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मुझे सताना हो गया हो तो जान, उस लड़के को सबक सिखा आयें, छेड़ा था उसने कल जिस लड़की को, थोड़ा आराम उसे भी दे आयें।
ये प्यार भरी बातें हो गईं हो तो जान, चलो आज दुनिया घूम आयें। सड़क किनारे उस वृद्धा को, चलो आज थोड़ा सहारा दे आयें।
ये हमारी मुलाक़ात हो गयी हो तो जान, चलो उस परेशान मानुष से मिलन कर आयें। उस डाल पे बैठी चिड़िया को चलो थोड़ा चुग्गा दे आयें।
ये तुम्हारी शरारत हो गयी हो तो जान, चलो उस बच्चे का हाल पूछ आयें। जिसने देखा नहीं मुद्दतों से निवाला, उसे थोड़ा भात खिला आयें।
ये तुम्हारा रुसना हो गया हो तो जान, चलो आज उस किसान को मना आयें। बर्बाद हो गयी फसल जिसकी, उसे थोड़ी तसल्ली दे आयें।
मेरी तारीफ़ हो गयी हो तो जान, चलो आज उस मज़दूर को बचा आयें। जो उतर गया था कल गटर में, उसे आज थोड़ी रिहाई दे आयें।
मुझे सताना हो गया हो तो जान उस लड़के को सबक सिखा आयें छेड़ा था उसने कल जिस लड़की को थोड़ा आराम उसे भी दे आयें।
कब तक बस एक दूसरे में खोए रहेंगे जान चलो आज थोड़ा हम भी फ़र्ज़ निभा आयें।
मूलचित्र : Pixabay
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