कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

अंतर! परंतु दोनों ही तो मानव हैं, कौन करेगा किसको तिरस्कृत

पुरूष वस्त्र उतार कर योगी बन गया और स्त्री वस्त्र उतार कर भोग्या! यह अंतर नेत्रों से दिखता है या आपके हृदय से?

पुरूष वस्त्र उतार कर योगी बन गया और स्त्री वस्त्र उतार कर भोग्या! यह अंतर नेत्रों से दिखता है या आपके हृदय से?

“ठहरो! तुम इस नदी में अर्धनग्न अवस्था में स्नान नहीं कर सकती।”

“क्यों ऋषिवर! मैं देख रही हूं योगी भी यहाँ स्नान कर रहे हैं फिर आप मुझे क्यों रोक रहे है?” वह शांत आवाज में बोली।

“तुम एक योगी को अपने समांतर समझती हो!”

“तुम पापिन, कुलटा! तुम यहाँ वस्त्र उतार कर कैसे स्नान कर सकती हो?” वह क्रोध में बोला।

“परंतु वहां वह मुनिवर भी निर्वस्त्र है।” उसनें प्रतिउत्तर दिया।

“निर्लज्ज वह पुरूष है, योगी है, और तुम स्त्री हो, तुम्हें खुद को ढांक कर रखना चाहिए।”

“स्त्री सार्वजनिक स्थल पर वस्त्र उतारेगी तो वह तिरस्कृत न हो जायेगी! मर्यादा का ख्याल नहीं!” वह क्रोध में कांपने लगा।

“कौन करेगा तिरस्कृत? वह जो स्त्री को मात्र भोग्या समझता है!”

“परंतु मानव तो दोनों हैं। पुरूष वस्त्र उतार कर योगी बन गया और स्त्री वस्त्र उतार कर भोग्या! यह अंतर नेत्रों से दिखता है या आपके हृदय से?” उसने शांत हो कर कहा और नदी में उतर गई।

मूलचित्र : Pixabay 

About the Author

1 Posts | 1,990 Views
All Categories