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2020 बजट से महिलाओं को हैं खास उम्मीदें, किचन के सामान सस्ते होने से लेकर सुरक्षा पर ज़ोर, कामकाजी महिलाओं व लड़कियां के लिए कुछ विशेष प्रावधान हों।
देश के केंद्रीय बजट में हर भारतीय की दिलचस्पी होती है। उसी तरह Union Budget 2020 में निश्चित रूप से महिलाओं की भी दिलचस्पी होगी और अगर आप केंद्रीय बजट 2020 की ऑनलाइन स्ट्रीमिंग देखना चाहती हैं तो इन विकल्पों का इस्तेमाल कर सकती हैं – Jagran.com, Loksabha TV, DD News
सबसे खास बात ये है कि देश का बजट वित्त मंत्री सीतारमण बनाने जा रही हैं जो कि स्वयं एक महिला हैं तो जाहिर सी बात है, महिलाएं उनसे काफी अपेक्षा भी कर रही हैं। देश की वर्तमान स्तिथि देखें तो सबसे ज्यादा मांग महिलाओं के एंपावरमेंट और सुरक्षा पर देने की हो रही है।
बतौर वित्तमंत्री अपने पहले बजट में निर्मला सीतारमण ने महिलाओं को आर्थिक तौर पर मजबूती देने की भरपूर कोशिश की थी। उन्होंने अपना पहला बजट देते हुए कहा था, ‘सरकार का मानना है कि हम अधिक से अधिक महिलाओं की भागीदारी के साथ प्रगति कर सकते हैं।’
इस सत्र का बजट 1 फरवरी 2020 को पेश होगा, जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। दरअसल, वित्त मंत्री खुद एक महिला हैं तो महिलाओं के हित में पिछले बजट में भी महिलाओं के लिए कई घोषणाएं की थीं।
2020 बजट से महिलाओं को है खास उम्मीदें, किचन के सामान सस्ते होने से लेकर सुरक्षा पर जोर किचन एवं घरेलू सामान पर बजट का असर
इस बार के बजट में महिलाओं को अपने किचन के सस्ता होने पर पूरा ज़ोर है। बजट 2020 से हम चाहते हैं कि हमारे घर का खर्च आराम से चले। इसमें चावल, दाल, गेहूं, फल, चीनी, सब्जी, तेल जैसी रोज़ाना के इस्तेमाल होने वाली चीजों पर कम पैसे खर्च करने पड़ें।
आज प्याज़, लहसुन के दाम बहुत बढ़े हैं। हमें उम्मीद है कि सरकार इसे लेकर भी आम बजट में कुछ राहत देगी। हम चाहते हैं कि सब्जियों की कीमतें कंट्रोल हों और बजट में कुछ अच्छी घोषणा हों।
इस बार महिला सुरक्षा सबसे अहम मुद्दा है। महिलाओं की शिकायत रहती है कि सरकार बजट में कई घोषणाएं तो होती हैं लेकिन उसका पालन नहीं किया जाता।
हम चाहती हैं कि कामकाजी महिलाओं व लड़कियां के लिए कुछ विशेष प्रावधान हों, कि महिला सशक्तिकरण व शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए। कोशिश हो कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की हुनरमंद महिलाओं को ई-चौपाल या ई-नेट के माध्यम से और सशक्त किया जाए।
बजट में महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए निर्भया फंड को ठीक ढंग से लागू किया जाना चाहिए। अच्छा होगा कि घरेलू महिलाओं की आय को टैक्स के दायरे से बाहर रखा जाए। इसके अलावा सरकार को प्याज, दाल और तेल जैसी कीमतों पर कंट्रोल रखना चाहिए। इसी से तो सारा बजट बिगड़ता है।
सरकार को बजट में पढ़ाई कर रही बालिकाओं के लिए व्यावसायिक कोर्स शुरु करने चाहिए।
घरेलू महिलाओं की बचत बढ़े, ऐसी कोशिश रहे। साथ ही म्यूचुअल फंड्स, बीमा व एफडी में महिलाओं को प्राथमिकता मिले। आयकर में महिलाओं को और अधिक छूट मिले।
महिला उद्यमियों के लिये आर्थिक स्वतन्त्रता के साथ विकास की भी स्कीम बनें।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि देश के विकास में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए एवं महिलाओं के उन्नत विकास के लिए बजट में विशेष प्रावधान होना ही चाहिए। साथ ही सुनिश्चित करना चाहिए कि इन योजनाओं को सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया जा रहा है या नहीं।
महिलाओं को इससे कितना लाभ मिल रहा है? इस पर भी सरकार की नज़र होनी चाहिए ताकि अगले सत्र में महिलाओं को इसका उत्तरोत्तर लाभ मिल सके।
मूल चित्र : YouTube/Canva
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