कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

मैं ‘तू’ बन जाऊँ…बस इतना सा ख़्वाब है!

सुना तो होगा आपने कि इश्क़ इंसान को क्या-क्या ख्वाब दिखाता है - सही मायनो में कहें तो इश्क़ इंसान को बदल सा देता है!

सुना तो होगा आपने कि इश्क़ इंसान को क्या-क्या ख्वाब दिखाता है – सही मायनो में कहें तो इश्क़ इंसान को बदल सा देता है! 

तू कभी आसमां बन जा …
मैं तारा बन तेरे सीने पर जा चमकूं!

तू कभी बाग बन जा …
मैं मालिन बन तुझे सहेजती फिरूं !

तू कभी सागर बन जा…
मैं लहर बन तेरी बाहों में अठखेलियां करूं!

तू कभी जंगल बन जा…
मैं तुझ में भटक खुद का वजूद तलाशती रहूं!

तू कभी रेगिस्तान बन जा…
मैं प्यास बन तेरी मृगरीचिका में भटकती रहूं!

तू कभी वक्त बन जा….
मैं लम्हा बन तुझ से गुज़र कर बीत जाऊं!

तू कभी इबादत बन जा…
मैं मन्नत बन बस पूर्ण हो जाऊं!

तू कभी प्रेम बन जा…
मैं ‘तू ‘ बन फिर सदियों के लिए ‘तू ‘ ही हो जाऊं!

मूल चित्र : Canva 

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

98 Posts | 300,245 Views
All Categories