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मेरे हृदय के तारों को सुर से मिलाती, बेमिसाल जादुई फ़नकार है हिंदी, मेरी मातृभाषा का मान सहेजे, माँ सा अपनत्व और व्यवहार है हिंदी!
मेरी भाषाओं के बीच बाज़ार में, संचित अमूल्य निधि है हिंदी, सरलता और सहजता की, विशिष्ट प्रतिमूर्ति है हिंदी, मेरी संवेदनाओं की, सहज अभिव्यक्ति है हिंदी, मेरी राह के झंझावातों में अडिग, सभ्यता की सजग प्रहरी है हिंदी, वर्ण, अक्षरों, शब्दों के श्रृंगार से, सुंदरता की अद्भुत मिसाल है हिंदी, दर्शन, साहित्य, ज्ञान के भंडार का, अनुपम शब्दकोश है हिंदी, मेरे हृदय के तारों को सुर से मिलाती, बेमिसाल जादुई फ़नकार है हिंदी , तटस्थता और वर्चस्व की प्रतियोगिता में, लहराती विजय पताका है हिंदी, मेरी मातृभाषा का मान सहेजे, माँ सा अपनत्व और व्यवहार है हिंदी, हूँ श्रोता या वक्ता दोनों में ही तो, भावप्रवाह का आधार है हिंदी!
मूल चित्र : Unsplash/Canva
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