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नवरात्रि व्रत के व्यंजन ख़ास आपके लिए, क्यूंकि हमें ख्याल है आपकी हेल्थ और आपके स्वाद का, और अगर ये दोनों चीज़ें एक साथ मिल जाएं तो क्या कहने!
हिन्दू धर्म की मुताबिक वर्ष में दो बार नवरात्रि के व्रत आते हैं। जिसका बहुत मान है और यही समय होता है जब मनुष्य मन को और आत्मा को छान सकता है, मतलब साफ कर सकता है। वैसे व्रत केवल भूखे रहने को नहीं कहते, इसमें शरीर के साथ साथ आत्मा भी शामिल होती है। आत्मा को हम अपनी पूजा अर्चना से शुद्ध कर लेते हैं, मगर जब बात आती है शरीर की, तो हम कहीं न कहीं लापरवाह हो जाते हैं।
व्रत में हम देखते हैं कि कई लोग भूख लगने पर भी कुछ नहीं खाते और उनका मेटाबॉलिज़्म और शारीरिक क्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है। वहीं कुछ लोग खाते हैं, तो इतना ताला भुना कि शरीर से विषाक्त पदार्थ तो निकलते नहीं, बल्कि बढ़ जाते हैं। व्रत में एक नियमावली के मुताबिक ही खाना खाना चाहिए और तरल पदार्थ का भी सेवन करना चाहिए।
कई बार हमको पता नहीं होता के क्या बनाएं और क्या खाएं, इसलिए हम या तो कुट्टू के आटे के पकोड़े बना कर खा लेते हैं या तेल में तली हुई उसकी पूरियाँ। ऐसे में हमारा शरीर स्वस्थ्य कैसे रहेगा? साफ शब्दों में कहें तो, चित्त और शरीर दोनों को, आराम देने के लिए हैं ये व्रत और ऐसे ही होने चाहियें नवरात्री व्रत के व्यंजन भी।
इसलिए आज इस लेख में आपको कुछ ऐसी मज़ेदार रेसिपी बताने जा रहे हैं जो आपको स्वस्थ रखेगी और आपके स्वाद का ख्याल भी। यहां हैं नवरात्रि व्रत के व्यंजन वीडियो के साथ। आप इसे देख सकते हैं और बना सकता हैं।
ये स्वादिष्ट व्यंजन कुट्टू के आटे के साथ अरबी को मिलाकर कम तेल में बनाया जाता है, जो मज़ेदार और कुरकुरा होता है और जिसमें अदरक का स्वाद इसके टेस्ट को और अच्छा बनाता है। इसमें हरी मिर्च का तीखापन आपके खाने और मज़ेदार बनाता है। इसको हम दही के साथ आराम से नाश्ते में या दिन में खा सकते हैं।
इसी रेसिपी से सम्बंधित मैं आपके साथ प्रख्यात कुक संजीव कुमार की वीडियो भी शेयर कर रहा हूँ। जो मुझे पर्सनली बहुत पसंद है।
कच्चे केले में वैसे ही बहुत पौष्टिकता होती है और अगर यही पौष्टिकता स्वाद में बदल जाए, तो मज़ा दोगुना हो जाता है। कच्चे केले की टिक्की को कुट्टू के आटे के साथ अच्छी तरह गूंथ कर बनाया जाता है, जिसमें भुनी हुई मूंगफली के दाने मिलाये जाते हैं, जो इसके स्वाद को और बढ़ाते हैं। केले की टिक्की खाते समय जब मूंगफली के दाने आपके मुँह में घुलेंगे तो शायद आप और बाकी टिक्कियों को भूल जाएंगे।
इसके लिए मैंने वैशाली कहाले जी की वीडियो को प्राथमिकता दी है, जो अत्यंत सरल है।
सुनकर ऐसा लगता है, बेसन तो नवरात्रों में नहीं खा सकते, मगर बिना बेसन की कढ़ी हो तो? इसका स्वाद ही अलग होगा! कुट्टू के आटे के साथ दही मिलाकर बनाई जाने वाली कढ़ी और समा के चावलों का साथ, आपको आनंदित कर देगा। यह एकदम नई रेसिपी है जिसे आप आम दिनों में भी ट्राई कर सकते हैं।
आपके सामने पेश है नेहा अनुज किचन की स्वादिष्ट सी रेसिपी।
ढोकले के नाम से अक्सर सभी के मुँह में पानी आ जाता है, मगर व्रत के दिनों में तो हम बेसन का बना हुआ ढोकला नहीं खा सकते, इसलिए आज आपके सामने है ऐसी रेसिपी जो आपके मन और ज़ुबान को बेहतरीन ज़ायक़ा दे जाएगी। समा के चावल का पाउडर और साबूदाने का दरदरा पाउडर और दही की मदद से बनाया गया ढोकला, बेहद सरल और स्वादिष्ट है। इसको बनाने में तेल का भी इस्तेमाल नहीं होता और आपको एक पौष्टिक और स्वादिष्ट व्यंजन भी मिल जाता है।
मैथिली किचन के द्वारा दी गई रेसिपी वास्तव में आसान है और लज़ीज़ भी।
नमकीन फलाहारी व्यंजनों से अक्सर मन ऊब जाता है, ऐसे में हम कोई मिठाई बना कर उसका स्वाद ले सकते हैं। जो भुने हुए सिंघाड़े के आटे और मेवे के साथ बनाई जाती है। जो बहुत ही नरम और जेली टाइप की होती है। मिठाईयों के बजाए ये पकवान भी बुरा ऑप्शन नहीं है।
डे- टुडे रेसिपी की तरफ से आपके लिए वीडियो का लिंक साझा कर रहा हूँ।
ये व्रत के समय बनने वाली मेरा सबसे पसंदीदा व्यंजन है, जिसका स्वाद मैं पूरे साल नहीं भूलता। मुझे व्यक्तिगत तौर पर यह बहुत भाता है। नीर डोसा वैसे तो दक्षिण भारत की डिश है मगर व्रत के समय पूरे भारत में जो लोग इस रेसिपी को जानते हैं, वे ज़रूर इसको बनाते हैं और इसका लुत्फ़ उठाते हैं। यह समा के चावलों को भिगोकर और नारियल के बिल्कुल फाइन पेस्ट के साथ मिलाकर डोसे की तरह बैटर बनाया जाता है जिसे आप बहुत कम तेल में भी बना सकते हैं।
यहाँ मैं अपनी पसंदीदा कुक निशा मधुलिका की, जो बहुत ही अनुभवी हैं, और इनकी रेसेपी भी बहुत लोकप्रिय होती है, की ये रेसिपी शेयर कर रहा हूँ। साथ ही मैं ये भी कहूंगा कि निशा अपने आप में एक मिसाल हैं। तो आइए जानते हैं इनके द्वारा बनाई गई नीर डोसा की विधि।
यह एक तरह की रोटी बनाने की विधि है। हम अक्सर आटे की रोटियाँ बनाकर खाते हैं, मगर यहाँ साबूदाने का आटा इस्तेमाल करते हैं। आपको यहां अपने हाथों का उपयोग करके साबूदाने के आटे को अच्छी तरह गूंथ कर आलू के साथ मिलकर समतल करने की आवश्यकता है। इसका स्वाद अच्छा होता है और यह आम दिनों के हिसाब से हटकर एक नई रेसिपी है, जो बच्चों को भी बहुत पसंद आती है। इसे दही या हरी चटनी के साथ परोसा जा सकता है।
मैंने आप सब के लिए रिसर्च कर के यह लेख लिखा और आप लोगों तक पहुंचाया। नवरात्रि व्रत के व्यंजन पर लेख लिखने का उद्देश्य है आपकी हेल्थ और आपका स्वाद। अगर दोनों चीज़ें एक साथ मिल जाएं तो क्या कहने!
उपरोक्त सारी विधियां और सामग्री पौष्टिक हैं और साथ के साथ स्वादिष्ट भी। इस नवरात्रों में, चाहे आपका व्रत हो या ना हो, नवरात्रि व्रत के ये व्यंजन ज़रूर बनाइये, खाइये साथ ही अपनों को खिलाइये।
मूल चित्र : Canva (for representational purpose only)
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