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गर्भवती महिला के मछली खाने को लेकर लाखों सवाल उठाते हैं? लेकिन क्या आप प्रेग्नेंट होने पर मछली खाने के फायदे जानते हैं!
अनुवाद : मानवी वाहने
“क्या गर्भावस्था के दौरान मछली खाई जा सकती है?” प्रेग्नेंट होने पर मछली खाने से नुकसान तो नहीं होगा? यह एक ऐसा सवाल है जिसे लेकर बहुत सी माँ बनने वाली स्त्रियां असमंजस में रहती हैं।
बड़ी संख्या में लोगों का कहना है कि प्रेग्नेंट होने पर मछली खानी नहीं चाहिए क्योंकि मछलियों में मरक्यूरी पाई जाती है और मरक्यूरी शिशु के विकसित होते मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम को हानि पहुंचा सकती है। लेकिन कुछ स्टडीज़ की मानें, तो मुझे यकीन है कि आप मछली खाने से परहेज़ नहीं करेंगी।
एक स्टडी के अनुसार मछली से ऐसे कई पोषक तत्व प्राप्त किए जा सकते हैं जो आपके शिशु के विकास के लिए आवश्यक हैं। प्रेग्नेंट होने पर मछली खाने के फायदे क्या हैं (Pregnancy Me Fish Kha Sakte Hai?)
मछली में भरपूर मात्रा में ओमेगा 3, फैटी एसिड्स, विटामिन डी और प्रोटीन पाए जाते हैं, साथ ही इसमें कम मात्रा में सैचुरेटेड फैटी एसिड्स होते हैं जिसके कारण यह किसी भी गर्भवती महिला के लिए सबसे बेहतर खाद्य पदार्थों में से एक है। (Pregnant hone par machli khane ke fayde)
इसीलिए अगर आप आमतौर पर मछली खाना पसंद करती हैं, तो गर्भावस्था के दौरान भी इसे आपकी डाइट का हिस्सा ज़रूर होना चाहिए।
जी हाँ, आप कुछ ऐसी मछलियाँ खा सकती हैं जिनमें अधिक मात्रा में मरक्यूरी नहीं पाई जाती और जो मनुष्य निर्मित टॉक्सिकेंट पॉलीक्लोरिनेटेड बिफ़िनाइल्स (polychlorinated biphenyls (PCBs)) से रहित हों।
प्रेग्नेंट होने पर मछली खाना एक सप्ताह में 2-3 बार ठीक है। प्रेग्नेंट होने पर मछली खाने के फायदे और नुकसान की अधिक जानकारी के लिए कृपया निम्नलिखित सूची पढ़ें। (Benefits of eating fish during pregnancy)
उपरोक्त मछलियाँ नहीं खाई जानी चाहिए क्योंकि उनमें भारी मात्रा में मरक्यूरी पाई जाती है। मछलियों द्वारा मेटल मरक्यूरी का सेवन कर लेने से, बाद में वह मिथाइल मरक्यूरी में तब्दील हो जाती है (जल-प्रदूषण के कारण) जो प्लेसेंटा/अपरा के ज़रिए भ्रूण तक पहुंचने में सक्षम होती है और नर्वस सिस्टम व भ्रूण के मस्तिष्क – विकास को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है।
इसीलिए प्रेग्नेंट होने पर उपरोक्त मछलियाँ आपके और आपके शिशु के लिए हानिकारक हैं।
सिर्फ इतना ही नहीं, पॉलीक्लोनिरेटेड बीफेनयल्स (polychlorinated biphenyls) जो कि औद्योगिक कचरे का दुष्परिणाम है और इन मछलियों के भीतर जमा होने के लिए जाना जाता है, इन मछलियों को भोजन के रूप में हानिकारक साबित कर सकता है।
यह तरीका मछली की नमी बनाए रखने में मदद करता है। एक पैन या बर्तन में पानी/चिकन स्टॉक/सब्ज़ियों का स्टॉक डालें और मछली के टुकड़े रखें। कुछ समय तक गर्म होने दें और जब बुलबुले दिखने लगें, तब मछली को पैन से बाहर निकाल लें।
मछली को भाप में पकाना उसके पोषक तत्वों को बचाए रखने का सबसे सही तरीका होता है। मछली को स्टीमर बास्केट में रखने से पहले, आल उसपर लहसुन/अदरक और हल्के मसाले लगा सकतीं हैं। इस प्रकार मछली न सिर्फ बेहतर तरीके से पकेगी बल्कि उसका स्वादिष्ट भी होगी।
यह तरीका मछली में पोषक तत्वों को बरकरार रखने में मददगार साबित होता है और आप भुनी हुई सब्ज़ियों के साथ इसका सेवन कर सकती हैं।
सामग्री –
विधि –
अतः आप प्रग्नेंट होने पर मछली खा सकती हैं लेकिन सावधानी ज़रूर बरतें।
मूल चित्र : Canva
A Nutritionist, Clinical Dietitian, Speaker, health/fitness blogger, online show host, menu planner, menstrual health, and holistic health advocate who runs a nutrition website named NutriBond and a movement named the Period movement. She loves read more...
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