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योनि को समझें और उसकी सबसे अच्छी दोस्त बनें। जानें ये ज़रूरी बातें योनि के बारे में जिससे वो स्वस्थ्य रहे क्यूंकि ये साथ उम्र भर का है!
अनुवाद : समिधा नवीन
स्त्री के प्रजनन अंगों में एक महत्वपूर्ण अंग योनि है जिसकी स्वच्छता अति आवश्यक है। जानिये कि कैसे योनि को स्वच्छ व स्वस्थ रख सकते हैं –
क्या कभी आपने अपने शरीर को जानने की कोशिश की? यहां शरीर से मेरा तात्पर्य स्त्री प्रजनन प्रणाली से है।
आपका प्रजनन तन्त्र कई अंगों से मिल कर बना है जैसे –
हम में से अधिकांश लोग योनि के बारे में जानते हैं किन्तु इसे वल्वा(vulva) से जोड़ देते हैं। अब आप पूछेंगे वल्वा क्या है?
वास्तव में, वलवा शब्द बाहृय जननांगों(external reproductive organs) लेबिया/लेबिया मजोरा, लेबिया माइनोरा, बार्थोलिन ग्रन्थियाँ, क्लाइटोरिस और वैजाइना के लिए संयुक्त रूप से किया जाता है।
अतः आगे से हम वल्वा शब्द को बाहरी जननांगों के सन्दर्भ में प्रयोग करेंगें न कि योनि(vagina) के लिए। किन्तु आज का विषय है योनि! आइये जाने योनि के बारे में और…
योनि स्त्री प्रजनन प्रणाली का एक महत्वपूर्ण अंग है जो कि लचीला और मांसल होता है। यह एक प्रकार की नली होती है जिसमें चिकनाई और संवेदना प्रदान करने वाली एक कोमल और लचीली परत होती है। प्रकृति ने इसकी संरचना इस प्रकार की है कि ये संभोग और शिशु जन्म की प्रक्रिया को सरल और सहज बनाती है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह आपके बाह्य जननांगों अर्थात वल्वा को गर्भाश्य ग्रीवा(curvix) और गर्भाश्य(uterus) से जोड़ती है। आप इसे वल्वा और गर्भाशय के बीच संपर्क बिंदु कह सकते हैं।
योनि, जिसके मुख पर एक बारीक झिल्ली, हाइमन, जो अर्धचन्द्राकार के रुप में होती है, मासिक धर्म के समय रक्त बहाव के मार्ग को सरल बनाती है।
योनि का मुख्य कार्य हानिकारक सूक्ष्मजीवों को दूर रखना है। ये सूक्ष्मजीव संक्रमण कर सकते हैं और यहाँ तक कि मूत्राशय के संक्रमण (urinary tract infection)का कारण भी बन सकते हैं।
लैक्टोबैसिलस एसिडोफिलस एक ऐसा जीव है जो स्त्रियों में प्रजनन काल 15-40 वर्ष की आयु में कुदरती तौर पर विद्यमान रहता है। ये लैक्टोबैसिलस एसिडोफिलस स्त्रावित लेक्टिक एसिड के द्वारा योनि में अम्लीय वातावरण बनाते हैं, जिसके कारण योनि का pH 4.9- 3.5 के मध्य रहता है।
यही अम्लीय वातावरण विभिन्न जीवाणुओं का पनपने नहीं देता। यही योनि को संक्रमण से मुक्त रखता है और हानिकारक जीवाणुओं को गर्भाश्य तक नहीं पहुँचने देता।
अब अपनी योनि को स्वच्छ व स्वस्थ रखने के बहुत से कारणों को आप जान चुके हैं। आइए अब जानते हैं किन-किन तरीकों से आप अपनी योनि को स्वस्थ रख सकते हैं –
डूशिंग शब्द का प्रयोग योनि को पानी जैसे तरल पदार्थ से धोने के लिए किया जाता है। हम आमतौर पर मूत्रविसर्जन के बाद या मासिक धर्म के दौरान योनि को पानी से बार-बार साफ करते हैं।
हालाँकि यह सही अभ्यास नहीं है। डूशिंग आपकी योनि में प्राकृतिक रूप से होने वाली माइक्रो फ़्लोरा को नष्ट सकता है जिससे पीएच का संतुलन बिगड़ सकता है। ऐसा करना हानिकारक जीवाणुओं को आमंत्रित करता है, ताकि वे संक्रमण पैदा कर सकें।
योनि में एक प्राकृतिक स्व-सफाई तंत्र है, अतः इसे पानी से धोना आवश्यक नहीं है।
धीरे से अपनी योनि को एक स्वच्छ कपड़े से पोंछें और डूशिंग बिल्कुल न करें।
टैम्पोन या मेंस्ट्रुअल कप अन्दर डालने से पहले अपने हाथों को एंटी-बैक्टीरियल वॉश से अच्छी तरह धो लें। हमें हाथ धोने के बाद ही अपनी योनि को छूना चाहिए।
जब भी हम चीजों को छूते हैं, तो हमारे हाथों में अनगिनत कीटाणु आ जाते हैं। अतः अपने हाथ धोना बहुत ही आवश्यक है!
चाहे आपने एक नया मेंस्ट्रुअल कप खरीदा है या आपकी अलमारी में पहले से ही उपयोग किया गया कप है, तो भी इसे उपयोग करने से पहले कृपया स्टरलाइज़ कर लें। स्टरलाइज़ करना हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करता है और आपको योनि संक्रमण से सुरक्षित रखता है।
जब आपके पीरियड्स खत्म हो जाएं, तो इसे फिर से स्टरलाइज़ करें और इसके कवर में रख दें। याद रखिए कि मेंस्ट्रुअल कप को आपकी योनि में 5-6 घंटे के लिए लगातार रहना होता है इसलिए इसे साफ और स्टरलाइज़ करना अति आवश्यक है।
हमेशा के लिए सुरक्षित सेक्स की आदत डाल लें। कॉन्डोम के प्रयोग से यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) से बचाव रहता है।
इसलिए सुरक्षित और स्वस्थ रहने के लिए सुरक्षा साधनों का प्रयोग अच्छा रहता है।
आपको संभोग के बाद पेशाब ज़रूर करना चाहिए क्योंकि यह मूत्र सम्बन्धी संक्रन्मण(यूटीआई) की संभावना को कम करता है, जो कि यौन रूप से सक्रिय महिलाओं में बहुत पाया जाता हैं। सेक्स के बाद पेशाब करने से आपको संक्रमण करने वाले जीवों से छुटकारा पाने में मदद मिलती है, यानि आप संक्रमण से बच सकते हैं।
अपने प्यूबिक हेयर को काटकर उस स्थान को साफ रखें, किन्तु पूरी तरह से काटने का सुझाव बिलकुल नहीं है। प्यूबिक हेयर आपकी योनि को हानिकारक बैक्टीरिया से बचाते हैं और कई स्त्रियों में घर्षण या पसीने से होने वाली समस्याओं को कम करता हैं।
जब लुब्रिकेंट का उपयोग करना महत्वपूर्ण है, तो इसमें प्रयुक्त सामग्री की जांच करना भी महत्वपूर्ण है। पैराबेनज़, सुगन्ध, ग्लिसरीन, डाई और अप्राकृतिक तेलों वाले लुब्रिकेंट से हर कीमत पर बचना चाहिए।
इस प्रकार के लुब्रिकेंट आपकी योनि के पीएच के लिए हानिकारक होते हैं और अवांछित जीवाणुओं को पनपने का कारण बन सकते हैं।
आप पानी या सिलिकॉन आधारित लुब्रिकेंट, पर बिना ग्लिसरीन के, का उपयोग कर सकते हैं। ग्लिसरीन की चीनी यीस्ट बढ़ने के लिए एक अनुकूल वातावरण प्रदान कर सकती है। या येयीस्ट संक्रमण का कारण हो सकता है।
अपने अंडरवियर को प्रतिदिन बदलें और आप हमेशा इसे गर्म पानी से धोएं। यदि आपका अंडरवियर गीला है, तो कृपया इसे तुरंत बदल दें वरना अवांछित बैक्टीरिया या यीस्ट संक्रमण की वृद्धि हो सकती है।
सिंथेटिक के बजाय सूती अंडरवियर पहनें, क्योंकि ये ही आपकी योनि के स्वास्थ्य के लिए सही है।
अपनी योनि को सांस लेने और आराम देने के लिए रात में अंडरवियर पहनने से बचें (मासिक धर्म के समय को छोड़ कर)।
आपको अपने सैनिटरी नैपकिन और टैम्पोन को बदलते रहना चाहिए। इसे ज़्यादा लंबे समय तक रखना अवांछित रोगाणुओं और संक्रमणों का कारण बन सकता है।
आपको ऐसे किसी भी उत्पादन का उपयोग नहीं करना चाहिए जो योनि के लिए नहीं बना है। योनि में स्वयं कोई गंध नहीं होती और यह अपने आपको साफ कर सकती है। डिओडोरेंट / साबुन/ टैल्कम पाउडर का प्रयोग पीएच के स्तर को असंतुलित कर सकता है।
इसके अतिरिक्त आपकी योनि में एक नाज़ुक और कोमल परत होती है जो साबुन के प्रयोग से सूख सकती है।
एंटीबायोटिक दवाओं के अधिक सेवन से अच्छे और बुरे दोनों तरह के सूक्ष्म जीवाणु नष्ट हो सकते है, इससे माइक्रो-फ्लोरा में परिवर्तन होकर संक्रमण हो सकता है, विशेष रूप से यीस्ट संक्रमण(yeast infection)।
इसलिए एंटीबायोटिक दवाइयों से बचें, यह लंबे समय में आपको हानि पहुंचा सकती हैं।
यदि आप वॉशरूम जाने के बाद अपने जननांगों को पोंछने के लिए एक कपड़े (या tissue) का उपयोग करते हैं तो एक सुझाव है : हमेशा सामने की ओर पोंछें, पीछे से नहीं। पीछे की ओर पोंछने से मल-पदार्थ योनि के सम्पर्क में आकर आपके मूत्रमार्ग(urethra) को संक्रमित कर सकता है।
यदि योनि के बारे में आपके पास भी ऐसी कोई उपयोगी जानकारी हैं, तो हमें बताएं!
‘क्या तुम जानती हो’ के इस वीडियो में पूजा से जानिए योनि एवं प्रजनन के स्वास्थ्य बारे में
मूल चित्र : Canva
A Nutritionist, Clinical Dietitian, Speaker, health/fitness blogger, online show host, menu planner, menstrual health, and holistic health advocate who runs a nutrition website named NutriBond and a movement named the Period movement. She loves read more...
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