ठीक हो पाना बहुत मुश्किल है, इसलिए इस कुंठा से बाहर आइए और अपने मार्क्स पर गर्व करिये। एक क्रीम के प्रचार में मैंने देखा एक महिला अपने स्ट्रेच मार्क्स को साड़ी से छिपा रही है वहीं दूसरी महिला जिसे मार्क्‍स नहीं है वह छोटी सी ड्रेस पहन कर आत्मविश्वास से चल रही है। भ्रमित करते इन विज्ञापनों पर ना जाएँ। स्ट्रेच मार्क्स होना कोई शर्मिंदगी की बात नहीं है। यह मार्क्स आपको माँ होने का गौरवशाली एहसास दिलाएंगे। इन्हें छिपाइए नहीं बल्कि गर्व से धारण करिए।

बढ़ा हुआ वजन भी कुछ समय बाद कम होने लगता है लेकिन अपने वजन को लेकर तनाव में आकर डाईटिंग शुरु ना कर दें। डिलीवरी के बाद अंदर से कमजोर हो चुके शरीर को सम्पूर्ण पोषण की आवश्यकता होती है। डाईटिंग कर के अपने आप को खोखला ना करें। हाँ, कंट्रोल्ड इटिंग की जा सकती है। डॉक्टर की सलाह पर प्रसव के कुछ समय बाद हल्की एक्सरसाइज से शुरूवात की जा सकती है। अचानक ही कोई भारी भरकम व्यायाम करना शुरू ना करें। नॉर्मल तथा सिजेरियन डिलीवरी का रिकवरी टाइम अलग-अलग होता है अतः हर हाल में डॉक्टर की सलाह अवश्य लें, उसके बाद ही कोई व्यायाम करना शुरू करें।

अपने शिशु को जितना हो सके स्तनपान कराएँ, यह शिशु के लिए एक अमृत के समान है। फ़िगर खराब होने या झंझट से बचने के लिए कभी भी बच्चे को बॉटल ना पकड़ाएँ। हो सकता है आज आप बॉटल देकर अपने कुछ काम आसानी से कर लें, लेकिन ध्यान रखिए, माँ के दूध के समान पोषण किसी भी महंगे से महंगे दूध में नहीं मिल सकता। ईश्वर ने औरत की रचना ही इस प्रकार की है कि वह शिशु को जन्म देने के साथ ही उसकी भूख शांत करने हेतु दूध पिला सके। बॉटल उन महिलाओं की एक मजबूरी मात्र है जिनको शिशु के लिए पर्याप्त दूध नहीं बनता। इसको फ़ैशन ना बनाए।

जिस प्रकार आप हमेशा 16 बरस की नहीं दिख सकती और उम्र का बढ़ना तय है, उसी प्रकार माँ बनने के बाद आने वाले बदलावों को भी सकारात्मक नज़रिए के साथ देखें और स्वीकार करें। अपने आत्मविश्वास को कमज़ोर ना पड़ने दें। मातृत्व आपके व्यक्तित्व में निखार लेकर आता है। तनाव को अपने ऊपर हावी ना होने दें, तन और मन का पूरा ध्यान रखें।

स्वयं पर और अपने शिशु पर गर्व करिये। तनाव से बाहर निकल कर मातृत्व का आनन्द उठाइए। आपको मातृत्व की ढेरों शुभकामनाएं!

About the Author

Sonia Saini

I love to write. read more...

5 Posts | 27,232 Views
All Categories