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एक नया आशियाँ अब उसने भी बनाया है, मंजिलों की राहों को छोड़ कर, यूँ ही चलते चलते अब इन राहों पर ज़िंदगी जीने के नए बहाने मिल गए हैं।
जीती थी जो औरों की मन की शान्ति के लिए, गैरों की हँसी और अपनों की खुशी के लिए।
आज देखकर उसे एक नया अनुभव हुआ, छोड़ते हुए जिसने कड़वे लम्हों को पीछे, खुद के लिए जीने का निश्चय किया।
कट तो रही थी ज़िंदगी यूँ भी शनै: शनै: पर सलीके से ज़िंदगी जीने के लिए कुछ नए पैमानों को गढ़ा गया कुछ छोड़ा तो कुछ नया रचा गया।
बदल रही है अब उसकी भी सोच बदलती हवाओं के साथ, खो नहीं सकती अब शांति वो भी अपने मन की, हर बदलती ज़रूरतों के साथ।
एक नया आशियाँ अब उसने भी बनाया है उस अँधेरी रात के बाद फिर नया सवेरा आया है।
ज़िंदगी जीने के तरीके अब उसके भी बदल गए हैं कुछ और ना सही पर उसके हौंसलों को पंख मिल गए है।
अब मुश्किल है शायद पीछे मुड़ना, मंजिलों की राहों को छोड़ कर, यूँ ही चलते चलते अब इन राहों पर ज़िंदगी जीने के नए बहाने मिल गए हैं।
मूल चित्र : Canva
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