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कृति खरबंदा फ़िल्म चेहरे से क्यों हुईं बाहर? क्या उनकी ‘ना’ सम्माननीय नहीं है?

कृति खरबंदा फ़िल्म चेहरे से बाहर हुईं - जो स्त्री अपनी अस्मिता और सम्मान के लिए किसी पुरुष को नकार देती है, क्यों उसकी आवाज़ दबा दी जाती है?

कृति खरबंदा फ़िल्म चेहरे से बाहर हुईं – जो स्त्री अपनी अस्मिता और सम्मान के लिए किसी पुरुष को नकार देती है या आवाज़ उठाती है, क्यों उसकी आवाज़ दबा दी जाती है?

हाल ही में बॉक्स ऑफिस पर धमाका कर चुकी फ़िल्म हाउसफुल ४ की एक कलाकार कृति खरबंदा इन दिनों अपने सटीक निर्णय की वजह से चर्चा में हैं।

हाउसफुल ४ की सफलता के बाद कृति ने दो और फिल्में साइन की – पागलपंती और चेहरे। इन दोनों फिल्मों में से, कृति के लिए ज़्यादा ख़ास फ़िल्म थीचेहरेचेहरे फ़िल्म में उन्हें महानायक अमिताभ बच्चन, इमरान हाशमी और अनु कपूर के साथ काम करने का मौका मिला। फ़िल्म का दिग्दर्शन रूमी जाफरी कर रहे हैं और यह फ़िल्म एक थ्रिलर है।

हाल ही में फ़िल्म के निर्माता आनंद पंडित काट्वीट आया कि अब कृति इस फ़िल्म का हिस्सा नहीं हैं। काफी आश्चर्यजनक रूप से सामने आई इस खबर से कई सवाल उठे। कृति का इतने उम्दा और जानेमाने कलाकारों के साथ काम करने का मौका छोड़नेवाली खबर कुछ अजीब सी लग रही थी।

पर कृति खरबंदा फ़िल्म चेहरे से बाहर क्यों हुईं? पता चला है कि कृति ने एक चुम्बन वाले कामुक सीन को करने पर ऐतराज़ जताया। इस सीन में कृति को एक सह कलाकार के साथ इंटिमेट किसिंग सीन करना था और इमरान हाशमी साथ वाले कमरे से उन्हें झांक कर देख रहे होते हैं। इस सीन को करने से पहले कृति ने रूमी जाफरी से कहा कि इस सीन की उन्हें पटकथा में ज़रूरत महसूस नहीं हो रही है।

उन्हें लगा कि सिर्फ फ़िल्म का विस्तार करने के लिए इस सीन का उपयोग किया जा रहा है। इस बात को के कर कृति और रूमी के बीच बहस हो गई और फ़िल्म के निर्माता आनंद पंडित ने ओफ़्फ़िशियल तौर पर कृति का फ़िल्म से बाहर निकल जाना ट्वीट किया।

यह खबर वायरल हुई और हर बार की तरह हमारा पुरुषप्रधान समाज स्त्री पर आरोप लगाने में कहीं भी पीछे नहीं हटा। कृति के बारे में कहा गया कि कृति के फालतू के नखरों के कारण उसे फ़िल्म से बाहर जाने का रास्ता दिखाया गया। यह भी कहा गया कि इस तरह के सीन आज के फिल्मों कि ज़रूरत भी हैं और आकर्षण भी। ऐसे सीन को नकार कर कृति ने अपना करियर दांव पर लगाया है। गौरतलब है कि कुछ ख़बरों के अनुसार, कृति को निकाले जाने के बाद ही तुरंत एलनाज़ नौरोज़ी(इस पोस्ट के छपने तक औरों का नाम भी सुनने में आ रहा है) को इस रोल के लिए साइन कर लिया गया। एलनाज़ नेसेक्रेड  गेम्स नेट सीरीज़ से अपनी पहचान बनाई है।

निराशाजनक बात यह है कि कृति का अपने शारीरिक सम्मान को लेकर किया गया फ़ैसला कितने ही ग़लत तरीके से मीडिया में उछाला गया है। आजकल की फिल्में कामुकता और भद्दे सीनस को भुनाने में कामयाब रही हैं। इन फिल्मों की इन्हीं मांग के चलते फिल्मी जगत में अपने पैर जमाने आयी कलाकार लड़कियां अपने शारीरिक सम्मान से समझौता कर लेती हैं। और जो स्त्री अपनी अस्मिता और सम्मान के लिए किसी पुरुष को नकार देती है या आवाज़ उठाती है, उसकी आवाज़ दबा दी जाती है या फिर कृति की तरह उसे बाहर फेंक दिया जाता है।

इस पूरे वाक़िए के बारे में सोचा जाए तो सिक्के का एक पहलू यह भी हो सकता था कि रूमी कृति की इस बात को समझते, उनकी अस्मिता को ध्यान में रखकर सीन में थोड़ा बदलाव कर सकते तो यह एक मिसाल पूरे इंडस्ट्री के लिए होती।

सवाल अब भी वहीं है। कब तक हमें अपनी अस्मिता, सम्मान और गौरव के लिए लड़ना होगा? कब तक स्त्रियों का नकार पुरुषों के अहंकार को आहत करता रहेगा? कब हमारे पुरुष सहयोगी यह स्वीकार कर पाएंगे कि स्त्री की नकार का भी आदर करना होगा।

दो दिन पहले पुरुष दिवस जिस जोर शोर से मनाया गया आइए उसी पुरुष दिवस पर अपने पिता, पति,भाई और बेटों को यह सिखाएं कि स्त्री की नकार उसकी अस्मिता का हिस्सा हो सकती है

मूल चित्र : Canva/Google

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Pragati Bachhawat

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