कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
गलत-सही निर्णय जो आप ही लेती हूं, लोगों को कम ही भाती हूं, मैं आज़ाद ख्यालों सी लड़की, अपनी एक सोच लिये, अपने उसूलों पर चलती हूं, मैं आधुनिक ज़माने की लड़की।
ढल नहीं सकती, आडम्बर के जर्जर से ढांचों में हाँ, मैं हूँ… रूढ़िवादियों से खिलाफत सी लड़की।
चुप हो सकती हूं कहीं, पर हामी न भरूँगी दक़ियानूसी बातों पर, बेशक हूं मैं, विचारों से बगावत सी लड़की।
गलत-सही निर्णय जो आप ही लेती हूं लोगो को कम ही भाती हूं, मैं आज़ाद ख्यालों सी लड़की।
अपनी एक सोच लिये, अपने उसूलों पर चलती हूं। ईमानों के लिए आज भी लड़ती, मैं आधुनिक ज़माने की लड़की।
बेतर्क न मानूँगी खोखली वर्जनाओं को… बेशक हूँ मैं, बागी मिज़ाजों सी लड़की।
मूल चित्र : Canva
read more...
Please enter your email address