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हमारे पढ़े-लिखे समाज में महिलाओं के साथ बदसलूकी की ये तस्वीर शर्मिंदा करने वाली है!

सिंधू की आपबीती, 'मैं चाहती हूं मेरे बच्चों के साथ आगे जाकर कोई इमोशनल ट्रॉमा ना हो इसलिए मैं इतने साल तक चुप रही। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।'

सिंधू की आपबीती, ‘मैं चाहती हूं मेरे बच्चों के साथ आगे जाकर कोई इमोशनल ट्रॉमा ना हो इसलिए मैं इतने साल तक चुप रही। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।’

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आजकल हर व्यक्ति टीवी या सोशल मीडिया के ज़रिए ख़बरों से जुड़ा रहता है। आपने भी अभी एक ऐसी ही ख़बर ज़रूर देखी होगी अगर नहीं देखी तो इनमें से किसी भी लिंक पर जाकर देख लें –

https://www.youtube.com/watch?v=20cszk7zy5E

https://www.youtube.com/watch?v=7LsBdjVaiaQ

ये वीडियो देखने के बाद खुद पर भी शर्म आने लगती है। इस वीडियो में आंध्रप्रदेश और मद्रास हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस नूती राव मोहन, उनकी पत्नी और उनके बेटे अपनी बहू की पिटाई करते हुए दिख रहे हैं। इंसाफ़ देने वाले जज के घर पर ऐसा जस्टिस हो रहा है तो बाकी समाज क्या उम्मीद करेगा?

आज से 7 साल पहले 2012 में पूर्व जज नूती राव के बेटे एन वशिष्ठ की शादी खुशी-खुशी सिंधू शर्मा से हुई थी। सिंधू और वशिष्ठ के 2 छोटे-छोटे बच्चे भी हैं। लेकिन ऐसा क्या हुआ की सिंधू के साथ ऐसा बर्ताव किया गया? एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए पीड़ित सिंधू शर्मा ने अपनी पूरी आपबीति सुनाई।

सिंधू की आपबीति :

मेरे ससुराल वालों के पास बहुत सारा पैसा है। वो अपने पैसे के बलबूते पर जिसे चाहे खरीद सकते हैं। शादी के बाद से ही मेरे सास-ससुर और पति का बर्ताव बहुत अच्छा नहीं रहा है। दहेज के लिए मेरे साथ कई बार मारपीट की गई है। मेरे पिता ने मेरे लिए सब कुछ किया लेकिन इनकी भूख ख़त्म ही नहीं होती। ये लोग अपने बेटे यानि मेरे पति की दूसरी शादी करवाना चाहते हैं ताकि इन्हें दहेज मिले। मैंने इतने साल इस उम्मीद में बिता दिए कि कभी तो शायद इन्हें समझ आएगा। क्या पता कोई चमत्कार हो जाए या मेरे पति मेरा साथ दे दें। इन्हें सज़ा दिलाना मेरा कोई मकसद नहीं था, मैं तो बस ये चाहती थी कि मेरे पति और मैं भले ही अच्छे पति-पत्नी ना हों लेकिन अपने बच्चों के लिए अच्छे माता-पिता बनकर रहें। मेरे बच्चों के सामने मुझे मारा गया और जब वो मेरी मदद करने के लिए आ रहे थे तो उन्हें दूर कर देते। मैं चाहती हूं मेरे बच्चों के साथ आगे जाकर कोई इमोशनल ट्रॉमा ना हो इसलिए मैं इतने साल तक चुप रही। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। एक महिला को घर के बाहर ही नहीं घर के अंदर भी अपने लिए लड़ने का अधिकार होना चाहिए।

सिंधू की ये बातें सुनकर ऐसा लगता है मानो हम आगे बढ़े ही नहीं हैं। इतने सालों तक वो अपने बच्चों और समाज के लिए चुप रही। उनकी शिकायत के बाद हैदराबाद पुलिस ने आरोपी जज और उनकी पत्नी, बेटे पर केस दर्ज कर लिया है।

(सिंधु एवं वशिष्ठ अपनी शादी के समय)

शायद सिंधू को इंसाफ़ मिल भी जाए या उसका पति इज्ज़त के मारे अपनी पत्नी और बच्चों के साथ सही बर्ताव कर लें। लेकिन सोचने की बात ये है कि हमारे पढ़े-लिखे समाज में भी ऐसा क्यों रहा है। ये घटना कोई पहली नहीं है, रोज़ ऐसा हो रहा है।

ऐसा ना हो इसके लिए महिलाओं को भी समाज और परिवार की भलाई से पहले खुद के लिए सोचना होगा। कभी भी ऐसी घटना होने पर इंतज़ार ना करें कि सब ठीक हो जाएगा, तुरंत अपने माता-पिता या पुलिस को सूचना दें ताकि सही समय पर आपके साथ सही हो।

मूल चित्र : Pexels 

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