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“हम मानते हैं कि दुनिया एक है। हम न केवल अपनी समृद्धि की कामना करते हैं, बल्कि सभी की समृद्धि की भी कामना करते हैं।”- सुषमा स्वराज
“हम मानते हैं कि दुनिया एक है। हम न केवल अपनी समृद्धि की कामना करते हैं, बल्कि सभी की समृद्धि की कामना करते हैं।”- सुषमा स्वराज
अनुवाद : प्रगति अधिकारी
मैंने सुषमा स्वराज को उनके काम, कड़ी मेहनत, परिणाम-उन्मुखता और मानवतावादी दृष्टिकोण के लिए हमेशा प्रशंसा और सम्मान का पात्र माना है। भाजपा के सबसे कुशल नेताओं में से एक, उनकी व्यावसायिकता ने लोगों के प्रति कर्तव्य की भावना से कई दिल जीते। अपने राजनीतिक जीवन के दौरान, उन्होंने कई विभागों और भूमिकाओं की एक प्रभावशाली सूची पर काम किया।
सुषमा स्वराज ‘उत्कृष्ट सांसद(Outstanding Parliamentarian Award)’ पुरस्कार पाने वाली पहली दो महिलाओं में से एक थीं (दूसरी डॉ. नजमा हेपतुल्ला हैं)। वह भाजपा की पहली महिला मुख्यमंत्री, प्रवक्ता, विपक्ष की नेता, महासचिव और विदेश मंत्री (पूर्व में इंदिरा गांधी) भी थीं।
अपनी व्यावसायिकता के अलावा, श्रीमती स्वराज ने एक अच्छे सामरी होने की प्रतिष्ठा अर्जित की। जो भी मदद के लिए उनके पास आता, उन्हें उनकी ये खासियत अच्छे से पता चल जाती। चाहे एक अफ्रीकी महिला की मदद हो, या जर्मनी में अपना पासपोर्ट खो चुकी महिला की मदद, 168 भारतीयों के इराक़ में बंधक बनाए रखने पर किया गया या यमन संकट के दौरान किया गया बचाव अभियान, नेपाल भूकंप के दौरान राहत कार्य, श्रीमती सुषमा स्वराज हमेशा मदद पहुँचाने को तैयार रहतीं। किसी भी प्रकार की मदद या किसी भी अच्छे कर्म को सुषमा एक अहसान नहीं, अपना कर्त्तव्य मानती थीं।
न केवल उन्हें लोगों द्वारा बेहद पसंद किया गया, बल्कि त्वरित प्रतिक्रिया और सर्वोच्च कार्य नैतिकता के लिए विपक्ष द्वारा भी उनकी प्रशंसा भी की गई।
वे असाधारण बुद्धिमत्ता, गंभीर व्यक्तित्व, अनुग्रह और गरिमा से भरपूर एक श्रेष्ठ महिला थीं और उनके जैसे राजनेता दुर्लभ हैं। अपनी गर्मजोशी, आकर्षक व्यक्तित्तव और चेहरे पर एक बारहमासी मुस्कान के बावजूद, सुषमा एक रहस्मयी, मनमोहक और दिलचस्प शख्सियत रखती थीं।
उनके उदाहरण से प्रेरणा लेने वाले महान नेता दुर्लभ हैं। सुषमा स्वराज, वास्तव में एक उदाहरण के रूप में सभी के लिए एक प्रेरणा रही हैं।
हम भारतीय, सौभाग्यशाली हैं कि हमें सुषमा स्वराज के रूप में हमें एक अनुकरणीय नेता और आदर्श प्रतीक की महिला मिलीं। मेरे हिसाब से उनमें एक प्रधानमंत्री की सारी खूबियां उपस्तिथ थीं। मेरा वोट उन्हीं को जाता।
2015 में संयुक्त राष्ट्र में भारत के विदेश मंत्री के रूप में दिए गए एक भाषण में, उन्होंने कहा, “एक महिला और एक निर्वाचित सदस्य के रूप में, यह मेरा दृढ़ विश्वास है कि वास्तविक सामाजिक परिवर्तन का एक शॉर्टकट है – बालिका को सशक्त बनाना।”
इस पोस्ट को लिखते समय मुझे गहरा अफ़सोस है कि वे अब नहीं रहीं। इस दुनिया से भले ही वे जल्दी चली गयीं मगर हमारे दिलों में वे हमेशा ज़िंदा रहेंगीं।
सुषमा स्वराज अमर रहें!
मूलचित्र : Google
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