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‘याद है हम जब आए थे तो कितने डरे हुए थे!' शॉर्ट फ़िल्म देवी का ट्रेलर आ चुका है और ये उसकी सबसे आख़िरी लाइन है। आखिर ऐसा क्या है इस फ़िल्म में...
‘याद है हम जब आए थे तो कितने डरे हुए थे!’ शॉर्ट फ़िल्म देवी का ट्रेलर आ चुका है और ये उसकी सबसे आख़िरी लाइन है। आखिर ऐसा क्या है इस फ़िल्म में…
टीज़र की आदि से अंत तक आपके ज़ेहन में ढेर सारे सवाल आएंगे और आपका मन करेगा कि इस फिल्म में क्या हो रहा है और आगे क्या होगा?
एक टीवी चैनल पर ख़बर आ रही है जिसमें रिपोर्टर कर रहा है, “आज हम एक ऐसे केस के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिसने सभी देशवासियों के संयम को तोड़ कर रख दिया है।” दूसरी तरफ़ काजोल अपने हाथ में पूजा की थाली लिए दिख रही हैं। इस कमरे में इस वक्त मौजूद हैं 9 औरतें। ख़बर से परेशान ये औरतें बड़े ध्यान से टीवी देख रही है लेकिन अचानक कनेक्शन चला जाता है और ये औरतें आपस में बात करने लगती हैं।
सभी औरतों का पहनावा, ढंग, बात करने का तरीका एक-दूसरे से बिल्कुल मेल नहीं खाता। एक औरत माथे पर बिंदी लगाए बेहद सहज नज़र आ रही हैं तो दूसरी औरत बिज़नेस वूमेन के लिबास में दिख रही है। कोई पार्टी के कपड़ों में है तो एक लड़की डॉक्टर के कोट में। कोने में एक छोटी सी लड़की भिखारी जैसे फटे हुए कपड़ों में चुपचाप बैठी है। बुर्का पहले एक मुसलमान औरत भी बैठी है और साथ ही 3 उम्रदराज औरतें भी हैं।
बातें कब झगड़े में बदल जाती हैं पता ही नहीं चलता। कोई कुछ कह रहा है कोई कुछ। जिससे साफ़ पता चलता है कि जिस हालात में वो सभी आ फंसी हैं उससे वो काफ़ी परेशान हैं।
लेकिन क्या वजह हो सकती है कि ये 9 औरतें एक ही कमरे में एक साथ फंस गई हैं। क्या ये अपनी जान बचा रही हैं? क्यों ये बाहर नहीं जा पा रही हैं? क्या इनका एक-दूसरे से कोई वास्ता है? ये बाहर निकल भी पाएंगी या नहीं?
इन सब सवालों का जवाब जानने के लिए आपको थोड़ा और इंतज़ार करना पड़ेगा जब ये शॉर्ट फिल्म यू-ट्यूब पर रिलीज़ होगी।
इस फिल्म का पहला पोस्टर आने के बाद से ही ये ख़बरों में थी। पोस्टर में 9 अदाकाराओं काजोल, नेहा धूपिया, श्रुति हसन, मुक्ता बावरे, नीना कुलकर्णी, रमा जोशी, शिवानी रघुवंशी, यशस्विनी दायमा, संध्या म्हात्रे की तस्वीरों ने इस फिल्म को देखने की रूचि और बढ़ा दी।
अपने इस पहली शॉर्ट फ़िल्म के बारे में काजोल बताती हैं, “अपने इस डेब्यू के लिए मैं चाह कर भी इससे अच्छा सबजेक्ट नहीं ढूंढ सकती थी। ये एक ऐसी कहानी है जिसे पूरी दुनिया के सामने साझा करना चाहिए।” अपने रोल के बारे में बताते काजोल कहती हैं, “मेरा किरदार इस फिल्म में ज्योति नाम की महिला है जो बहुत सारे मायनों में मैं जैसी असलियत में हूं वैसी नहीं है, फिर भी कहीं-कहीं मैं इस रोल से जुड़ाव से महसूस करती हूं। आज के समय में जब हम घरेलू हिंसा और औरतों के साथ होने वाले अत्याचार की बात करते हैं, देवी जैसी फिल्म इस बात को रखने का बेहतर ज़रिया बनेगी।”
फिल्म की एक और कलाकार श्रुति हसन कहती हैं कि उन्हें इस फिल्म की कहानी और उसे कहने का तरीका बेहद पसंद आया। वो कहती हैं कि हम हमेशा कहते हैं कि एक औरत को दूसरी औरत के लिए खड़े रहना चाहिए, देवी इसी संदेश को बेहतरीन कहानी कहते हुए आप तक पहुंचाएगी।
नेहा धूपिया फिल्म के बारे में बहुत ज्यादा ना बताते हुए ये कहती हैं कि उन्हें इसका अंत सबसे अच्छा लगा। इस फिल्म की शूटिंग खत्म करने के बाद भी कई दिन वो इस फिल्म में बारे में सोचती रहीं। वरिष्ठ कलाकार नीना कुलकर्णी ने इस फिल्म का हिस्सा बनने का फ़ैसला इसलिए किया क्योंकि ये कहानी औरतों पर हो रहे घिनौने अत्याचारों पर हथौड़े जैसा प्रहार करती है।
फिल्म की डायरेक्टर प्रियंका बनर्जी ने सोशल मीडिया पर इसका टीज़र पोस्ट करते हुए लिखा है : 9 fierce women, 9 different background and one stark reality यानि 9 उग्र महिलाएं, 9 अलग पृष्ठभूमि और एक हकीकत।
टीज़र देखिए और बताइए आपको क्या लगता है कि इस कहानी में क्या हो सकता है?
नोट : ये फ़िल्म 02 मार्च 2020 को रिलीज़ हो रही है।
मूल चित्र : Twitter
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