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करवा चौथ का व्रत रखने से ही प्यार और उम्र बढ़ेगी ऐसा नहीं है, बस व्रत रखें तो ख़ुशी से रखें और पतिदेव, आप इस करवा चौथ अपनी पत्नी का ख्याल रखें।
करवा चौथ व्रत रखने से ही प्यार और उम्र बढ़ेगी ऐसा नहीं है, बस व्रत रखें तो ख़ुशी से रखें और पतिदेव, आप इस करवा चौथ अपनी पत्नी का ख्याल रखें।
अभी कुछ ही दिनों में करवा चौथ व्रत आने वाला है। करवा चौथ का व्रत पत्नियों के लिए सच में एक परीक्षा जैसा होता है जब उन्हें भूखे, प्यासे सारा दिन बस ये इंतज़ार करना है कि ‘चांद कब निकलेगा!’
चलिए, मानते हैं और सम्मान भी करते हैं कि ये एक रिवाज़ है, जिसे बीवियां अपनी खुशी से रखती हैं। लेकिन इस एक दिन उनका ख़ास ख्याल रखना आपकी (पति) ज़िम्मेदारी है। एक तरफ़ वो आपके लिए व्रत भी रखें और दूसरी तरफ़ घर के सभी काम भी करें वो भी भूखे-प्यासे, ये तो ग़लत बात है।
पहली बात तो करवा चौथ व्रत के दिन घर की महिलाओं से कोई काम ना कराएं। वैसे ही रोज़ घर के काम करते-करते वो थक जाती हैं, ऐसे में आज के दिन बिना अन्न-जल के अगर वो काम करेंगी, तो उनकी तबीयत खराब हो सकती है। वो एक इंसान है सुपरवुमेन नहीं, इसे समझिए।
सरगी और दोपहर को कथा के वक्त महिलाएं चाय-जूस वगैरह पी लेती हैं। उनके साथ सुबह उठ जाएं या उन्हें चाय बनाकर पिला देंगे तो पत्नी को अच्छा लगेगा और हिम्मत भी मिलेगी।
कई बार देखा गया है कि ससुराल वाले बहुओं को इस दिन भारी-भारी कपड़े पहनने के लिए कह देते हैं। अच्छा पहनना अच्छी बात है, लेकिन ज़रूरी नहीं की सितारों और सीपियों से भरा लहंगा या साड़ी ही अच्छी लग सकती है। सादा सा सूट और प्यारी सी चूड़ियां पहनकर भी वो ख़ूबसूरत लग सकती हैं। आजकल लड़कियां सहज कपड़े पहनना पसंद करती हैं इसलिए, क्या पहनना है, क्या नहीं, ये थोपिए मत।
करवा चौथ व्रत के लिए रात को चांद को अर्घ देने के बाद जब महिला रात को खाना खाए तो कोशिश करें कि आप (पति) उनके साथ ही खाएं। उन्हें अच्छा लगेगा। इतना तो बनता है ना आख़िर? वो आपके लिए पूरा दिन भूखी-प्यासी भी तो रही हैं। खाने में पत्नी की कोई मनपसंद डिश बनाकर देने का कष्ट करेंगे तो उनकी ख़ुशी और भी बढ़ जाएगी।
करवा चौथ के व्रत को आसान तो बिल्कुल नहीं कह सकते। आखिरकार शरीर को काम करने लिए खाने की ज़रूरत तो पड़ती ही है। पानी की एक भी बूंद पिए बिना पूरा दिन घर और ऑफिस संभालना बहुत ही मुश्किल है। इसलिए ये औरत का हक होना चाहिए कि वो खुद चुनें कि वो व्रत रखना चाहती है या नहीं। अगर उन्हें अपनी ख़ुशी से व्रत रखना है तो ठीक है और अगर वो व्रत रखना नहीं चाहतीं तो उन्हें अंधविश्वास की कहानियों में फंसाकर व्रत रखने पर मजबूर ना करें। आजकल की कामकाजी महिलाओं को सब संभाल पाना मुश्किल हो जाता है, इसलिए कई व्रत ना रखना चुनती हैं।
ये सही है कि हमारे रिवाज और परंपराएं ही हमें सबसे अलग बनाते हैं, लेकिन मैं बस इतना कहना चाहती हूं कि उनका सम्मान करें, उन्हें ख़ुशी से मनाएं बस किसी पर बोझ ना बनाएं। जैसे कोई मंदिर नहीं जाता तो इसका मतलब ये नहीं कि वो भक्त नहीं। करवा चौथ का व्रत रखने से ही प्यार और उम्र बढ़ेगी ऐसा नहीं है। बस व्रत रखें तो ख़ुशी से रखें और अपना ख्याल रखें।
मूल चित्र : YouTube
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