कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

‘हाय, कोई तो मेरी मदद कर दो!’ क्या ये पुकार आपकी भी है?

क्या विभा की तरह आपके घर के काम भी ख़त्म नहीं होते? विभा की दीदी ने ज़िंदगी आसान बनाने के लिए कुछ बढ़िया टिप्स उसको बताये और ये टिप्स आपकी भी मदद कर सकते हैं! 

क्या विभा की तरह आपके घर के काम भी ख़त्म नहीं होते? विभा की दीदी ने ज़िंदगी आसान बनाने के लिए कुछ बढ़िया टिप्स उसको बताये और ये टिप्स आपकी भी मदद कर सकते हैं! 

“विभा कहां हो? कहां हो तुम? तुम्हारी बहन का फोन आया है”, विराज ने कहा।

“अरे आ रही हूँ, किचन में हूँ। तुम्हारे लिए चाय बना रही हूँ।”

विभा आकर अपना मोबाइल लेकर अपनी बहन से बात करने लगी, “क्या हुआ दी? कई दिनों के बाद कॉल किया। सब ठीक है ना। हाँ, यहां सब ठीक है। तुम बताओ कहाँ थीं? कब से कॉल कर रही हूँ। फोन क्यूं नहीं उठाती तुम?”

“अरे दीदी क्या बताऊं? सुबह-सुबह इतना काम होता है, फुर्सत ही नहीं मिलती, सुबह ५ बजे से ही लग जाती हूँ, बच्चों को उठाना, तैयार करना, टिफिन बनाना, फिर उन्हें स्कूल बस तक छोड़ना, फिर आकर विराज के लिए चाय, नाश्ता, टिफिन। फिर मम्मी जी और पापाजी का चाय-नाश्ता बनाना तभी बीच-बीच में घर की थोड़ी बहुत साफ सफाई भी लगी रहती है। तुम बताओ कोई खास काम था क्या?”

“नहीं रे! कल रात मम्मी का फोन आया था, बोल रही थी कि विभा को तो बात करने की भी फुर्सत नहीं है जब देखो काम ही काम। काम तो हम भी करते हैं, वही जो तुम करती हो फिर इतना बुजी कैसी रहती हो?”

“आओ, मैं तुम्हे कुछ टिप्स देती हूँ जिससे तुम थोड़ा समय अपने लिए भी बचा लोगी।”

“हां बताओ दीदी।”

“सबसे पहले तुम अपने बच्चों को आत्मनिर्भर बनाओ। उनसे खेल-खेल में अपने काम खुद करवाओ, जैसे अपने कपड़े समेट कर रखना, रात को ही अपना स्कूल बैग पैक करना, स्कूल के मोजे, रुमाल, बेल्ट, आई कार्ड, आदि चीज़ें संभाल कर एक नियत स्थान पर रखना। जब वह रोज वो चीजें रखेंगे तो तुम्हें परेशान नहीं होना होगा और सुबह तुम्हारा टाइम बचेगा।”

“छुट्टी वाले दिन बच्चों से घर की साफ-सफाई करवाओ, जैसे उनकी अलमारी साफ करना, उनके कपड़ों को धोना, उन्हें खुद नहाने के लिए तैयार करना और उन्हें खुद ही अपने कपड़े और बाल संवारने के लिए मोटिवेट करना। साथ ही साथ घर के पेड़-पौधों को पानी देना भी सीखना चाहिए।”

“बच्चों को यह भी सिखाओ कि कैसे आप रसोई में माँ की हेल्प कर सकते हो, सब्जियों को धोना, अपने लिए सैंडविच बनाना, मैगी बनाना सिखाओ, आजकल तो मार्केट में रेडी तो कुक (ready to cook) काफी सारे प्रोडक्ट मौजूद हैं जैसे डोसा, इडली, दही बड़ा, गुलाबजामुन और ना जाने क्या-क्या मिल जाता है, ये सब भी तुम अपने बच्चों को सिखा सकती हो। ताकि छुट्टी वाले दिन बच्चों से थोड़ी मदद ले ली जाये।”

“सब्जियों को, सलाद को काटने में,कपड़े सुखाने में, कपड़ों को प्रेस करने में, अपने पालतू जानवर की सफाई करने में पतिदेव से भी थोड़ी में मदद लिया करो।”

“इन सबकी सहायता से तुम्हें परेशानी भी नहीं होगी और तुम अपने लिये भी समय निकाल लोगी। विभा फिर देखना तुम भी मेरी तरह हाई टेक बन जाओगी।”

ये सुनकर विभा ने कहा, “दी तुम्हारी इन बातों को याद करके मैं भी अपने बच्चों और अपने पतिदेव की आज से ही मदद लूंगी और अब मम्मी और मायके वालों को शिकायत का कोई मौक़ा नहीं दूंगी।”

आप सबको भी यह टिप्स कैसे लगे जरूर बताएं और आप अपने घरेलू काम को पूर्ण करने में किसी की हेल्प लेते हों तो भी मुझसे जरूर शेयर करें।

मूल चित्र : Pexels

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

90 Posts | 613,138 Views
All Categories