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अपनी सास को खुश करूँ कि अपने पति को, आखिर कब तक ये सवाल मेरे सामने घूमता रहेगा?

आपके साथ भी ऐसा होता है क्या, पति और सास दोनों को खुश करने के चक्कर में हम महिलाओं की आज़ादी हम से छीन ली जाती है और यह हमारे साथ कब तक होगा? 

आपके साथ भी ऐसा होता है क्या, पति और सास दोनों को खुश करने के चक्कर में हम महिलाओं की आज़ादी हम से छीन ली जाती है और यह हमारे साथ कब तक होगा? 

“आज मिस्टर मेहता के बेटे की शादी में जाना है। शाम को तैयार हो जाना मेरी धर्म पत्नी जी! रीना मेरे लिए, मेरी तरह से ही तैयार होना प्लीज़। मैं ऑफिस से जल्दी आ जाऊंगा”, रोहित ने रीना से कहा।

“जी, मैं तैयार रहूंगी।”

“पापा, मम्मी जी भी हमारे साथ चलेंगे?” रीना ने पूछा।

“हाँ और क्या वो भी चलेंगे। ओके, बाय डिअर!”

शाम को रीना ने रोहित के पसंदीदा रंग की, हल्के बॉर्डर वाली सुंदर सी ग्रीन रंग की साड़ी पहनी, उसी से मिलते-जुलते झुमके भी पहन लिए, हल्का सा मेकअप करके, अच्छे से तैयार हो गई।

तभी सासू माँ आई और बोली, “बहू, सोने के जेवर पहन लेना। बड़े बड़े झुमके मत पहना, और खूब सारी चूड़ियां भी ज़रूर पहनना। अच्छा सा मेकअप भी कर लेना। हमारे जान पहचान के ही हैं मिस्टर मेहता। मेरी बहू हो, पता चलना चाहिए सबको।”

“ठीक है मम्मी जी जैसा आप कहो”, रीना ने वैसे ही किया जैसे उसे कहा गया था।

थोड़ी देर बाद रोहित भी आ गया, “आ गया बेटा?”

“हाँ माँ, थोड़ा लेट हो गया। आप सब तैयार हो ना?”

“हाँ बेटा, तेरे पापा और मैं तो कब से तैयार हैं। ये रीना ही सजने संवरने में इतना समय लगा देती है। कब से तैयार हो रही है, अब तक नहीं हुई।”

“अच्छा मैं देखता हूँ।”

रोहित कमरे में जाकर देखता है रीना तैयार है लेकिन रीना को देखते ही रोहित कुछ नहीं बोला और चुपचाप अपना शाही कुर्ता पायजामा पहन कर तैयार हो गया।

सब शादी में जाते हैं पर रास्ते में कोई बात नहीं होती, सब चुप रहते हैं।

समारोह में काफी सारे लोग जान-पहचान के मिल गए। सबको नमस्ते करते हुये, आशीर्वाद लेते हुए, रीना बहुत खुश थी। मगर रोहित थोड़े गुस्से में लगे और सबके कहने के बाद ही डांस फ्लोर पर दोनों ने डांस भी किया।  लेकिन रोहित तो अभी भी गुस्से में ही था।

“क्या हुआ है रोहित? गुस्से में क्यों हो? कुछ प्रॉब्लम है क्या? ऑफिस में कुछ हुआ है क्या?” रीना ने पूछा।

“कुछ नहीं और तुम क्या ये जोकर बनकर आयी हो पार्टी में!”

“तुम्हें मैंने सुबह ही बताया था कि मेरे लिए अच्छे से तैयार होना, लेकिन तुम्हें मेरी कोई परवाह नहीं है।”

“इतना सारा मेकअप क्यों किया है तुमने? और इतने सारे जेवर पहनकर तुम चलती-फिरती कोई दुकान लग रही हो।”

“तुम भी ना पूरी बेवक़ूफ़ हो! तुमने मुझसे शादी की है या मेरी माँ से जो उनके बताए तरीके से तैयार होकर आई हो मेरे साथ।”

रीना उदास हो जाती है और कुछ नहीं बोल पाती, बस इतना ही कहती है, “तुम दोनों माँ-बेटे मेरे दो हिस्से कर दो, मैं कुछ नहीं कहूँगी”, और वह वहां से चली जाती है।

दोस्तों, आपके साथ भी ऐसा होता है क्या कि पति और सास दोनों को खुश करने के चक्कर में हम महिलाओं की आजादी हम से छीन ली जाती है? यदि हाँ, तो यह हमारे साथ कब तक होगा?

मूल चित्र : Pexel

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