कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
देश की बागडोर हमारे राजनीतिज्ञ लोगों क हाथ में नहीं बल्कि देश के उन सपूतों क हाथ में हैं जो देश को बचने क लिए बॉर्डर पर अपनी जान की बाज़ी लगा देते हैं।
देश की बागडोर हमारे राजनीतिज्ञ लोगों क हाथ में नहीं बल्कि देश के उन सपूतों क हाथ में हैं जो देश को बचाने के लिए बॉर्डर पर अपनी जान की बाज़ी लगाते हैं।
रणभूमि मैं शंखनाद की आज बारी आ गई ,
जो धुँधली हो गई थी छवि ,
वह फिर हमारी आ गई ,
फिर विजय उत्सव मानाने की तैयारी हो गई ,
लहरें वह सारी थम गई ,
सुनामी की बारी आ गई ,
चंद साँसे बाँकी हैं ,
पर जोश हुआ काम नहीं ,
जो दुश्मन को न मिटा सके ,
हमको गवारा , हम नहीं ,
कह दो यह आतंक से ,
के , मृत्यु तुम्हारी आ गई ,
वह फिर हमारी आ गई …
Blogger [simlicity innocence in a blog ], M.Sc. [zoology ] B.Ed. [Bangalore Karnataka ] read more...
Please enter your email address