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हर सवेरा लाता है एक नई उम्मीद, ज़रूरत है तू बस नज़रिया बदल, जो नहीं मिला वो बेशक कम था, कुछ और सुनहरा लिखा है, शायद, भरोसा खुदा पर कभी कम ना कर।
हर सवेरा लाता है एक नई उम्मीद, ज़रूरत है तू बस नज़रिया बदल, जो नहीं मिला वो बेशक कम था, कुछ और सुनहरा लिखा है शायद, भरोसा खुदा पर कभी कम ना कर।
तू ज़िंदगी को जी ज़रा, तू उम्र की परवाह ना कर, तू खिलखिला के हंस ज़रा, इस फीकी मुस्कान को छोड़कर।
हर सवेरा लाता है एक नई उम्मीद, ज़रूरत है तू बस नज़रिया बदल। जो नहीं मिला वो बेशक कम था, कुछ और सुनहरा लिखा है, शायद! भरोसा खुदा पर कभी कम ना कर।
खुद ही पा सकता है तू हर मुकाम बुलंदी का, पर जो खो गया, अब उसकी परवाह ना कर। ना सोच कि क्या रह गया है पीछे, बस सोच आगे है इक लंबी सी डगर।
तेरी सोच से आगे भी है एक नया रास्ता, बस पा ले नए पथ को उस रोशनी को ढूंढकर। जब बंद लगें तुझे सारे रास्ते, तभी समय है तू अपने आप की खोज कर।
निराश ना कर असफलता से खुद को, यही तो जननी है सफलताओं की ध्यान कर। देख आ रही है खुद ही नई चमक, तू जुट जा बस अब ना देर कर।
खुशबू मेहनत की फैली है तेरी, तो बस शान से जी हर पल को जी भरकर।
मूल चित्र : Canva
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