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क्या आप अपने परिवार को वायरस से सिक्योरिटी के साथ-साथ साइबर सिक्योरिटी भी दे रहे हैं?

कोरोना वायरस से बचने के लिए लॉकडाऊन हो गया और हम सभी की ज़िंदगी भी थम सी गयी,लेकिन इस में एक चीज़ है जो हमें अभी भी चाहिए, वह है साइबर सिक्योरिटी।  

कोरोना वायरस से बचने के लिए लॉकडाऊन हो गया और हम सभी की ज़िंदगी भी थम सी गयी,लेकिन इस में एक चीज़ है जो हमें अभी भी चाहिए, वह है साइबर सिक्योरिटी।  

लोग कहते हैं कि वो बाहर काम करने या पढ़ाई करने जाती है इसलिए सुरक्षित नहीं है, लेकिन मैं उनसे आज पूछना चाहूँगी कि अब क्या जब वो घर रहकर काम कर रही हैं, तो क्या वो सुरक्षित हैं?

आपको हाल ही में हुई एक घटना से रूबरू करवाना चाहूँगी। वैश्विक महामारी के चलते सभी कॉलेज, स्कूल और ऑफिस बंद हो गये और उसकी वजह से इनमें से कुछ ने इंटरनेट के ज़रिये अपना काम जारी रखा और कई कॉलेज ने ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करवाई और उन्ही में से एक है दिल्ली यूनिवर्सिटी। दिल्ली यूनिवर्सिटी के कई प्रोफ़ेसर्स ने कंप्लेंट करी है कि ऑनलाइन क्लासेज के दौरान उनके साथ बद्तमीज़ी करी गयी है। कुछ बदमाश गालियाँ या अश्लील सामग्री भेजकर बच्चों और प्रोफ़ेसर दोनों को परेशान करते हैं। और किसी की निजी डिटेल्स भी हैक कर ली गयी है। इसके कई कारण हो सकते है या तो जो इनविटेशन लिंक बच्चों के साथ शेयर करा गया वो बाहर के लोगो के साथ भी शेयर कर दिया गया या फिर हो सकता है उन्होंने हैक कर लिया हो और वो साइबर क्राइम का हिस्सा हों। 

लिंक क्लिक करते ही आपकी सारी जानकारियाँ उन तक पहुंच जाती है

आजकल हमारी सोशल मीडिया साइट्स, ईमेल एकाउंट्स सभी एक ही चीज़ से भरे रहते है और वो वेबिनार्स के लिंक्स। आप और हम रोज़ न जाने कितने ऐसे लिंक्स पर क्लिक कर देतें हैं, जिनमें हमें कोई इंटरेस्ट भी नहीं है और बस क्लिक करते ही आपकी सारी जानकारियाँ उन तक पहुंच जाती है और वो उनका गलत इस्तेमाल करते हैं और इससे साइबर क्राइम होते हैं। 

कई हैकर्स इसका फायदा उठा रहे हैं और खत्म हो रही है साइबर सिक्योरिटी

लगभग हर क्षेत्र में इनका उपयोग किया जा रहा है, तो ऐसे में कई हैकर्स इसका फायदा उठा रहे है और वो आपकी प्राइवेसी के साथ खिलवाड़ करते है। ऐसे में आपके निजी सूचनाएं, पिक्चर्स, जरूरी बैंक अकाउंट्स, पासवर्ड आदि सब हैक कर लेते है। और इससे आपको नुकसान हो सकता है। 

तो इसमें सवाल ये उठता है कि क्या इसमें आप और आपके बच्चे सुरक्षित हैं? क्या ये वीडियो कॉन्फरेंन्सिंग ऍप्लिकेशन्स जैसे ज़ूम, गूगल हैंगआउट्स आदि सुरक्षित हैं?  इसी सिलसिले में गृह मंत्रालय ने भी चेतावनी देते हुए हुए इसे एक ‘चमकदार टाइम बम’ की तरह बताया है। आज में आप के साथ कुछ जरूरी टिप्स शेयर करूंगी की कैसे आप और अपने परिवार को इस क्राइम से बचा सकते हैं।

आइये जानते हैं किस तरीके से बदमाश इस महामारी में भी क्राइम को अंजाम दे रहें है और हम उनसे किस तरह से बच सकते हैं।

वर्क फ्रॉम होम करने वालों के लिए साइबर सिक्योरिटी टिप्स 

  1. सबसे पहले सभी पुराने पासवर्ड बदले और सभी ऑनलाइन ऍप्लिकेशन्स के लिए नए स्ट्रांग पासवर्ड लगाए और इसमें ध्यान रखें की एक जैसे पासवर्ड ही सभी के लिए इस्तेमाल नहीं करें।
  2. सभी सिस्टम्स में अपडेटेड एंटी वायरस सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करें।
  3. किसी भी ओपन वाई-फाई या इंटरनेट का इस्तेमाल ना करें।
  4. अगर हो सके तो ऑफिस के द्वारा दिए गए लैपटॉप / कंप्यूटर का ही इस्तेमाल करें। अपने निजी काम के लिए हमेशा दूसरा सिस्टम ही इस्तेमाल करें।
  5. जो भी मीटिंग लिंक्स आपको दिए जाते हैं, उन्हें किसी भी तीसरे व्यक्ति के साथ शेयर नहीं करे, ख़ासकर करके सोशल मीडिया पर तो बिल्कुल ना करें।
  6. किसी भी तरह के ईमेल को खोलने से पहले जान ले की क्या वो ईमेल एड्रेस सही है। कई बार हैकर्स आपकी कंपनी की तरह दिखने वाला लोगो और ईमेल एड्रेस यूज़ करके आपसे जरूरी इनफार्मेशन ले लेते है।
  7. ध्यान दें की जब भी आपके छोटे बच्चें सिस्टम का उपयोग करे तो वो गलत लिंक्स को न खोले और कोई फ्रॉड एप्लीकेशन डाउनलोड ना करें।
  8. अगर आप कोई स्कैम देखे तो उसे तुरंत रिपोर्ट करें।
  9. हर मीटिंग के लिए नई आईडी और पासवर्ड बनाएं। वेटिंग रूम एक्टिवेट करें , ताकि हर यूजर तभी एंटर हो, जब होस्ट अनुमति दे।

जब भी बच्चें ऑनलाइन क्लासेज अटेंड करें तो कोशिश करें की आप उनके आस पास रहें।

स्टूडेंट्स के लिए साइबर सिक्योरिटी टिप्स 

  1. ऑनलाइन क्लासेज अटेंड करते वक़्त आप ध्यान रखें की अगर आप स्क्रीन शेयर करते है तो उसमे कोई प्राइवेट चीज़ नहीं खुल रखी हो। ये आपके लिए दिक्कत कर सकता है, क्यूँकि ज़्यादातर केसेस में सभी ऑनलाइन मीटिंग्स, लेक्चर्स में रिकॉर्डिंग होती है।
  2.  अपने मीटिंग आईडी पासवर्ड किसी के साथ शेयर नहीं करें।
  3. अगर आप किसी भी ऑनलाइन वेबिनार के लिए रजिस्टर करें, तो पहले जाँच लें कि क्या वो सही है। कई बार आपकी नि़जी इनफार्मेशन लेने के लिए फ्रॉड साइट्स बना दी जाती हैं।
  4. ऑनलाइन पेमेंट करते वक़्त पहले अपने फैमिली मेंबर्स से कंसल्ट करें।
  5.  अगर आपके साथ किसी भी तरह की बद्तमीज़ी होती है, तो तुरंत पेरेंट्स को बतायें।
  6. क्लास अटेंड करने के बाद हमेशा अपना अकाउंट लोग आउट कर दें।

भारत के साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स ने बताया है की ज़ूम एप्लीकेशन एंड-टू-एंड इन्क्रिप्टेड नहीं है। इससे कई जरूरी जानकारियाँ आसानी से हैक करी जा सकती हैं।  साइबर क्राइम से बचने के लिए मैक (Mac) यूज़र फेस टाइम (FaceTime) यूज़ कर सकते है और विंडोज़ (Windows) यूज़र टीम वर्क (Teamwork) यूज़ कर सकते हैं। इसके अलावा आप स्काइप (Skype), पॉलिसी मेकर (Policymaker), पब्लिक फिगर (Public Figure) जैसे अन्य एप्लीकेशन इस्तेमाल कर सकते हैं।

उम्मीद है आप आपके परिवार को वायरस से सिक्योरिटी के साथ साइबर सिक्योरिटी भी देंगे। और अगर आपके या आपके किसी साथी के साथ किसी भी प्रकार के फ्रॉड हो तो तुरंत उसकी जानकारी पुलिस को दें और ज्यादा से ज्यादा लोगो तक इस साइबर सिक्योरिटी की जानकारी पहुँचायें।

मूल चित्र : Canva

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About the Author

Shagun Mangal

A strong feminist who believes in the art of weaving words. When she finds the time, she argues with patriarchal people. Her day completes with her me-time journaling and is incomplete without writing 1000 read more...

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