कुछ और ज़्यादा नहीं, बस इतना ही चाहती हूँ!
मेरे शब्द और कर्म से पहचानों मुझको, सूरत, सौंदर्य और क्षमता तो बदलेगी उम्र के साथ-साथ, मेरी भावनाओं से मेरी कद्र पहचानी जाए, बस इतना ही चाहती हूँ। सूरत, सौंदर्य और क्षमता तो बदलेगी उम्र के साथ-साथ मेरी भावनाओं से मेरी कद्र पहचानी जाए, बस इतना ही चाहती हूँ। मेरे शब्द और कर्म से पहचानों … कुछ और ज़्यादा नहीं, बस इतना ही चाहती हूँ! को पढ़ना जारी रखें
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