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पोर्नहब की ये रिपोर्ट बताती है कि लॉकडाउन के दिनों में भी सुरक्षित नहीं हैं हमारे बच्चे

दुनिया की सबसे बड़ी पोर्नोग्राफी वेबसाइट पोर्नहब की रिपोर्ट में सामने आया है कि भारत से 24 से 26 मार्च 2020 के बीच उनकी साइट पर 95 प्रतिशत ट्रैफिक बढ़ा है।

दुनिया की सबसे बड़ी पोर्नोग्राफी वेबसाइट पोर्नहब की रिपोर्ट में सामने आया है कि भारत से 24 से 26 मार्च 2020 के बीच उनकी साइट पर 95 प्रतिशत ट्रैफिक बढ़ा है।

क्या आपका बच्चा लॉकडाऊनके दिनों में सुरक्षित है? अब आप में से कई लोग सोच रहें होंगे कि ये कैसा सवाल है? अभी तो सब घर में ही रहते हैं तो जाहिर सी बात है सुरक्षित होंगे। लेकिन मैं आपको बता दूं कि ऐसा नहीं है। वो अभी भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है।

जैसा अक्सर हम देखते है हमारे देश में हर तरह की सिचुएशन में भी क्राइम करने वाले अपना रास्ता बना लेते हैं। और महिलाओं और बच्चों के लिए तो मुश्किलें वैसे ही कम नहीं है। इन्हीं सब मुश्किलों के बीच हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आयी है, जिसके आंकड़े डरा देने वाले हैं। इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड (आईसीपीएफ) की रिपोर्ट के मुताब़िक देश में  कोरोना लॉकडाउन के बीच चाइल्‍ड पोर्नोग्राफीकी मांग में अप्रत्‍याशित और खतरनाक वृद्धि हुई है। इसके अंतर्गत चाइल्ड पोर्नोग्राफी सामग्री (जिसे चाइल्ड सेक्सुअल अब्यूज़ मटिरियल भी कहा जाता है) की मांग में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है।

दुनिया की सबसे बड़ी पोर्नोग्राफी वेबसाइट पोर्नहब की रिपोर्ट में सामने आया है कि भारत से 24 से 26 मार्च 2020 के बीच उनकी साइट पर 95 प्रतिशत ट्रैफिक बढ़ा है। और साथ ही सोशल इम्‍पैक्‍टफंड की रिपोर्ट बताती है कि लॉकडाउन के बाद से ऑनलाइन डेटा मॉनिटरिंग वेबसाइट दिखा रही है कि चाइल्ड पोर्न, सेक्सी चाइल्ड और टीन सेक्स वीडियो जैसी चीज़ों की खोजों में वृद्धि हो रही है। ऐसा इसलिए क्यूंकि पोर्नहब ने अपना प्रीमियम कंटेंट लॉकडाउन के दिनों में फ्री कर दिया है।

पोर्नोग्राफिक वेबसाइट केवल अपने वेबसाइट का URL बदलकर कानून से बचती है

भारत में कई चाइल्ड पोर्नोग्राफी वेबसाइटस बैन है। लेकिन फिर भी पोर्नोग्राफिक वेबसाइट केवल अपने वेबसाइट का यूआरएल (URL) बदलकर बदलकर कानून के हाथों से बच जाती है।  इंडिया चाइल्‍ड प्रोटेक्‍शन फंड की प्रवक्‍ता निवेदिता आहूजा का कहना है की यह एक ओर जहां माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का घोर उल्लंघन है, वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय नीति का भी उल्लंघन है।

इंडिया चाइल्‍ड प्रोटेक्‍शन फंड ने सख्‍त चेतावनी देते हुए कहा कि इससे लाखों पीडोफाइल, बाल बलात्कारी और चाइल्‍ड पोर्नोग्राफिक एडिक्‍टस को ऑनलाइन सामग्री की आपूर्ति हो रही है,  जिससे बच्चों के लिए इंटरनेट इन दिनों बेहद असुरक्षित हो गया है। इसलिए समय रहते अगर इस पर कठोर कार्रवाई नहीं की जाती है, तो बच्चों के खिलाफ यौन अपराध बढ़ सकते है।

सरकार ने हमेशा की तरह इस बार भी बैठक बुलाकर चर्चा तो कर ली है लेकिन कोई कड़ा कदम नहीं उठाया है

हाल ही में हुई बैठक में जियो और एयरटेल जैसी बड़ी कंपनियों के लिए कड़े कानून बनाने की सिफारिश की है। साथ ही सोशल मीडिया साइट्स जैसे फेसबुक , ट्विटर और इंस्‍टाग्राम को जवाबदेह बनाने की सिफारिश करते हुए कहा कि उनकी जिम्‍मेदारी होनी चाहिए कि वे किसी भी सूरत में अपने प्लेटफार्म पर कोई ऐसा कोई कंटेंट शेयर न होने दें, जिससे बाल दुर्व्यवहार और यौन शोषण को बढ़ावा मिले। उम्मीद है इन चर्चाओं पर कड़े कदम भी उठाये जायेंगे।

इन 100 शहरों में इस तरह का कंटेंट सबसे ज्यादा सर्च किया गया हैं

इंडिया चाइल्‍ड प्रोटेक्‍शन फंड की ही एक रिपोर्ट – चाइल्ड सेक्सुअल अब्यूज़ मटिरियल इन इंडिया में पाया गया है की दिसंबर 2019 के दौरान पब्लिक वेब पर 100 शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, इंदौर आदि  में चाइल्‍ड पोर्नोग्राफी कंटेंट की मांग सबसे ज्यादा है और लॉकडाउन के चलते ये और ज्यादा बढ़ गयी है। रिपोर्ट में ये भी सामने आया है की इस तरह की कंटेंट की डिमांड करने वाले सिर्फ सामान्य चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संतुष्ट नहीं हैं, बल्कि वे और ज्यादा हिंसक और बर्बरता वाले कंटेंट के लिए सर्च करते हैं। वे कंटेंट सर्च करते समय ‘चोकिंग’, ‘ब्‍लीडिंग’ और ‘टोर्चर’ जैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं।

आप के लिए ये कैसे चिंता का विषय है

सोचिये जो इंसान इस तरह के ज़ाहिल शब्दों का प्रयोग इंटरनेट पर कर सकता है, तो हक़ीक़त में क्या कर सकते है। मैं यहां आपको डरा नहीं रही हूं बल्कि सच्चाई से रूबरू करवा रही हूं, जिससे आप में से कई लोग दूर भागते  है। मैं दावे के साथ कह सकती हूं की अभी भी कई लोग यही सोच रहे होंगे की ऐसा कुछ नहीं होगा। हमारे बच्चे तो हमारी आँखों के सामने रह रहें है। तो सुनिए अब आपके लिए। जब 2 महीने से लेकर 80 साल तक की महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार हो सकता है, गाय से लेकर बकरी तक के साथ दुर्व्यवहार हो सकता है, तो आप और हम भी इसी भारत के हिस्से हैं।

मैं ये नहीं कह रही हूं की आप डर जायें बस गुज़ारिश है की नीचे दिए हुए समाधान पर थोड़ा अमल करें।

इससे हम अपने बच्चों को कैसे बचा सकते हैं

अगर गौर फ़रमाया जायें तो हम देखेंगे की इन लॉकडाऊन के दिनों में बच्चें अपना ज़्यादातर समय इंटरनेट की दुनिया में बिताते हैं। तो आप ध्यान रखें की वो ऐसी किसी वेबसाइट या लिंक से न जुड़े जिससे आपके डाटा चुरा लिया जाये। कई बार ऐसा होता है की वो आपका डाटा चुराकर आपके बच्चों को धमकी भरे मैसेज भेजते है और डर की वजह से बच्चे पेरेंट्स से शिकायत भी नहीं कर पाते।

बच्चों के फ़ोन में कोई भी एप्लीकेशन डाउनलोड करने से पहले जाँच ले की वो कहीं फ्रॉड तो नहीं हैं

अगर आपके बच्चे भी ऑनलाइन क्लासेज लेते हैं तो उनपर ध्यान दें। कई बार मेंटर्स बच्चों को डरा धमकाकर उनसे गलत चीज़े करवा लेते है। और फिर बच्चे धीरे धीरे उनके शिकार बन जाते है। जैसा की इन दिनों सभी आइसोलेशन में है तो ध्यान दे की कहीं कोई क़रीबी ही उनके साथ दुर्व्यवहार नहीं कर रहा हो। ज़रूरत से ज्यादा भरोसा करना भी क्राइम के तरफ एक कदम बढ़ाना होता है। और अगर आपके साथ या और किसी जानकर के साथ ऐसी घटना होती है तो तुरंत उसे पुलिस में रिपोर्ट करें। समाज के डर से अपने बच्चों का भविष्य बर्बाद मत होने दीजियेगा।

और सबसे जरूरी चीज़ क्यों ना बच्चों से धीरे धीरे हीं सही लेकिन उनकी उम्र के हिसाब से यौन से संबंधित खुलकर बात करी जायें। कोशिश करे की इसकी सही जानकारी आप उन तक पहुचायें जिससे पहले की बहुत देर हो जायें।

उम्मीद है इसे पढ़कर आप अपने बच्चों की तरफ एक कदम बढ़ाएंगे और उनसे खुलकर बात करेंगे।  हर सही बात करने के लिए हर वक़्त सही ही होता है।

मूल चित्र : Canva

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About the Author

Shagun Mangal

A strong feminist who believes in the art of weaving words. When she finds the time, she argues with patriarchal people. Her day completes with her me-time journaling and is incomplete without writing 1000 read more...

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