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सुहानी बहू शादी की सालगिरह मुबारक हो, अब तो तुम बच्चे के बारे में सोचो। शादी को 3 साल हो गए हैं और अभी तक तुम्हारी गोद नहीं भरी।
“बहू शादी की सालगिरह मुबारक हो, अब तो तुम बच्चे के बारे में सोचो, शादी को 3 साल हो गए हैं और अभी तक तुम्हारी गोद नहीं भरी?”
सुहानी एक समझदार, सुलझी हुई, प्राइवेट बैंक में नौकरी करने वाली लड़की है। वहीं उसे अपने ही ऑफिस में काम करने वाले रोहित से प्यार हुआ। घरवालों की रजामंदी से दोनों ने शादी भी कर ली। सुहानी की सास ने उसे माँ की तरह प्यार दिया और अपने ससुराल में सुहानी बहुत खुश थी। किसी चीज़ की कोई कमी नहीं थी उसे। रोहित भी अब जॉब और घर में सुहानी के साथ बहुत खुश था।
समय मानो पंख लगाकर उड़ने लगा!
एक दिन रोहित ने कहा, “सुहानी आज हमारी शादी के 3 साल बीत गए। तुम्हारे साथ के कारण पता भी नहीं चला। आज शाम को पार्टी है, तुम तैयार रहना। घर पर कुछ मेहमान आने वाले हैं।”
शाम के समय सुहानी तैयार हो जाती है, और देखती है कि मोहल्ले की कुछ बूढ़ी औरतें भी आई हैं। उन सबको नमस्कार करने के बाद सुहानी अपनी सास के पास जाकर बैठ जाती है। तभी सभी औरतें बात करना शुरू करती हैं, “सुहानी बहू शादी की सालगिरह मुबारक हो! अब तो तुम बच्चे के बारे में सोचो। शादी को 3 साल हो गए हैं और अभी तक तुम्हारी गोद नहीं भरी?”
तभी सुहानी की सास बोली, “तुम सब भी आते ही मेरी बहू के पीछे पड़ गयी हो। बच्चा? हो जाएगा बच्चा। अभी तो इनके खेलने कूदने के दिन हैं। जब दोनों सोच लेंगे कि अब वो अब बच्चों की जिम्मेदारी उठाने लायक हो गए है तब कर लेंगे बच्चा।”
“अरे सुहानी की सास तुम तो बुरा मान गयी। हमारे कहने का मतलब था कि बहु एक बच्चा पैदा कर लो, बाद में अपने जॉब को करते रहो।”
तभी रोहित भी आ गया। उसने भी सारी बातों को सुन लिया और बोला, “अरे आप सब तो बेकार में ही परेशान हो रहे हो। आप तो एक बच्चे की बात कर रहे हो। मेरा मन तो पूरी क्रिकेट टीम बनाने का है।” कह कर रोहित मुस्कुराने लगा। रोहित की बात सुनकर सुहानी अपनी सास के पीछे छुप गयी और वहाँ मौजूद सभी औरतें भी हँसने लगीं। फिर सबने मिलकर पार्टी को पूरा एन्जॉय किया सुहानी और रोहित को खूब आशिर्वाद भी मिला।
दोस्तों, सही बात है आप किसी के मन मे क्या है ये नहीं जान सकते। हम सिर्फ बाहर या ऊपर से देखकर ही अपनी कल्पना कर लेते हैं, जबकि हक़ीक़त कुछ और ही होती है।
मूल चित्र : Unsplash
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