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दर्द हो जीवन में, तड़प हो राह में, तो सवाल स्वत: ही उठते हैं

एक बेटी की आवाज़ है ये - अब ले तेरी कोख से जन्म मैं, कोहराम ऐसा मचा दूंगी मैं भारत में, कानून ऐसा सख़्त कि होंगे दंडित बलात्कारी ऐसे कि कानून भी थर्रा जाएगा!

एक बेटी की आवाज़ है ये – अब ले तेरी कोख से जन्म मैं, कोहराम ऐसा मचा दूंगी मैं भारत में, कानून ऐसा सख़्त कि होंगे दंडित बलात्कारी ऐसे कि कानून भी थर्रा जाएगा!

दर्द हो जीवन में, तड़प हो राह में, तो सवाल स्वत: ही उठते हैं
देख दर्द रेप का एक अनखिली कली
पूछ रही एक सवाल मां से कोख में
डरी सहमी कोख में पल रही एक बेटी..
पूछ रही सवाल माँ से भारत में…
माँ! क्यों? हैवान समाज पनप रहा है भारत में?
क्यों मानवता तार-तार हो रही है ऋषियों के भारत में?
क्या ये भेड़िए के वेश में इंसान या
इंसान के वेश में भेड़िए हैं भारत में?
क्यों भूखी निगाहें घूरती चारों ओर नारी को भारत में?
क्यों अस्मिता उसकी लूट, स्वच्छंद घूम रहे हैं हैवान भारत में?
काली, दुर्गा, लक्ष्मी, शक्ति की वसुधा पर
क्यों जलाई मारी जा रही हैं बेटियां भारत में?
समाज, प्रशासन, कानून क्यों बहरे हो गए हैं भारत में?
स्वच्छता अभियान खूब चला रहे नेता
स्वच्छ मानसिकता अभियान कब चलाएंगे वे भारत में?
पूछ रही कोख़ की हर बेटी…कल मैं भी जल कर न मरूँ…
इस सवाल का जवाब कौन देगा भारत में?
माँ! यह मोमबत्तियां कब तक जलेंगी?
कब स्वच्छंद हवा में जी पाएंगी बेटियां भारत में?

अपने सवालों का खुद जवाब देती बेटी कहती…
मां! मैं करती समाधान इन सवालों का…
मां! अब न चुप बैठ-हम, तुम, सब को कुछ करना होगा
स्वरक्षा हेतु खुद लड़ना होगा
अब ले तेरी कोख से जन्म मैं…
कोहराम ऐसा मचा दूंगी मैं भारत में…
नारी सेना संगठित कर, उनको सक्षम ऐसा बना दूंगी मैं
फिर पढ़ लिख कानून की मुख्य धारा में बह
कानून ऐसा सख़्त बना देंगी हम
होंगे दंडित बलात्कारी ऐसे कि…
कानून भी थर्रा जाएगा भारत में
फिर न कोई भेड़िया, भेड़ की खाल में
छिप पाएगा मेरे भारत में
जब होगी दरिंदगी विहीन धरा
होगा चरित्र निर्माण भारत में
तब हर्षित हो स्वर्ग से निर्भया,
कर देंगी करतल ध्वनि मेरे भारत में।

मूल चित्र : Canva

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