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जिंदगी का फलसफ़ा

यदि पता होता कि बड़े होकर ये सब झेलना पड़ेगा तो हम बड़े होते ही क्यों? पर अब जब बड़े हो ही गए हैं तो क्यों न ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा कुछ यूं समझ लें

यदि पता होता कि बड़े होकर ये सब झेलना पड़ेगा तो हम बड़े होते ही क्यों? पर अब जब बड़े हो ही गए हैं तो क्यों न ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा कुछ यूं समझ लें

सही कहा है …
* ज़िन्दगी में कई रंग आते हैं
* ज़िन्दगी में बहुत दुःख हैं
* ज़िन्दगी में बहुत ठोकरें मिलती हैं
* ज़िन्दगी में सभी धोखा देते हैं

यदि पता होता कि बड़े होकर ये सब झेलना पड़ेगा तो हम बड़े होते ही क्यों ?

पर अब जब बड़े हो ही गए हैं तो क्यों न ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा कुछ यूं समझ लें
* ज़िन्दगी बहुत सतरंगी होती है
* ज़िन्दगी में धूप छाँव आती ही रहती है
* ज़िन्दगी का रास्ता ऊपर नीचे होता रहता है
* ज़िन्दगी में आने वाले हर इंसान से हम बहुत कुछ सीखते हैं

दुनिया तो वही है, पर नज़रिया बदल लीजिये तो ज़िन्दगी में बहार आ जाएगी…

मूल चित्र : Pexels 

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