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पटियाला हाउस कोर्ट में दोषियों की फांसी के डेथ वारंट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। अब उनका कल सुबह 5:30 बजे फांसी पर लटकना तय है।
पटियाला हाउस कोर्ट में दोषियों की फांसी के डेथ वारंट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, अब उनका कल सुबह 5:30 बजे फांसी पर लटकना तय है।
दोषी अक्षय की पत्नी ने निर्भया की मां के पैर पकड़कर कहा कि आप मेरी मां जैसी हैं। मेरे पति की फांसी रुकवा दीजिए। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने दोषी मुकेश कुमार की याचिका को सिरे से खारिज कर दिया है। साथ ही लताड़ते हुए कहा है कि दोषी अपनी सारी कानूनी उपचारों को आजमा चुके हैं अब वे किसी तरह के पैंतरे ना अपनाएं।
निर्भया के दोषियों का केस लड़ते-लड़ते उनके वकील स्वयं एक अपराधी की भाषा बोलने लगे हैं। अपने विगत स्टेटमेंट में उन्होंने कहा कि यदि उनकी बेटी या बहन शादी के पूर्व शारीरिक संबंध बनाती है तो, वे उसे फार्म हाउस में ले जाकर परिवार वालों के सामने जिंदा जला देंगे।
उन्होंने कहा कि एक स्त्री हमेशा किसी ना किसी पुरुष के संरक्षण में रहती है, पहले अपने पिता एवं भाई के, फिर उसकी शादी के बाद अपने पति के, फिर बेटे के। इस तरह से उसका सारा जीवन किसी पुरुष की छत्रछाया में ही बीतता है। उन्होंने ये भी कहा कि यदि शादी के पूर्व संबंध बनाए जा सकते हैं, स्वीकार किए जाते हैं तो हमें रेप को भी स्वीकार करना होगा। आधी रात को बाहर घूमना, अध-नंगे कपड़े पहनना, इस तरह की स्वतंत्रता ही रेप की असली वजह है।
आज कोर्ट में दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि अक्षय को मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना जेल के अंदर दी गई है, पहले उसकी जांच की जाए। वकील एपी सिंह के मुताबिक राजनीति के लिए दोषियों को फांसी पर चढ़ाया जा रहा है ऐसी गंदी राजनीति ना की जाए।
उन्होंने कहा कि ये सारे लड़के युवा है, इन्हें फांसी के बदले उम्र कैद की सजा सुनाई जाए। इन दोषियों को फांसी पर चढ़ाने पर क्या रेप कम हो जाएंगे? अजीबोगरीब दलील देते हुए उन्होंने कहा इनकी जिंदगी का इस्तेमाल बॉर्डर पर कीजिए इन्हें पाकिस्तान और चाइना बॉर्डर पर खड़ा कर दीजिए।
एपी सिंह ने दलील दी कि सभी कोर्ट फिलहाल कोरोना के कारण बंद हैं, अभी हमारी याचिकाएं अलग-अलग अदालतों में लंबित हैं। कोर्ट को एपी सिंह ने बताया कि इसके अलावा एक दोषी की पत्नी उससे तलाक लेना चाहती है। वह केस लंबित है, इसके अलावा इंटरनेशनल कोर्ट में भी हमने अर्जी दी हुई है, कोरोना के चलते वहां कोर्ट बंद है।
पटियाला हाउस कोर्ट के जज ने कहा कि CRPC के किसी भी प्रोविजन के इस्तेमाल कर अब फाँसी की सजा रोकी नहीं जा सकती। दूसरों की वकील की सारी उठापटक, सारी दलील, सारे पैंतरे, सारे दांव-पेच बेकार गए।
अब देखना है कि इस तालिबानी वकील का लाइसेंस कब रद्द होता है। अब यह फैसला बार काउंसिल के पास सुरक्षित है। अभी इस वकील के स्टेटमेंट पर कड़ी समीक्षा की जा रही है।
लेटेस्ट ख़बरों के अनुसार दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों की फांसी बरकरार रखी है। कल सुबह 20 मार्च को फांसी तय है।
मूल चित्र : YouTube
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