कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

क्या मंगलसूत्र पति की रक्षा करता है?

क्या जो महिलाएं इतना सज-धज के रहती हैं, उनके साथ हमेशा अच्छा ही होता है? या फिर ये भी हमारे द्वारा बनाए गए नियमों का हिस्सा है?

क्या जो महिलाएं इतना सज-धज के रहती हैं, उनके साथ हमेशा अच्छा ही होता है? या फिर ये भी हमारे द्वारा बनाए गए नियमों का हिस्सा है?

महिलाओं के सोलह श्रृंगार के बारे में आप सबको पता है। अरे आप सब डरिए नहीं! मैं आपको इन सोलह श्रृंगार के बारे में नहीं बता रही। मैं तो आपको एक कहानी बता रही हूं कि कैसे यदि हम बिंदी, सिंदूर, चूड़ियां आदि ना लगाएं तो हमारे साथ कैसा बर्ताव किया जाता है।

“वीना बहू, सुनती हो! आज शाम को दूर के रिश्तेदार की शादी में हम सबको जाना है। मैंने विजय को भी बता दिया था वो भी ऑफिस से जल्दी आ जाएगा”, सीता जी ने कहा।

“अच्छा मांजी मैं शाम को तैयार रहूंगी”, वीना ने कहा।

शाम को मांजी, ससुर जी और वीना तैयार हो गए और उसके दोनों बच्चें भी।

“क्या बात है बीवी! आज तो गजब लग रही हो!” विजय ने आकर सब चौंका दिया।

“आप भी ना बिना जगह देखे शुरू हो जाते हैं”, वीना ने शरमाते हुए कहा।

सब शादी में शरीक होने के लिए जाने लगे। वहां पहुंचकर देखा तो उनके सभी रिश्तेदार आए हुए थे, वो अपने पूरे परिवार वालों के साथ। सभी से मिलना जुलना हुआ।

तभी दूर की चाची सास और विजय की बुआ जी बोल पड़ीं, “अरे बहुरिया, क्या बात? तुम मंगलसूत्र नहीं पहनती? तुमने तो बिंदी भी ना लगा रखी! तुम्हारी सास तुम्हें कुछ ना कहती? अच्छे घर की बहू ऐसे थोड़ी ना रहती हैं।”

वीना की सास भी उसकी हां में हां मिलाने लगी, “अरे ये तो कभी मंगलसूत्र नहीं पहनती। मैं तो इसे बहुत कहती हूं, लेकिन इसके कानों पर ज़ू भी नहीं रेंगती। इसे कहना फ़िज़ूल है।

“अब तुम ही समझाओ इसे। आज कल की लड़कियां इन बनाव सिंगार को ना चाहें। वो ना कुछ करतीं और बोलती हैं ‘ये सब तो चोचले हैं’।”

“इन्हें क्या पता बिंदी, चूड़ी, मंगलसूत्र, बिछिया, पायल आदि पहनना  सब सुहाग की निशानी है। हर आभूषण के पहनने के पीछे कोई ना कोई कारण होता है। इनके लिए तो मंगलसूत्र सिर्फ काले मोतीयों की माला है। लेकिन उसका संबंध पति से जुड़ा रहता है। मंगलसूत्र धारण करने से पति की रक्षा होती है और पति के जीवन के सारे संकट कट जाते हैं।

तभी विजय ये सब देख लेता है और वो वीना को वहां से यह कहकर अपने साथ ले जाता है, “तुमने चाट तो खा कर देखी ही नहीं। चलो मेरे साथ! देखो बच्चे तुम्हारा इंतज़ार कर रहे हैं।”

वीना अपने मन में सोचने लगी, ‘यदि हम सब ये हार सिंगार ना करें तो हमारे पति के साथ क्या सच में ऐसा कुछ बुरा होगा? या कुछ भी बुरा ना हो?’

दोस्तों, आपको क्या लगता है? क्या जो महिलाएं इतना सज-धज के रहती हैं, उनके साथ हमेशा अच्छा ही होता है? या फिर ये भी हमारे द्वारा बनाए गए नियमों का हिस्सा है? आपका क्या विचार हैं इस बारे में कृपया हमें ज़रूर बताएं।

मूल चित्र : Pinterest

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

90 Posts | 613,140 Views
All Categories