कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

मिलिए लेडी रोबोट व्योममित्र से

स्त्री सशक्तिकरण की मिसाल व्योममित्र रोबोट सारी स्त्री जाति के विकास का परिचायक है स्त्री की भूमिका अब किसी परिधि में बांधी नहीं जा सकती।

स्त्री सशक्तिकरण की मिसाल व्योममित्र रोबोट सारी स्त्री जाति के विकास का परिचायक है स्त्री की भूमिका अब किसी परिधि में बांधी नहीं जा सकती।

22 जनवरी, 2020 को बेंगलुरु में ‘ह्यूमन स्पेसफ्लाइट एंड एक्सप्लोरेशन – प्रेजेंट चैलेंजेस एंड फ्यूचर ट्रेंड्स’ के उद्घाटन में इसरो की लेडी रोबोट ‘व्योममित्र’ एक आकर्षण का केंद्र बनी रहीं। व्योमित्र नाम की एक महिला रोबोट अंतरिक्ष मिशन, गगन यान की पहली परीक्षण उड़ान में अंतरिक्ष की सवारी करेगी।

अनावरण

इसरो ने पिछले बुधवार को यहां एक अंतरराष्ट्रीय सभा में अपनी पहली ‘महिला रोबोट’ अंतरिक्ष यात्री का अनावरण किया। यूनिफॉर्म में डेस्क पर बैठी, एक कस्टम-निर्मित, स्पेस रोबोट  जिसके गले में डले हुए, इसरो पहचान बैज पर उसका नाम अंकित हैव्योम-मित्र

स्वयं का परिचय

व्योम मित्र ने एक सनसनी पैदा कर दी क्योंकि उसने बेंगलुरु में ह्यूमन स्पेसफ्लाइट एंड एक्सप्लोरेशन की मीटिंग में इसरो के अध्यक्ष के.सिवन और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के.विजयराघवन से अपना परिचय खुद ही दिया।इस लेडी रोबोट को मानव रहित गगनयान में अंतरिक्ष भेजा जा रहा है। इसरो का यह रोबोट कई खूबियों से लैस है। यह अंतरिक्ष में अहम अध्‍ययन करेगी और अपनी रिपोर्ट भेजेगी।

कौन है व्योममित्र

गगनयान की लेडी रोबोट ‘व्योममित्र’ हाफ ह्यूमनॉइड एक तरह का रोबोट है जो इंसान की तरह चल-फिर सकता है और मानवीय हाव-भाव भी समझ सकता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्रामिंग के जरिए हाफ ह्यूमनॉइड सवालों के जवाब भी दे सकता है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) ने बुधवार को हाफ ह्यूमनॉइड ‘व्योममित्र’ को दुनिया के सामने पेश किया। महिला जैसी दिखने वाला ‘व्योममित्र’ अंतरिक्ष से रिपोर्ट भेजेगी । वह गगनयान की उड़ान से ठीक पहले अंतरिक्ष में जाएगी और वहॉं मानव शरीर के क्रियाकलापों का अध्ययन करेगी ।

व्योममित्र की भूमिका 

दरअसल 2022 में इसरो मानव मिशन गगनयान लॉन्च करेगा। इसमें 3 क्रू मेंबर शामिल होंगे। ऐसे में मानव मिशन से पहले मानव रहित मिशन के लिए इसरो ने महिला की शक्ल वाला हाफ ह्यूमनॉइड तैयार किया है, जिसे व्योम-मित्र नाम दिया गया है। 

इसरो के चेयरमैन के.सिवन ने कहा कि हाफ ह्यूमनॉइड करीब-करीब पूरी तरह से तैयार है। हम चाहते हैं कि हमारी क्षमताओं को दिखाने के साथ-साथ यह मिशन अपना मकसद पूरा करे, मानव रहित मिशन पर भेजा जाए और  सुरक्षित वापस आ जाए। रोबोट इस तरह से बनाया गया है की केवल कार्य को अंजाम ना दे बल्कि बोल भी सके।

हैलो मैं व्योममित्र 

हाफ-ह्यूमोनायड व्योममित्र ने कहा, ‘सबको हैलो। मैं व्योममित्र हूं। हाफ-ह्यूमोनायड की प्रोटोटाइप हूं। मुझे पहले मानवरहित गगनयान मिशन के लिए बनाया गया है।’ 

मिशन में अपनी भूमिका को स्पष्ट करते हुए उसने बताया, ‘मैं माड्यूल पैरामीटर की निगरानी कर सकती हूं। आपको सतर्क कर सकती हूं। पैनल ऑपरेशन शुरू करने जैसी गतिविधियों को अंजाम दे सकती हूं। मैं एक सहयोगी हूं और अंतरिक्ष यात्रियों से वार्तालाप भी कर सकती हूं। इसके अलावा मैं उनको पहचान कर उनकी मांगी जानकारियां भी उन्हें दे सकती हूं।’

जब वह बोल रही थी तब उसके होंठ भी हिल रहे थे और आंखें भी झपक रही थी। हालांकि स्पेस रोबोट के कमर से ऊपर का हिस्सा तो पूरा है दोनों हाथ भी है पर कमर से नीचे का भाग नहीं है। यह हाफ बॉडी वाला स्पेस रोबोट है। इसरो चेयरमैन के सिवन के मुताबिक जीरो ग्रेविटी में पैरों का कोई खास उपयोग नहीं होता, लेकिन कमर से ऊपर के अंगों का काफी महत्व होता है और वह कार्य प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं , इसी के मद्दे नज़र यह हाफ स्पेस रोबोट निर्मित किया गया है।

पहचान पत्र

व्योममित्र के गले में एक पहचान पत्र भी डाला गया है जिसमें उसकी वैलिडिटी डेट दिसंबर 2023 अंकित है। इस स्पेस रोबोट को तिरुवंतपुरम में आईएसयू ने बनाया है। यह एक प्रोटोटाइप है।

आईएसयू के  निर्देशक एस. दयाल ने कहा है कि, व्योममित्र वह सब काम कर सकती है जो एक अंतरिक्ष यात्री  क्रू केप्सुल में कर सकता है। वह कमांड सेंटर से आवाज में मिल रहे संदेशों को भी सुन सकती है और आवाज के माध्यम से 2 भाषाओं में जवाब भी दे सकती है।

अंतरिक्ष में मानव की तरह

व्योममित्र के परिचय देने के बाद सिवन ने बताया कि यह अंतरिक्ष में मानव की तरह ही सारे कामों को अंजाम दे सकती है। वह यह भी जांच कर सकती है कि सिस्टम सही चल रहा है या नहीं। इससे यह आकलन करने में आसानी होगी कि अंतरिक्ष में मानव का व्यवहार कैसा होगा?

अन्तरिक्ष की सैर 

पहला मानव रहित अंतरिक्ष मिशन इस साल दिसंबर में भेजा जा रहा है व्योममित्र को तकरीबन 7 दिन अंतरिक्ष में गुजारने का मौका मिलेगा जबकि अगला मानव रहित अंतरिक्ष मिशन अगले साल के मध्य तक भेजे जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। दिसंबर 2020 तक व्योममित्र का एडवांस संस्करण भी तैयार हो जाएगा, जिसे जून 2021 मैं दूसरे मानव रहित अंतरिक्ष मिशन में भेजा जाएगा।

स्त्री सशक्तिकरण की मिसाल प्रदर्शित करता हुआ यह लेडी रोबोट सारी स्त्री जाति के विकास का परिचायक है स्त्री की भूमिका अब किसी परिधि में बांधी नहीं जा सकती।

मूल चित्र : YouTube 

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

41 Posts | 296,628 Views
All Categories