कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
ये बेहद ज़रूरी है कि हम अपनी बच्चों को सुरक्षा के दायरे में रखें, अपने बच्चों को गुड टच और बैड टच की जानकारी बचपन से ही देना शुरू कर दें।
क्यूंकि मैं एक लड़की हूँ और हमारे समाज में जब बलात्कार जैसे घिनौने अपराध होते हैं, तो एक ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते कुछ ज़रूरी कदम जो कि हर एक लड़की, या यूँ कहें लड़का-लड़की, हर किसी को पता होना चाहिए, मैं आज अपने इस लेख से सभी के साथ शेयर करना चाहती हूँ। इस तरह के प्रिवेंटिव एक्शन्स हमारे समाज के हर एक व्यक्ति को उठाने चाहिए।
रेप किसी के भी साथ हो सकता है, लेकिन हम अक्सर ही नाबालिग लड़कियों के साथ हो रहे रेप के बारे में अखबारों और न्यूज़ चैनल्स में पढ़ते और देखते हैं। दोस्तों, इसमें समाज, खासतौर पर पेरेंट्स और स्कूल का मैनेजमेंट, बच्चों को सजग बनाने के लिए एक अहम रोल अदा कर सकते हैं। छोटे बच्चों को तो ये तक पता नहीं होता कि सामने वाला उसको किस नज़र से देख रहा है। ऐसे में ये बेहद ज़रूरी है कि हम अपनी छोटी बेटियों और बेटों को सुरक्षा के दायरे में रखे। अपने बच्चों को गुड टच और बैड टच की जानकारी बचपन से ही देना शुरू कर दें।
अगर आपके बच्चे की उम्र आठ साल या फिर उससे ज्यादा है तो उन्हें अश्लील हरकतों और रेप के बारे में हर बात विस्तार से बताएं। उन्हें असुरक्षित खतरों के बारे में बार-बार बताते रहें, जिससे वो इन सब चीजों को अच्छी तरह से समझ जाए। उन्हें समझायें यदि कोई भी उनको देखकर अश्लील हरकतें करे तो वो इसकी जानकारी अपने माता-पिता और अन्य किसी बड़े को अवश्य दें।
अगर आपकी बच्चा खासकर बेटी किशोरावस्था में है तो उसे अकेले निकलने से न रोके, लेकिन आपके लिए ये भी बहुत ज़रूरी है कि आप उन्हें सेफ्टी मेजर्स के बारे में बताये। उनके मोबाइल में वन टच एमेजेन्सी नंबर जरूर होना चाहिए जो कि पुलिस का हो। उनके बैग में हमेशा मिर्ची स्प्रे, सेफ्टी पिंस जैसी चीज़ें होनी चाहिए जिनका उपयोग वो किसी इमरजेंसी में कर सके।
एक महत्वपूर्ण बात जो मैं आपको बताना चाहतीं हूँ कि यह कि अगर रेप अटेम्प्ट करने वाला अपराधी, अकेला है(हम यहां आदमियों की खासतौर पर बात कर रहे हैं) तो उसे हैंडल करने का एक तरीका मुझे पता चला। अगर वह दुष्कर्म करने की कोशिश करता है तो कोशिश करें कि उसके टेस्टिकल्स हाथों से पकड़कर बहुत तेजी से दबा दें। मालूम होता है कि ऐसा करने से वह अपराधी कुछ ही मिनिटों में थोड़ी देर के लिए अशक्त हो जाएगा और लड़की/लड़के को बच निकलने का पर्याप्त समय मिल सकता है।
नोट : यहां ज़रूरी है ये समझना कि यदि ऐसा मुमकिन ना हो पाए तो किसी को दोषी न ठहराएं। खतरे के वक़्त अक्सर हमें कुछ सूझता नहीं।
अपने समाज के बच्चों, खासकर बच्चियों को सेफ करने के लिए हम सबके लिए ये जरूरी है कि अपने घरों, मोहल्ले व समाज के बच्चों को बचपन से ही शिक्षा देना शुरू कर दें। उनकी मानसिकता को विकृत होने से बचाने के लिए हमे अपने घर के बच्चों की गतिविधियों पर नज़र रखनी चाहिए। इतना ही नहीं हमे अपने घर के बच्चों के मोबाइल पर, उनके दोस्तों पर, और साथ ही उनकी आदतों पर लगातार नज़र रखें व उनसे लगातार बात करें। लड़कों को भी संवेदनशील बनाएं और इसके साथ ही उन्हें स्त्रियों का सम्मान करना सिखाएं।
मूल चित्र : Pexels
Shailja is a writer,blogger & a content curator by profession. A editor in collaboration with India Imagine. In her Free time she loves to chat with her friends and learn new things. She thinks that read more...
Please enter your email address