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कविता शब्द का अर्थ सिर्फ यह नहीं के ताल और तुक मिले कविता का अर्थ है "निचोड़" किसी भी भाव का निचोड़ जो आपकी मनोभावना को प्रदर्शित आप अपने भाव के अनुरूप अपने शब्दों को एक लय में बाँध देते हैं
कविता शब्द का अर्थ सिर्फ यह नहीं के ताल और तुक मिले कविता का अर्थ है “निचोड़” किसी भी भाव का निचोड़ जो आपकी मनोभावना को प्रदर्शित आप अपने भाव के अनुरूप अपने शब्दों को एक लय में बाँध देते हैं
यूँ तो आसां नहीं होता किसी कविता का बन जाना ,
हर वक़्त मुमकिन नहीं होता लफ़्ज़ों का आकार ले लेना
दिल के दर्द जब पिघल कर बनते हैं शब्द….
तब होती है इक कविता मुकम्मल !
दिल के घाव जब नासूर बन रिसते हैं ,
कहीं दूर तक अंधेरे गलियारों में
यूँ ही बिना वजह भटकने के बाद ,
जब कहीं रोशनी न आये नज़र
तब होती है इक कविता मुकम्मल !!
कभी कभी प्रेम रस से भीगे से
लफ़्ज़ जब करते हैं अठखेलियाँ ,
कभी ख़ुशियों की सौग़ात मिल जाए ,
और दिल के तार झंकृत हो जाएँ
जब कभी यादों की पोटली खुल जाए ,
और सोये किरदार बाहर निकल आएँ
फिर होती है इक कविता मुकम्मल !!
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