कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

महिलाओं के आपसी सहयोग से बदली गाँव ग्वाडिया की तस्वीर

गांव ग्वाडिया की महिलाओं के आपसी सहयोग से परिस्थितियों में परिवर्तन लाने की कोशिश यूँ कामयाब रही। 

गांव ग्वाडिया की महिलाओं के आपसी सहयोग से परिस्थितियों में परिवर्तन लाने की कोशिश यूँ कामयाब रही। 

आपको मैं ऐसी जानकारी से अवगत कराना आवश्यक समझती हूँ, जिसे जानकर आप भी आश्चर्यचकित होकर सोचने पर मजबूर होंगे कि पूर्व में जिस देश में महिलाओं के बाहर निकलने पर भी पाबंदी लगाई जाती थी, आज वहीं महिलाओं ने विकास के मार्ग पर कदम बढ़ाते हुए, आर्थिक रूप से संपन्नता के मामले में आदर्श गांव के रूप में बन रही पहचान बनाने में सफलता हासिल की है।

एक साल पहले तक, बुदनी ब्लॉक में आने वाले छोटे से गांव ग्वाडिय़ा का लगभग हर परिवार कर्ज़ में डूबा हुआ था। गांव का हर परिवार प्राइवेट कंपनियों से ऋण के दलदल में फंसा हुआ था। उनके पास ऋण लेकर आजीविका चलाने के सिवाय कोई भी दूसरा बड़ा साधन उपलब्ध नहीं हो पा रहा था।

आजीविका मिशन एवं टीम के प्रयास से इस ग्राम की महिलाओं ने मिलकर गांव की तस्वीर ही बदलकर रख दी है। वर्तमान में गांव की महिलाएं ग्राम संगठन के नाम से दस लाख रुपए से अधिक का लेन-देन कर रही हैं और गांव आर्थिक संपन्नता के मामले में आदर्श गांव कहलाने लगा है।

एक साल पहले तक बुदनी के जवाहरखेड़ा ग्राम पंचायत के छोटे से गांव ग्वाडिया में अधिकांश परिवारों को प्राइवेट कंपनियों से बहुत अधिक ब्याज दर पर ऋण राशि लेनी पड़ती थी एवं उसकी किश्त 7 दिवस या 15 दिवस में जमा करनी होती थी। यदि किसी हफ्ते किश्त की राशि उपलब्ध नहीं हो पाती थी, तो फिर से किसी दूसरे से ऋण लेकर किश्त आवश्यक रूप से जमा करनी पड़ती थी। इस कारण ग्राम की हर महिला पर ब्याज की दोहरी मार पड़ती थी। अधिक ब्याज दर एवं साप्ताहिक किश्तों के कारण ग्रामीण महिलाओं में दहशत या फिर किसी न किसी रूप में डर का माहौल बना रहता था। साथ ही साथ गांव का आर्थिक विकास भी दिन-प्रतिदिन कमज़ोर हो रहा था।

फिर एक दिन गांव में जन-जागृति लाने के माध्यम से राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की टीम ने ग्राम ग्वाडिया का भ्रमण किया एवं ग्रामीण महिलाओं को स्व-सहायता समूह के महत्व एवं समूह से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। उन महिलाओं को समूह से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई। इसके साथ 4 स्व-सहायता समूहों को 4 लाख रूपए का ऋण स्वीकृत कर वितरित किया गया। बैंक ऑफ इंडिया शाखा शाहगंज के इस प्रयास से महिलाओं में ओर अधिक जोश भर दिया।

जो अनुसूचित जाति बाहुल्य करीब चार सौ आबादी वाला छोटा गांव करीब एक साल पहले तक कर्ज़ में डूबा था। गांव की महिलाओं के अथक प्रयास से वर्तमान में वही गांव दस लाख रुपए से अधिक का लेन-देन कर रहा है। आजीविका मिशन ने इन समूहों को बैंक तक पहुंचाया।

इस समय गांव में 63 स्व-सहायता समूहों की महिलाएं 10 लाख से अधिक का लेन-देन कर रही हैं। ग्राम की महिलाओं ने ग्राम में ही सामूहिक सिलाई सेन्टर की स्थापना की है। गांव की मनीषा बेलदार के कथन के अनुसार आजकल गांव की महिलाओं की तस्वीर बदल गई है, पूर्व में उन्हें प्रायवेट कम्पनी से ऋण लेना पड़ता था, जो उन्हें काफी महंगा पड़ता था। आजीविका मिशन आने के बाद एवं उनके बताए अनुसार उपलब्ध योजनाओं को अपनाया गया, जिससे प्रायवेट कंपनी से ऋण लेने की प्रक्रिया पर लगाम लग गई, जो गांव के लिए लाभदायक साबित हुई।

सभी महिलाओं ने इस तरह बदली गांव की तस्वीर, ग्वाडिया बना एक आदर्श गांव।

आजीविका मिशन के जिला परियोजना प्रबंधक, संदीप सोनी के अनुसार, करीब एक साल पहले ग्रामीण महिलाओं ने ग्राम में आजीविका मिशन के अंतर्गत 5 समूह, गंगा, मुस्कान, आरती, नर्मदा एवं राधा, स्व-सहायता समूहों का गठन किया गया। समूह गठन के पश्चात महिलाओं ने बचत करना शुरू कर दिया एवं आंतरिक लेन-देन प्रारंभ किया। इसके परिणामस्वरूप तीन माह पश्चात आजीविका मिशन द्वारा समूहों को रिवाल्विंग फंड की राशि स्वीकृत की गई, जो प्रति समूह 12 से 25 हजार रूपए थी।

समूहों के सफल संचालन के बाद 5 समूहों के माध्यम से गांव में ग्राम संगठन का गठन किया गया। इसके बाद आजीविका मिशन ने ग्राम संगठन को 2 लाख 25 हजार रुपए की आजीविका निवेश की राशि प्रदान की। फिर गांव की महिलाओं ने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा।

वर्तमान में ग्वाडिया गांव, समस्त महिलाओं के आपसी सहयोग से आर्थिक दृष्टि से समृद्ध होते हुए विकास की दिशा में अग्रसर हो रहा है।

देखा आपने, कैसे छोटे से गांव की महिलाओं ने आपसी सहयोग से परिस्थितियों में परिवर्तन लाने की कोशिश की और कामयाबी भी मिली और यही सच है!

सभी पाठकों से मेरा सहृदय निवेदन है कि इस मुद्दे पर गहराई से सोचने की आवश्यकता है क्योंकि किसी भी क्षेत्र या संगठन के प्रत्येक कार्य आपसी सहयोग से किए जाएं तो अवश्य रूप से सफलता हासिल होती ही है। वो कहते हैं ना, “Team work is very important to great success”, अर्थात, टीम-वर्क का सफलता हासिल करने में बड़ा महत्त्व होता है।

आप समस्त पाठकों को कैसा लगा मेरा लेख, अपनी आख्या के माध्यम से बताइएगा जरूर।

मूलचित्र : Pixabay

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

59 Posts | 233,438 Views
All Categories