कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

यहां इक तू है, तो इक मैं भी तो हूं…

ये रिश्ता अगर दो लोगों से बनता है, तो ऐसा क्यों है कि एक ज़्यादा ज़रूरी है और एक नहीं? ऐसा क्यों है कि मेरा अस्तित्व तेरे होने से ही है? 

ये रिश्ता अगर दो लोगों से बनता है, तो ऐसा क्यों है कि एक ज़्यादा ज़रूरी है और एक नहीं? ऐसा क्यों है कि मेरा अस्तित्व तेरे होने से ही है? 

इक तू है,
इक मैं हूं;

इक रिश्ता जो तेरा-मेरा है,
एक ही डगर पर साथ चलने सा है।

तेरे बिना मैं अधूरी,
मेरे बिना तू अधूरा;
फिर क्यूं आधी दुनिया को लगता यही,
कि तेरे होने से मैं तो हूं;
पर मेरा होना कुछ खास नहीं?

इक सवाल यही;
हर रोज ही;
दिल में सुई सी चुभोता है…

इक तु है,
इक मैं भी हूं;
इक रिश्ता जो तेरा-मेरा है,
अस्तित्व इसमें तेरा-मेरा है…

मूल चित्र : Pexels 

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

Anchal Aashish

A mother, reader and just started as a blogger read more...

36 Posts | 103,308 Views
All Categories