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अरे, एक बार गलती से इसने गर्म पानी को छू लिया था। तब तो यह सिर्फ 2 साल का ही था। तब से आज तक इसने कभी भी किसी गर्म बर्तन को नहीं छुआ।
“अरे दीदी, देखो सोनू गर्म पानी के पास क्या कर रहा है। तुमने भी पानी की भरी बाल्टी यही आंगन में लगा रखी है। कैसी माँ हो, सोनू का बिल्कुल ध्यान नहीं रखती। सोनू अभी 4 साल का ही है, जल जाएगा वो! और जलने के बाद बहुत दर्द होता है तुम्हें पता है ना?”
दीदी मुस्कुराने लगी और बोली, “तुम भी ना छोटी! बहुत जल्दी डर जाती हो। देखो तो सही, क्या करता है वह। देखा तो!”
सोनू पानी के पास गया उसे बड़े गौर से देखा और दूर हट गया।
“यह क्या दीदी? सोनू को क्या हुआ? वह तो दूर हट गया!”
“हां विभा, उसे पता है कि पानी बहुत गर्म है। चाहे ठंडा भी क्यूं ना हो, वह हाथ नहीं लगाएगा।”
“अच्छा! लेकिन यह कैसे?”
“अरे, एक बार गलती से इसने गर्म पानी को छू लिया था। तब तो यह सिर्फ 2 साल का ही था। तब से आज तक इसने कभी भी किसी गर्म बर्तन को नहीं छुआ। हां, शुरू से ही हम बोल देते हैं कि यह गर्म है, तो यह वहां से भाग जाता था। अब तो प्रेस से भी दूर भागता है।”
“एक बार तो इसने अपने ब्रुनी के कान को इतना जोर से मरोड़ दिया कि वह ज़ोर से चिल्लाया और इसे भौंका, फिर तो सोनू इतना डर गया कि आज भी उसके साथ खेलता तो है लेकिन उसे कभी छेड़ता नहीं है।”
“एक बार गलती की थी जो अभी तक याद है उसे। और तो और, वह किसी बाहर के जानवर को तो अपने पास भी नहीं आने देता, पहले ही रोना शुरू कर देता है।”
“अब बड़ा होने लगा है, तो इसे पता चल जाता हैं कि मैंने यहां गलती की थी, तो अब आगे ना करूं। वैसे मैं तो हूं ही इसका ध्यान रखने के लिए।”
“वाह दीदी! सही कहा तुमने। बच्चे अपनी गलतियों से ही सीख जाते हैं, तभी तो सोनू इतना तेज़ और बुद्धिमान है।” और फिर दोनों बहने खिलखिला कर हंसने लगीं। सोनू दीदी की गोदी में हल्के हल्के खर्राटे लेने लगा।
दोस्तों, आपके बच्चों ने भी गलती से कोई बात ज़रूर सीखी होगी। मुझे ज़रूर बताएं। साथ ही, आप मेरे विचारों को लाइक, कॉमेंट और शेयर ज़रुर करें।
मूल चित्र : Pixabay
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