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भारतीय वायुसेना 2016 में महिलाओं को फाइटर्स के रूप में शामिल करने वाली देश की रक्षा सेनाओं में से पहली थी, फ़िल्म तेजस इसी घटना के ईर्द-गिर्द घूमती है।
कंगना रनौत बॉलीवुड की कुछ ऐसी एक्ट्रेस में से एक हैं जो बिना हीरो के भी फिल्म चलाने का दमखम रखती हैं। धड़ल्ले से अपनी बात कहने वाली कंगना को मैंने बहुत ही कम डिप्लोमैटिक होते देखा है। उनकी कई फिल्में जैसे क्वीन, मणिकर्णिका, पंगा, थलाईवी महिलाओं की ही कहानी कहती हैं।
उनकी पिछली फिल्म ‘पंगा’, कबड्डी की महिला खिलाड़ी के जीवन पर आधारित थी। फिल्म काफी सिंपल और अच्छी थी। इसी फेहरिस्त को आगे बढ़ाते हुए कंगना एक और फिल्म करने वाली हैं। फिल्म का नाम है तेजस और इसका पहला पोस्टर रिलीज़ हो चुका है। कंगना की टीम ने इसे उनके सोशल मीडिया पर दर्शकों के साथ साझा किया है।
इस पोस्टर के साथ ही लिखा है- for all brave hearted and strong headed women in uniform who make sacrifices for our nation day in and day out—-Kangana to play an air force pilot in her next, titled-#TEJAS
‘बहादुर दिल वाली और मज़बूत सैनिक महिलाएं, जो हमारे देश के लिए दिन-रात एक करके रक्षा करती हैं, उन्हें समर्पित, कंगना अपनी अगली फिल्म में निभाएंगी एक एयरफोर्स पायलट का किरदार जिसका नाम है ‘तेजस’।
इस फिल्म के डायरेक्टर हैं सर्वेश मेवारा और रॉनी स्क्रूवाला इसके प्रोड्यूसर हैं। फिलहाल यही जानकारी है कि फिल्म अगले साल अप्रैल यानि 2021 में रिलीज़ हो सकती है। कंगना पोस्टर पर पायलट की यूनिफॉर्म में नज़र आ रही हैं और इस फिल्म में फाइटर पायलट की भूमिका निभाएंगी।
भारतीय वायुसेना 2016 में महिलाओं को फाइटर्स के रूप में शामिल करने वाली देश की रक्षा सेनाओं में से पहली थी। फिल्म इसी घटना के ईर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म की स्टोरी लाइन क्या होगी यह फिलहाल नहीं कह सकते लेकिन अगर ये पहली महिला फाइटर्स की कहानी हैं तो कई हिस्से असल कहानी से प्रेरित हो सकते हैं।
2016 से पहले भारतीय वासुसेना में महिलाओं को फाइटर प्लेन चलाने की अनुमति नहीं थी। मगर अनुमति मिलने के दो साल बाद ही जून 2016 में इंडियन एयरफोर्स में उस वक्त इतिहास रचा जब इसने तीन महिला फाइटर्स को शामिल किया। मध्य प्रदेश के रीवा की अवनी चौधरी, आगरा की मोहना सिंह जितरवाल और बिहार के दरभंगा की भावना कांत को वायु सेना ने अपने लड़ाकू स्क्वाड्रन में शामिल किया। 3 साल की बेहद कठिन ट्रेनिंग के बाद ये तीनों जांबाज़ महिलाएं वायुसेना के फाइटर प्लेन सुखोई और तेजस चला रही हैं।
अवनि चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के रीवा से हैं। बचपन में अपने भाई को आर्मी यूनिफॉर्म में देखकर अवनी की भी आर्मी ज्वाइन करने की इच्छा होती थी। कल्पना चावला हमेशा से उनकी प्रेरणा थीं। बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद अवनि को अच्छी जॉब मिली लेकिन उन्होंने अपना सपना पूरा करने के लिए एरयफोर्स एकेडमी ज्वांइन कर ली। अवनि ने साल 2019 में अकेले मिग-21 बाइसन विमान उड़ा कर यह कीर्तिमान स्थापित किया है।
भावना बिहार के दरभंगा से हैं और बचपन से ही प्लेन उड़ाने का सपना देखती थीं। उन्होंने अपनी ट्रेनिंग का पहला पड़ाव पार करने के बाद फाइटर स्ट्रीम में आने का फ़ैसला किया। उनके पिता इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन में एक अधिकारी हैं। भावना ने फाइटर पायलट बनकर देश की सेवा करने की ठानी और सफलतापूर्वक साल मार्च 2019 में मिग-21 बाइसन पर पहली बार अकेले उड़ान भरी।
राजस्थान से झुंझनू से आने वाली मोहना सिंह अपना सपना पूरा करने के लिए हमेशा से कर्मठ रहीं। उनके दादा एविएशन रिसर्च सेंटर में फ्लाइट गनर थे और उनके पिता IAF में अधिकारी हैं। मोहना अपने परिवार से प्रेरित होकर इस रास्ते पर बढ़ती गई और इतिहास रच दिया। 22 मई को भावना ने लड़ाकू विमान मिग-21 को उड़ाकर अपने मिशन को पूरा किया।
इस फिल्म को लेकर कंगना ने एक इंटरव्यू में कहा, “मैं हमेशा से एक सोल्जर का किरदार करना चाहती थी और बचपन से ही आर्म्स फोर्सेस मुझे बेहद पसंद हैं। मैं जवानों के लिए अपनी भावनाओं को कभी छिपा कर नहीं रखती और खुलकर उनकी वीरता के बारे में बात करती हूं। मुझे अच्छा लगता है उनकी बहादुरी के किस्से सुनना और उनके बारे में सबको बताना। जवान हमारे देश और देश के लोगों की रक्षा करते हैं। मैं इस फिल्म से बहुत ख़ुश हूं। इस फिल्म के लिए मैं काफ़ी इंटेन्स ट्रेनिंग करूंगी।”
हमें फ़िल्म तेजस के उड़ान भरने का इंतज़ार रहेगा!
मूल चित्र : YouTube
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