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फर्स्ट टाइम सेक्स में क्या होगा, ये कुछ ही भारतीय महिलाएं जानती होंगी, इसलिए आपकी सहायता के लिए यहां हैं आपके सेक्स के पहले अनुभव के लिए कुछ महत्पूर्ण तथ्य।
अनुवाद : समिधा नवीन
पहली बार सेक्स करते हुए क्या उम्मीद की जाए, इसके बारे में आपने कुछ न कुछ ज़रूर सुना होगा। आपने पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में सेक्स परामर्श के कॉलम पढ़े होंगे या इंटरनेट पर लूसिंग योर विर्जिनिटी के बारे में तकनीकी बातें पढ़ी होंगी, और अब सोच रही होंगीं कि ‘आखिर होगा क्या? क्या उम्मीद रखूँ?’
क्यूंकि हमारे देश में सेक्स की बातचीत करने से ज़्यादातर लोग कतराते हैं, इसलिए आपके लिया यहां है एक ‘क्विक प्राइमर’ या ये समझें आपका पहला लेसन।
हाइमन, वह झिल्ली जो योनि की सुरक्षा करती है, उतनी भी कड़ी नहीं होती जितनी कि इसके बारे में धारणा है। हाइमन के केंद्र में एक गोल या लम्बा छेद होता है। मिथकों के बावजूद, इंटैक्ट हाइमन (झिल्ली का ना फटना) होनावर्जिनिटी का संकेत नहीं है। अगर हाइमन लचीला हो, तो पहले सेसेक्सुअली एक्टिव महिलाओं का हाइमन भी इंटैक्ट हो सकता है। इसके विपरीत, जिन महिलाओं ने कभी संभोग नहीं किया है और अगर वे खिलाड़ी हैं और शारीरिक रूप से सक्रिय हैं या वे टैम्पोन का प्रयोग कर रही हैं, तो भी हाइमनमिसिंग हो सकता है।
अगर संभोग के दौरान इंटैक्ट हाइमन में खिचाव हो और वह स्पिल्ट कर जाये, तो आप दर्द या बेचैनी का अनुभव कर सकते हैं, लेकिन यह क्षणिक होना चाहिए। ज़्यादातर महिलाओं में यह कायम नहीं रहता लेकिन यदि दर्द या खून बहना रुके न, तो चिकित्सक से परामर्श करें।
महिलाएं सेक्स कर सकती हैं और इसका भरपूर आनंद भी उठा सकती हैं – किसी को भी ये ना बोलने दें कि ‘अब दर्द तो सहना ही पड़ता…’
सच कहें तो – हो सकता है कि पहली बार में आपको ऑर्गैस्म ना हो। पुरुष शरीर की तुलना में एक महिला के शरीर को अधिक वार्मअप की ज़रूरत होती है इसलिए ऑर्गैस्म अनुभव करने में आपको समय लग सकता है।
अगर आपके पार्टनर तनावमुक्त हैं और जल्दबाज़ी करने की बजाए आपकी भावनाओं को ध्यान में रखते हुए आपको उत्तेजित या एक्साइट करने की भरपूर कोशिश करते हैं, तो आपको ओर्गेस्म तक पहुँचने में मदद मिलेगी। यदि आप फर्स्ट टाइम सेक्स में ऑर्गैस्म का अनुभव नहीं करते हैं, तो परेशान न हों। हर बार संभोग में ऑर्गैस्म तक पहुंचना आवश्यक नहीं है। आप तब तक संभोग कर सकते हैं, जब तक कि आप और आपका साथी अच्छा महसूस करें और हर पल का आनंद उठाएं।
यदि आप पहले से ही अपने साथी और खुद के साथ सहज हैं, तो ये आपकी सहायता करेगा। पहली बार सेक्स करने वालों के लिए, विवाह के बाद ‘फर्स्ट नाईट‘बिग ओ या ऑर्गैस्म के लिए आदर्श नहीं है – पहला, आप दोनों पहले से ही थके हो सकते हैं और दुसरा, आपके साथी पर ‘परफॉर्म ‘करने का दबाव हो सकता है। आप दोनों के लिए बेहतर होगा कि आप सो जाएं, थकान मिटा लें और इसे तब करें जब आप दोनों कम थके हुए हों और एक दूसरे के साथ अधिक सहज और रिलैक्स्ड हों।
जब शरीर उत्तेजित होता है, तो योनि से एक नैचुरल लुब्रिकेंट निकलता है जिससे संभोग करने में आसानी होती है। लेकिन कई महिलाएं पहली बार तनावग्रस्त या नर्वस होती हैं, ऐसे में हो सकता है कि वेलुब्रिकेट न हों पाएं। ऐसे में उनके लिए संभोग दर्दनाक और ‘अनाड़ी’ सा लगे। इससे बचने के लिए, किसी भी केमिस्ट पर आसानी से उपलब्ध लुब्रिकेटिंग जेल का उपयोग करें।
गर्भनिरोधक और यौन शिक्षा पर कोई उचित जानकारी लिए बिना ही कई महिलायें शादी से पहले या बाद में सेक्स कर लेती हैं। जिन महिलाओं को सेक्स का कोई पूर्व अनुभव नहीं है, उनका विवाह निश्चित करते समय मेकअप या मेहँदी वाले के बजाय, स्त्री रोग विशेषज्ञ से अपॉइंटमेंट फिक्स करना चाहिये ताकि गर्भनिरोधक की सलाह और ‘पहली रात’ से जुड़े किसी भी संदेह को दूर कर सकें।
कई मर्तबा पहली बार संभोग, भावनाओं में बह कर, क्षणभर की गर्मी में हो जाता है, इसलिए गर्भनिरोधक ध्यान में नहीं रहता। ऐसा ही नहीं, कायदे से वेडिंगनाईट के लिए तो ज़्यादा लोग दिमागी तौर पर तैयार होते हैं, उसके बावजूद, खासतौर से हमारे देश में, पति-पत्नी इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर बात करने से झिझकते हैं।
सुनिश्चित कर लें कि आप अपने पहली बार में ही गर्भनिरोधक का उपयोग कर रहे हैं, क्योंकि हिंदी फिल्मों की तरह, आप पहली बार में ही गर्भवती हो सकती हैं। और, ऐसी स्थिति में कोई नहीं पड़ना चाहता, खास कर तब, जब आप ऐसा नहीं चाहते या आप प्रेगनेंसी के लिए तैयार नहीं हैं – चाहे आपकी शादी हुई हैं या नहीं।
28 वर्षीय दीपिका साह को अभी भी अपने पति के साथ गर्भनिरोधक पर चर्चा न करने का अफसोस है। वे अपनी शादी के ठीक नौ महीने बाद ही माँ बन गयीं। वह कहती हैं, “काश, मैं डॉक्टर से मिली होती और मैंने ही बर्थ कंट्रोल पिल्स लेने की पहल की होती, या अपने पति को कंडोम इस्तेमाल करने पर ज़ोर देती। बच्चा होने के लिए ये थोड़ा जल्दी था। हम तो एक-दूसरे को ठीक से जानते भी नहीं थे।”
सभी गर्भनिरोधक तरीकों में से, कंडोम का एक फ़ायदा यह भी है कि इससे यौन संचारित रोगों को भी रोका जा सकता है। इसके अलावा, आपको इसके लिए डॉक्टर के पर्चे की आवश्यकता नहीं है और उनका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं है। जबकि बर्थ कंट्रोल पिल्स भी एक लोकप्रिय तरीका है, किन्तु उनसे कुछ लोगों में दुष्प्रभाव भी देखने को मिलते हैं, जैसे कि वजन बढ़ना या मासिक धर्म में बदलाव होना। भारत में मॉर्निंग-आफ्टर पिल्स का जमकर विज्ञापन किया गया है, लेकिन उनका उपयोग नियमित गर्भनिरोधक के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।
और हाँ, पुरानी वाली बेहतरीन ‘बाहर निकालने वाली’ पद्धति पर यकीन बिलकुल नहीं करें। यकीन मानिये, आपकी योनि के आसपास एक बूंद भी मिस्टर स्पर्म (शुक्राणु) और मिस ओवा (अंडाणु) को आपस में परिचित बनाने के लिए काफी है, अर्थात आपको गर्भवती बनाने के लिए काफी है।
और शुक्राणु एक दो-दिन तक एक्टिव रहते हैं, इसलिए भले ही आप संभोग के दिन ओव्यूलेट न करके अगले दिन में ओव्यूलेट (अंडोत्सर्ग) करती हैं, तो भी आप गर्भवती हो सकती हैं।
डाउचिंग या वेजाइना को धोना गर्भनिरोधक का एक बहुत अच्छा तरीका नहीं है क्योंकि यह किसी भी ऐसे शुक्राणु को बाहर नहीं निकाल सकता जो पहले से ही गर्भाशय ग्रीवा में प्रवेश कर चुका हो ।
पहली बार डरने की कोई बात नहीं है। माना घबराहट हो सकती है, लेकिन पर्याप्त व उचित जानकारी और तैयारी के साथ, आप अपने फर्स्ट टाइम सेक्स के पलों को सुखद यादों में बदल सकते हैं।
डिस्क्लेमर : इस लेख को पहली बार June 9, 2011 को यहां अंग्रेजी में प्रकाशित किया गया था। ये लेख अंग्रेजी लेख का अनुवाद है।
मूल चित्र : Canva
Kiran Manral is an Indian author, columnist and mentor. She has published books across genres in both fiction and non-fiction. She lives in Mumbai. read more...
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