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22 जनवरी 2020, सुबह 7:00 बजे, चारों दोषियों को फांसी! बस तभी वे आखिरी सांस लेंगे! अगर आज निर्भया हमारे बीच होतीं तो वे क्या ऐसा ही महसूस करतीं?
22 जनवरी 2020, सुबह 7:00 बजे, चारों दोषियों को फांसी! बस तभी वे आखिरी सांस लेंगे! अगर आज निर्भया हमारे बीच होतीं तो वे क्या महसूस करतीं?
सात बरस लंबी अन्याय की काली रात बीत गई! मुबारक हो निर्भया, तुम न्याय की जंग जीत गई ! सब्र देख तुम्हारा वक्त की आँखें भी भीग गई! बेशक देर लगी, आखिरकार वहशियों की सांसे आज रीत गई! मुबारक हो, निर्भया, आत्मसम्मान की ये जंग तुम जीत गई!
मूल चित्र : Wikipedia/ The Hindu
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