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मास्टरबेशन से वही हार्मोंस रिलीज़ होते हैं जो सेक्स के दौरान होते हैं, जिससे आप अच्छा महसूस करते हैं! और भी हैं हस्तमैथुन करने के फायदे...
मास्टरबेशन से वही हार्मोंस रिलीज़ होते हैं जो सेक्स के दौरान होते हैं, जिससे आप अच्छा महसूस करते हैं! और भी हैं हस्तमैथुन करने के फायदे…
ये लेख अंग्रेजी में यहां पब्लिश हुआ और इसका अनुवाद मानवी वाहने ने किया है
एम से मैरिज (शादी) – हम हमेशा इसकी चर्चा सुनते रहते हैं!
एम से मेन्स्ट्रूएशन (माहवारी) – शुक्र है कि ट्विंकल खन्ना ने इसे एक ट्रेंडिंग टॉपिक बना दिया है।
लेकिन जिस ‘एम’ शब्द के बारे में आज हम बात कर रहे हैं –
श्श्श्…
जब सेक्स या उससे जुड़े किसी भी विषय की बात आती है, तो जब तक बच्चे पैदा करने की बात न आए, तब तक हम उस पर चाबी लगाकर उसे बंद कर देना चाहते हैं। किसी कारण हमें आनंद से डर लगता है। हम सेक्स को बच्चे पैदा करने की ज़रूरत के तौर पर देखने में ज़्यादा सहज हैं। तो हस्तमैथुन का सवाल ही नहीं उठता।
हस्तमैथुन को पारम्परिक तौर से पुरुषों का काम भी समझा जाता है। औरतों को सामान्यतः वंश आगे बढ़ाने का ज़रिया समझा जाता है, इसीलिए वे ‘पवित्र’ हैं। इस धारणा के साथ यह समस्या है कि औरतों को यौन सुख से अलग कर दिया गया है। उनकी ज़रूरतों और इच्छाओं को वर्जित समझा जाता है।
अच्छी बात यह है कि हम लोगों के व्यवहार में अब परिवर्तन देख रहे हैं लेकिन अब भी इस विषय को लेकर बड़ी संख्या में मिथक हैं। मास्टरबेशन के वे तथ्य जो आपको जानने की ज़रूरत है –
मेरीअम वेब्स्टर डिक्शनरी के मुताबिक़, हस्तमैथुन ‘अपने जेनिटल ऑर्गन्स या जनन अंग के कारण कामुक उत्तेजना जिसका परिणाम सामान्यतः ऑर्गैस्म होता है और प्राप्ति खुद से या किसी इंस्ट्रुमेंटल मनिप्युलेशन के ज़रिए इंटरकोर्स, कभी-कभीसेक्शूअल फैंटसी के ज़रिए या फिर इन सभी चीज़ों के कॉम्बिनेशन से।’
हाँ, औरतें मस्टरबेशन करती हैं, पुरुष भी और अन्य जेंडर भी। मास्टरबेशन किसी जेंडर विशेष का काम नहीं है।
औरतों में, मुख्य उत्तेजक ऑर्गन क्लिटरिस है, योनि नहीं। (लगभग 80 प्रतिशत औरतें पेनेट्रेशन के ज़रिए ऑर्गैस्म का अनुभव नहीं कर पाती हैं।)
पुरुषों में, मुख्य उत्तेजक ऑर्गन ग्लेंस है जो कि लिंग का ऊपरी हिस्सा होता है।
नहीं। तब तक नहीं, जब तक यह साफ (सीमेन रहित) हाथों या वस्तुओं से किया जाए। और आप प्रेगनेंसी में भी हस्तमैथुन के फायदे ले सकती हैं।
नहीं। यह एक शारीरिक क्रिया है जो आपके शरीर के किसी भी अंग को कोई भी हानि नहीं पहुँचाती है, चाहे आपके जेनिटल्स हों या आपका मानसिक स्वास्थ्य। बल्कि, हस्तमैथुन से वही हार्मोंस रिलीज़ होते हैं जो सेक्स के दौरान होते हैं, जिससे आपको अच्छा महसूस होता है, औरतों को स्ट्रेस और मेन्स्ट्रूअल क्रैम्प्स से आज़ादी मिलती है।
कोई भी सही या ग़लत तरीका नहीं, सेक्स की तरह ही यह निजी पसंद का मामला है। जिससे भी आप अच्छा महसूस करें, वही सही तरीका है।
ऐसी कोई गाइडलाइंस नहीं हैं, यह निजी पसंद का मामला है। और मास्टरबेशन या हस्तमैथुन करने के फायदे (Hastmaithun karne ke fayde) आप जानते ही हैं तो ट्राई करने में कोई नुकसान नहीं है।
नहीं, इसका मतलब यह नहीं है कि आपका पार्टनर आपसे संतुष्ट नहीं है। मास्टरबेशन बस एक क्रिया है जो पार्टनर के रहते या नहीं रहते हुए भी की जा सकती है। यह मूड, आदतों और यौन इच्छा पर निर्भर करता है।
इसमें बुरा मानने वाली कोई बात नहीं, यह केवल निजी पसंद का मामला है।
कौमार्य दरअसल विज्ञान से अधिक सामाजिक संरचना है। कौमार्य यानी औरतों में हायमन का टूट जाना वस्तुओं के प्रवेश से, उँगलियों से या सेक्स के दौरान हो सकता है। ठीक वैसे ही जैसे यह भागने, कूदने या किसी भी अन्य फिज़िकल एक्टिविटी से हो सकता है।
दुनिया में ऐसा कोई टेस्ट नहीं जो यह सुनिश्चित कर सके कि हायमन यौन सम्बंध के कारण नष्ट हुआ है। यही बात पुरुषों पर भी लागू होती है, हालाँकि उनके पास हायमन नहीं होता।
मास्टरबेशन, हालाँकि एक निजी विषय है लेकिन इससे जुड़े मिथकों के कारण उसके बारे में बात किए जाने की ज़रूरत है। यह ज़रूरी है कि बात सकारात्मक और स्वस्थ तरीके से की जाए, और लोग, ख़ासकर किशोर और युवाओं को सही जानकारी मिले और वे अपनी इच्छाओं व अपने शारीरिक बदलावों को लेकर शर्मिंदा महसूस न करें।
मास्टरबेशन हालाँकि ज़रूरी नहीं, पर फिर भी हस्तमैथुन करने के फायदे (Hastmaithun karne ke fayde) को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। अपने शरीर को डिस्कवर करने और उसके बारे में कॉन्फिडेंट महसूस करने में हमारी मदद कर सकता है।
यह हमें हमारी पसंद और नापसंद जानने में व अपने खुद के आनंद को बेहतर बनाने के साथ ही हमारे पार्टनर के ज़रिए ऑर्गैस्म प्राप्त करने में भी मदद कर सकता है।
यह अपने शरीर और सेक्शूऐलिटी को एक्सप्लोर करना का पूरी तरह से स्वस्थ, प्राकृतिक और मज़ेदार तरीका है।
मूल चित्र : Pexels
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