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24 साल हो चुके हैं शादी हुए, बच्चों को कहाँ छोड़ती इसलिए आज भी साथ हूँ और इस आदमी से मन से तन से दोनों तरह से दूर हूँ, लेकिन आज अपने आपको मजबूत समझती हूँ।
मैं एक मध्यम वर्गीय परिवार की लड़की हूँ और ये जो मैं आपको बता रही हूँ, ये मेरी ज़िन्दगी का सत्य है। एम.ए. की पढ़ाई के बाद मेरे मम्मी पापा ने मेरी शादी की। मैं ख़ुशी ख़ुशी अपनी ससुराल आ गयी। और सभी रिवाज़ों के साथ मैंने अपनी ज़िन्दगी शुरू की। पर कुछ समय बाद पता चला कि मेरे पति बहुत शराब पीते हैं तो मैं परेशान रहने लगी।
मैं उनको समझाती पर वो नहीं समझ पाते थे, घर के लोग भी उनको बोलते पर उन पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता । धीरे धीरे उनकी संगति गलत लोगों से हो गयी। शराब के साथ और भी गंदे काम होने लगे। मैं जब इस बारे में पूछती, बोलती तो मुझसे लड़ते और मारते।
मैं बहुत डरी सहमी रहती, अपने घर वालों को बताती तो वो भी समझाते पर मेरे पति पर कोई फर्क नहीं पड़ा। उन लोगों को भी वो गन्दी गालियां देते, मुझे मारते।
दिन महीने साल बीतते गए। बच्चे भी बड़े होने लगे। बच्चे भी डरते थे। मैं शादी से बाहर नहीं निकली ये सोचकर कि बच्चों का क्या होगा? और उम्र के साथ समझौता करना सीख गई।
पर एक दिन मेरे पति पर शराब पीने के बाद हैवानियत चढ़ गई। बिना किसी बात के मुझे सबके सामने चप्पलों से मारा। मैं परेशान हो गई। लेकिन किसी से भी सहायता नहीं मिली। जब मैंने सोचा कि कब तक सहूँगी, तो मैंने बोलना सीखा।
और जब मैंने आवाज़ उठाई तो मेरे पति ने मेरे ऊपर गंदे इल्ज़ाम लगाए। पर मैंने हार नहीं मानी। और सबके सामने बोलकर अपने को मज़बूत किया।
24 साल हो चुके हैं शादी हुए। बच्चों को कहाँ छोड़ती इसलिए आज भी साथ हूँ। पर इस आदमी से मन से तन से दोनों तरह से दूर हूँ। लेकिन आज अपने आपको मजबूत समझती हूँ। क्यूँकि मैंने बोल दिया कि अगर आज के बाद मुझे मारा या छुआ तो हाथ तोड़ दूँगी।
ऐसे आदमी मनुष्य कहलाने के लायक नहीं, वे जानवर से भी गए बीते हैं। आज मैं एक इंसान के तौर पर बहुत मजबूत महसूस करती हूँ क्यूँकि मैंने गलत और शोषण के खिलाफ आवाज़ उठाना सीख लिया है।
मूल चित्र : Unsplash
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