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जब ज़मीन की ‘चांदनी’, आसमान का ‘नगीना’ बन गई : श्रीदेवी की यादगार फिल्में

आज भी जब मुझे श्रीदेवी याद आती हैं तो यही शब्द निकलते हैं, 'अभी ना जाओ छोड़कर कि दिल अभी भरा नहीं।' श्रीदेवी की यादगार फिल्में आपके लिए.....

आज भी जब मुझे श्रीदेवी याद आती हैं तो यही शब्द निकलते हैं, ‘अभी ना जाओ छोड़कर कि दिल अभी भरा नहीं।’ श्रीदेवी की यादगार फिल्में आपके लिए….

24 फरवरी 2018, वो दिन था जब पर्दे की बेहतरीन अदाकारा श्रीदेवी हम सबका साथ छोड़कर हमेशा-हमेशा के लिए चली गईं। वो गईं थी ऐसे कि उनके गुज़रना झटका सा दे गया। अचानक हुई उनकी मौत हमें भी ‘सदमा’ दे गया। मुझे याद है वो दिन जब मैं ख़ुद एक न्यूज़ चैनल में काम करती थी और ये ख़बर आई थी…..मैं झक्क रह गई थी। मैंने आस-पास देखा तो बाकी लोग के चेहरों पर शिकन थी। ख़बर ही कुछ ऐसी थी।

वो दिन जब वो हम सबको छोड़कर चली गईं

जब श्री देवी के जाने का वक्त था उस वक्त वो अपने भतीजे मोहित मारवाह की शादी में शामिल होने अपने पति बोनी कपूर और पूरे परिवार के साथ दुबई में थीं। सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें भी आ रही थीं जिसमें वो संजी-संवरी हुईं हमेशा की तरह बेहद ख़ूबसूरत लग रही थीं। लेकिन क्या पता था कि इन तस्वीरों के चंद घंटों बाद उनके जाने की ख़बर आएगी। उनकी मौत के तीन दिन तक तो यही बात सामने आई कि उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ा था जिसे वो झेल नहीं पाईं और चल बसीं।

कुछ वक्त बाद जब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आई तो सुनने को मिला कि वो होटल के बाथरूम में बाथ-टब में मृत पाई गईं थीं। कई कयास लगाए जाने लगे कि क्या वो फिसल गई थीं या कहीं कोई साज़िश तो नहीं थी, वगैरह, वगैरह। परिवार के साथ-साथ श्रीदेवी के चाहने वाले भी दर्द महसूस कर रहे थे।

जाने माने फिल्म समीक्षक कोमल नाहटा ने श्री देवी की मौत के बाद अपने ब्लॉग में इस पूरे वाक्या को अपने शब्दों में ज़ाहिर किया है। उन्होंने लिखा  –  ‘और बोनी कपूर की “जान” निकल गई!’

बोनी और श्रीदेवी की प्रेम कहानी

बोनी श्रीदेवी से बहुत प्यार करते थे और अक्सर उन्हें छोटे-छोटे सरप्राइज़ देते रहते थे। लेकिन 24 फरवरी की उस रात को बोनी के जीवन में वो सरप्राइज़ बहुत बड़ा दुःख बनकर आया। इन दोनों की प्रेम कहानी 24 साल पहले मिस्टर बेचारा की शूटिंग के दौरान शुरू हुई जब श्रीदेवी, बोनी कपूर के छोटे भाई अनिल कपूर के साथ बैंगलोर में शूटिंग कर रही थीं । दोनों रात भर बातें फोन पर बातें करते रहे क्योंकि श्रीदेवी ने उन्हें कहा कि उन्हें  सुबह जल्दी उठकर शूटिंग पर जाना है और वो नहीं चाहतीं कि वो सोती रह जाएं। रात भर की बातों और 2-3 घंटे की नींद के बाद श्रीदेवी उठकर अपना मेकअप ही कर रही थीं और बोनी उनके होटल रूम के बाहर खड़े थे। श्रीदेवी ये सरप्राइज़ देखकर ख़ुशी से फूली नहीं समाईं।

कुछ ऐसा ही सरप्राइज़ बोनी ने दुबई में भी श्रीदेवी को दिया। भतीजे की शादी के बाद श्रीदेवी ने कुछ दिन दुबई में ही रूकने का फ़ैसला किया क्योंकि वो अपनी बड़ी बेटी जाह्नवी के लिए शॉपिंग करना चाहती थीं। जाहन्वी फिल्म इंडस्ट्री में अपना डेब्यू करने वाली थी इसलिए शूटिंग में व्यस्त होने की वजह से वो इस शादी में शामिल नहीं हो पाई थीं। बोनी को 22 फरवरी को लखनऊ में एक ज़रूरी मीटिंग में जाना था इसलिए वो बेटी ख़ुशी के साथ वापस लौट गए। 21-23 फरवरी को श्रीदेवी किसी कारण शॉपिंग नहीं कर पाईं तो उन्होंने अपना वक्त होटल में ही अपने कुछ दोस्तों के साथ गुज़ारा।

सरप्राइज़ करना चाहते थे बोनी 

बोनी ने 24 फरवरी को श्रीदेवी को फोन किया तो श्रीदेवी ने उनसे कहा कि वो उन्हें बेहद मिस कर रही हैं। तब तक श्रीदेवी ये नहीं जानती थीं कि बोनी पहले ही दुबई के लिए फ्लाइट का टिकट करा चुके हैं। इससे पहले कभी भी श्रीदेवी अकेली विदेश में नहीं थीं। बोनी कपूर के बिना वो वेनकुवर और न्यू जर्सी गईं थीं लेकिन तब बोनी के एक दोस्त की वाइफ भी उनके साथ ही थीं।

बोनी को श्रीदेवी की फिक्र सता रही थी इसलिए उन्हें सरप्राइज़ देने के लिए बोनी ने अचानक दुबई जाने का फ़ैसला किया। शाम 6.30 बजे बोनी दुबई में श्रीदेवी के कमरे में पहुंचे और डुप्लिकेट चाबी से अंदर आ गए। श्रीदेवी इतनी ख़ुश थीं कि उन्हें ज़ोर से गले लगा लिया। दोनों ने बैठकर कई घंटों कर बातें की। बोनी ने श्रीदेवी को एक रोमांटिक डिनर पर चलने के लिए पूछा तो श्रीदेवी ने झट से हां कह दी।

वो फ्रेश होने के लिए बाथरूम में चली गईं, बोनी दूसरे कमरे में तब तक टीवी पर मैच देख रहे थे। 15-20 मिनट तक भी श्रीदेवी बाहर नहीं आई तो वॉशरूम के बाहर पहुंचकर बोनी ने उन्हें प्यार से जान पुकारा लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। दरवाज़ा अंदर से बंद नहीं था तो बोनी अंदर चले गए।

श्रीदेवी बस यादों में ज़िंदा रह गईं

बोनी ने बताया कि फिर जो उन्होंने देखा उस लम्हे ने उनकी पूरी ज़िंदगी बदल कर रख दी।  श्रीदेवी बाथटब में पूरी तरह डूबी हुई थीं। वह हिल-डुल नहीं रही थीं। बोनी समझ नहीं पा रहे थे कि श्री बेहोश हो गईं थी या फिर डूब गई थीं। बाथ-टब से पानी बाहर नहीं गिरा था इसलिए ये कहा जा सकता है कि श्री खुद को बचाने के लिए कोशिश नहीं कर पायीं यानि जो हुआ अचानक ही हुआ। उस दिन के बाद श्रीदेवी बस यादों में ज़िंदा रह गईं। लाखों के दिलों की धड़कन श्रीदेवी हमेशा के लिए रूक गई।

श्रीदेवी की यादगार फिल्में

श्रीदेवी ने अपने फिल्मी करियर में 200 से भी ज्यादा फिल्में की थीं। वैसे तो उनका हर किरदार लाजवाब था लेकिन इनमें से कुछ ऐसे थे जो चाह कर भी भुलाए नहीं जा सकते। पेश हैं श्रीदेवी की कुछ यादगार फिल्में –

सदमा

https://www.youtube.com/watch?v=9zIHVnaGMUc

1983 में रिलीज़ हुई इस फिल्म ने कई फिल्म फेयर अवार्ड जीते थे। ये फिल्म श्रीदेवी और कमल हासन के करियर में मील का पत्थर कही जाती है। ‘सदमा’ में श्रीदेवी ने नेहालता नाम की लड़की का किरदार निभाया था जो पुरानी जिंदगी भूल चुकी है। मासूम सी नेहालता छोटी बच्ची की तरह कमल हसन (फिल्म में सोमू टीचर) के साथ उसके घर पर रहने लगती है। सोमू उससे प्यार करता है उसका इलाज कराता है और जब वो ठीक हो जाती है तो सोमू को भूल जाती है। इस फिल्म के बाद श्रीदेवी के पास कई फिल्मों की लाइन लग गई थी।

चांदनी

1989 में रिलीज़ हुई इस फिल्म ने श्रीदेवी को ऐसी पहचान दे दी कि उनके जाने तक और जाने के बाद भी लोग उन्हें इसी नाम से बुलाते हैं। यश चोपड़ा की इस फिल्म में ऋषि कपूर के साथ उन्होंने बेहद चुलबुली और प्यारी लड़की का रोल निभाया था। इस फिल्म का टाइटल ट्रैक श्रीदेवी ने ख़ुद गाया था। इस फिल्म में उनका सफेद साड़ी वाला लुक उस वक्त का फैशन ट्रेंड बन गया था।

लम्हे

1991 में श्रीदेवी की एक और यादगार फिल्म आई लम्हे। इसमें उन्होंने डबल रोल किया था पल्लवी और पूजा का। दो अलग-अलग स्वभाव की लड़कियों का रोल भी श्री ने पूरे दिल से निभाया था और इसलिए इस बेहतरीन अदाकारी के लिए उन्होंने फिल्म फेयर का बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड भी मिला था। लम्हे की शूटिंग जब लंदन में हो रही थी, तो श्रीदेवी के पिताजी का देहांत हो गया था। जिसके लिए उन्हें वापस मुंबई आना पड़ा। 16 दिनों के बाद जब श्रीदेवी वापस शूटिंग के लिए गईं तो उन्हें सबसे पहले कॉमेडी सीन शूट करना पड़ा था। लेकिन श्रीदेवी ने इस सीन में इतनी जबरदस्त एक्टिंग की थी, कि वह यादगार हो गया।

चालबाज़

https://www.youtube.com/watch?v=0-O0eEEO06U

इस फिल्म में भी श्रीदेवी ने दो किरदारों को अपनी जादुई एक्टिंग से ज़िंदा कर दिया था जिसके लिए उन्हें एक बार फिर से फिल्मफेयर ने बेस्ट एक्ट्रेस के अवॉर्ड से नवाज़ा था। 1989 में आई इस फिल्म में श्रीदेवी ने अंजू और मंजू दास का रोल किया था।

नगीना

https://www.youtube.com/watch?v=pqW54LoRppk

इस फिल्म में नागिन का किरदार करके श्रीदेवी ने खलबली मचा दी थी। 1986 में आई इस फिल्म को दर्शकों ने बेहद पसंद किया था। श्रीदेवी ने अपनी आंखों से लोगों को अपना दीवाना बना दिया था। अपने महबूब की मौत का बदला लेने के लिए श्रीदेवी ने नागिन बनकर इस किरदार में जान डाल दी।

इंग्लिश विंग्लिश

2012 में आई श्रीदेवी की इस यादगार फिल्म से उन्होंने बॉलीवुड में पावरफुल कमबैक किया था। इस फिल्म में श्रीदेवी ने एक ऐसी गृहणी का रोल निभाया था जिसे इंग्लिश ना आने की वजह से परिवार में उसे हीन भावना का सामना करना पड़ता था। अपना स्वाभिमान बचाने के लिए इस गृहिणी ने इंग्लिश भाषा सीखना शुरू किया और सबको ये बता दिया कि औरत जब ठान लेती है तो कुछ भी कर सकती है। इस किरदार से श्रीदेवी ने एक बार फिर  ये साबित कर दिया कि सच्चा कलाकार कभी कलाकारी नहीं भूलता।

मॉम

2017 में श्रीदेवी बनीं देवकी सबरवाल। इसमें उन्होंने एक ऐसी मां का किरदार निभाया जिसे उसकी सौतेली बेटी बिलुकल भी पसंद नहीं करती लेकिन जब उसी बेटी के साथ बदसलूकी होती है तो श्रीदेवी मां की तरह उसका बदला लेती है जिससे उस बेटी का हृदय परिवर्तन हो जाता है। इस फिल्म में श्रीदेवी की एक्टिंग ने रोंगटे खड़े कर दिए थे।

श्रीदेवी की यादगार फिल्में ये याद दिलाती हैं कि अपने किरदारों की तरह श्रीदेवी असल ज़िंदगी में जितनी ख़ूबसूरत थी उतनी ही साहसी भी। आज भी जब भी उनकी याद आती है तो यही शब्द निकलते है:- अभी ना जाओ छोड़कर कि दिल अभी भरा नहीं।

मूल चित्र : YouTube 

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