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कई भारतीय महिलाएँ अपनी हॉबी के मुताबिक घर पर बिज़नेस शुरू करने का सपना देखती हैं, यह जानकारी आपको अपनी हॉबी को बिज़नेस में बदलने में मदद करेगी!
अनुवाद : मानवी वाहने
अपनी हॉबी को बिज़नेस में बदल लेना शायद सबसे ज़्यादा ख़ुशी की बात होती है। कई भारतीय महिलाएँ उस काम के लिए वेतन पाना चाहती हैं जो करना उन्हें बेहद पसंद है! हालाँकि, बिज़नेस भले ही किसी प्रतिभा पर आधारित हो, वह फिर भी एक बिज़नेस रहेगा और वह परिश्रम जो किसी भी बिज़नेस को शुरू करने में लगता है, अपनी हॉबी को बिज़नेस में बदलने में भी लगेगा।
यह कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब आपको ढूँढना होगा जब आप अपनी हॉबी को बिज़नेस में बदलने का फैसला लेंगी।
एक अत्यंत सफल फिल्म ‘बैंड बाजा बारात’ ऐसी ही समस्याओं को हाईलाइट करती है जिनका सामना अपनी निजी रुचि को बिज़नेस में बदलने की कोशिश करते व्यवसायी को करना पड़ता है, और किन बातों के कारण वे सफल या असफल होते हैं।
फिल्म में, इवेंट मैनज्मेंट में रुचि रखने वाली एक युवा महिला एक दोस्त के साथ मिलकर अपना बिज़नेस शुरू करती है। उनकी फ़्लेक्सिबिलिटी, फुर्तीलापन और अपने ऑपरेशंस के साथ ही अपनी निजी क्षमताओं को ऊँचाइयों पर पहुँचाना, उन्हें शून्य से मार्केट में एक जाना – पहचाना नाम बना देता है।
वही टीम निजी कारणों के चलते बाद में असफल हो जाती है और अपनी निजी समस्याओं को अपनी प्रोफेशनल ज़िंदगी से अलग नहीं कर पाती। उनके क्लाइंट्स कम होने लगें, वे क़ीमतें कम करने लगें और आख़िर में मार्केट में वे अपनी विश्वसनीयता खो देते हैं। जहाँ फिल्म की हैपी एंडिंग हो जाती है, वहीं हम उनके बिज़नेस, ‘शादी मुबारक’ के असफल होने के कारणों पर नज़र डाल सकते हैं:
उदाहरण के लिए, एक कलाकार या लेखक का अपने घमंड को अपने काम से अलग न कर पाना उसके बिज़नेस के लिए घाटे का सौदा साबित हो सकता है।
रुचि मित्तल,जो एक ट्रेन्ड डॉक्टर हैं, अब दिल्ली में ‘मसकावाडो केक्स’ का बिज़नेस चलाती हैं, जहाँ विशेष गुणवत्ता की चोक्लेट्स बनाई जाती हैं और केक ऑर्डर किए जाते हैं। रुचि ने अपनी बेकिंग की हॉबी को एक सफल बिज़नेस में तब्दील कर दिया है। इस बिज़नेस को स्थापित करने के अपने अनुभवों के बारे में बताते हुए, वे कहती हैं, “एक हॉबी को बिज़नेस में बदलने के पहले बहुत सोच – विचार करने की ज़रूरत होती है। जब हॉबी अचानक बिज़नेस में बदल जाती है, तो बिज़नेस को लेकर न किए गये सोच – विचार व्यवसायी को पूरी तरह से हतोत्साहित कर सकते हैं।”
उदाहरण के लिए, रुचि के मुताबिक़,
वे हॉबी जो एक व्यक्ति की विशेष प्रतिभा जैसे लेखन या चित्रकारी पर निर्भर हों, उसके लिए सहायकों या अतिरिक्त योजना की ज़रूरत नहीं पड़ती। अन्य हॉबी जैसे बेकिंग या शिक्षा से जुड़ी हॉबी में आपको उन स्किल्स की ज़रूरत पड़ सकती है जो शायद आपके पास न हों, जैसे एकाउंटेंट, या ऑपरेशंस एक्स्पर्ट्स।
उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति को यदि प्री स्कूल स्थापित करना हो तो उसके लिए कम से कम केयरगिवर, एकाउंटेंट, एड्मिनिस्ट्रेटर, सफाई कर्मचारी आदि की ज़रूरत पड़ेगी। यह निर्णय लें कि बिज़नेस का कौन सा हिस्सा आप सम्भालेंगी और कौनसा हिस्सा आपको स्टाफ को देने की ज़रूरत पड़ेगी।
आपको पहले से यह सोचने की ज़रूरत है कि आप अपने काम के लिए कितना समय दे सकते हैं और अपनी अन्य निजी प्रतिबद्धताओं को कैसे हैंडल कर सकते हैं। सामान की ज़रूरत भी ऑपरेशंस के स्केल के साथ अलग – अलग होती है। अतिरिक्त बातों जैसे पैकिजिंग के मटीरीयल, प्रमोशनल मटीरीयल, विज्ञापन और सेल्स के प्रोमोशन के बारे में बिज़नेस शुरू करने से पहले ही सोचना ज़रूरी है। अपने ग्राहकों को जानना और अपने प्रोडक्ट को प्रोमोट करने और डिलीवर करने के लिए उन तक पहुँचने का सही तरीका खोजना, दोनों ही बहुत ज़रूरी हैं।
जितने अधिक ग्राहकों तक आप पहुँचना चाहती हैं, उतनी अधिक महत्वपूर्ण आपकी सप्लाई चेन बन जाती है। बढ़ती हुई डिमांड में ऑपरेशंस का स्केल न बढ़ाना और वैसे ही, जहाँ कम करने की ज़रूरत हो वहाँ कम नहीं करना, आर्थिक हानि के साथ ही, मार्केट में विश्वसनीयता खोने और बिज़नेस बंद करने की कगार पर पहुँचने का कारण बन सकता है। भारत में रचनात्मक प्रॉडक्ट्स के बारे में अनुमान लगाना काफी मुश्किल होता है और कुछ प्रॉडक्ट्स बेहद छोटी जनसंख्या को ही पसंद आ सकते हैं।
निजी प्रतिभा जैसे लेखन और चित्रकारी जैसी हॉबी को बिज़नेस में तब्दील किया जाय तो उसका नतीजा निराशा हो सकती है, क्योंकि इन क्षेत्रों में काम बहुत सारे दबाव के साथ मिलता है। पूरी रचनात्मक प्रक्रिया क्लाइंट की ज़रूरत के अनुसार होनी चाहिए। विषय क्लाइंट्स द्वारा निर्धारित किए जाते हैं, फ़ॉर्मैट और शब्द संख्या भी। रचनात्मक मन के लिए अपने स्वाभाविक तरीकों से हटकर मार्केट द्वारा तय की गयी योजना के मुताबिक चलना अक्सर निराशाजनक होता है।
शायद सबसे ज़रूरी बात, खुद को समय दें। एक हॉबी को बिज़नेस में तब्दील कर के, उसमें प्रोफिट कमाने में समय लगता है। अपने लक्ष्य निर्धारित करें और एक योजना के अनुसार काम करें। हर स्टेज में, अपने परिणामों का आँकलन करें और अपनी योजना में उचित बदलाव करें। इस तरह से आप समय पर अपनी योजना में सुधार कर पाएँगी और अपने लक्ष्य तक पहुँच सकेंगी।
खुद को सफल होने के लिए एक मौका दें! आपकी हॉबी से आप ज़रूर आर्थिक लाभ हासिल कर पाएँगी!
मूल चित्र : Canva
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