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UPSC और सरकारी नौकरी की तैयारी के कुछ बेसिक नियम और जानकारी

युवाओं में UPSC और सरकारी नौकरी SSC, आदि के लिए इतना जोश भर चुका है कि भारत के हर 10 युवा में से 4 लोग UPSC की परीक्षा देने के इक्छुक होते हैं।

युवाओं में UPSC और सरकारी नौकरी SSC, आदि के लिए इतना जोश भर चुका है कि भारत के हर 10 युवा में से 4 लोग UPSC की परीक्षा देने के इच्छुक होते हैं।

वर्तमान भारत में शिक्षा को लेकर युवा पीढ़ी के अंदर सकरात्मक बदलाव देखने को मिले हैं। प्रतिस्पर्धा के इस वातावरण में आज कल हर क्षेत्र में आगे बढ़ने की होड़ लगी हुई है। आजकल युवा लोग एमबीए, एच. आर, आदि में अपनी आजीविका कमाने के स्त्रोत ढूंढ रहें हैं। जबकि दूसरी तरफ देख सकते हैं युवा में UPSC और सरकारी नौकरी SSC, आदि के लिए इतना जोश भर चुका है कि भारत के हर 10 युवा में से 4 लोग UPSC की परीक्षा देने के इक्छुक होते हैं। जो कि बाद में यह प्रतिस्पर्धा केवल 5 % पर आकर रुक जाती है।

आजकल आप बच्चों से भी पूछेंगे के आप बड़े होकर क्या बनेंगे तो उनका उत्तर यही होता है IAS ऑफिसर IPS ऑफिसर। यह बात मानने वाली है कि यह एक बहुत ही बड़ी फील्ड है जिसमें देश को चलाने के लिए देश को संभालने के लिए बहुत सारी शखाएँ हैं। UPSC की परीक्षा को लोग आम बोलचाल में IAS की परीक्षा बोलते हैं।

UPSC क्या है?

UPSC एक संस्था है जो देश में परीक्षा का संचालन कर के भारत सरकार के लिए योग्य अधिकारियों की नियुक्ति करती है। UPSC आयोग के सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए जाते हैं। यह एक उच्चतम स्तर की परीक्षा द्वारा नियुक्त किए जाते हैं।

UPSC परीक्षा 2 चरणों में होती है

इसकी परीक्षा 2 चरणों में होती है। वैसे तो यह परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है और इसको पास करना आसमान से तारे तोड़कर लाने जैसा प्रतीत होने लगा है। कई सैकड़ों अभ्यार्थी और नियुक्ति बहुत कम, इस प्रतियोगिता का आधार बहुत संकीर्ण हो जाता है।परीक्षा पास करना कठिन प्रतीत होता है।

UPSC की परीक्षा की तैयारी कैसे करें?

मनुष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वह हर चीज़ कर सकता है। उसके बस में सब कुछ है। उसको ख़ुद पर विश्वास रखना चाहिए। कई नीतियों का पालन करना चाहिए। आइये जानते हैं कि आप अपनी सरकारी नौकरी या UPSC की परीक्षा को कैसे सफल कर सकते हैं। सटीक नीति की सहायता से आप अपनी किसी भी परीक्षा में कामयाब हो सकते हैं।

पाठ्यक्रम को रटने को बजाए समझें, अपने पाठ्क्रम के स्त्रोंतो को पहचाने और आगे की ओर बढ़ें

आप अपने पाठ्यक्रम को रटने की आदत को छोड़ दें। रटने से आपको बहुत कम समय तक याद रहेगा।पाठ्यक्रम को अच्छी तरह समझें ज़रूरी नहीं आप ज़्यादा पढ़ने के चक्कर में और समय के अभाव में अक्सर बच्चे रटने लगते हैं। इस आदत से आपको अपना याद किया हुआ ज़्यादा समय तक याद नहीं रहेगा और आप भूल जाएंगे। आप एक एक शब्द को समझ समझ कर पढ़े, ज़रूरी नहीं आपको उसी साल यह परीक्षा पास करनी हो।

टाइम टेबल/समय सारणी का निर्माण, समय को लेकर कंजूस बन जाएं

‘समय ही पूंजी है’ समय को महत्वपूर्ण मानिए। आपकी तैयारी के समय आपका समय बहुत महत्वपूर्ण है, इसके एक एक सैकंड को क़ीमती है। आप अपना समय बाँट लीजिये, कि आपको खुद को कितना समय देना है और किस विषय को कितना। कौन सा टॉपिक आपको एक हफ्ते में खत्म करना है, हर हाल में। एक महीने में आप इसके आदी हो जाएंगे और यह आपकी आदत में शुमार हो जाएगी।

ज़रूरी नहीं आप दिन के 18 घण्टे बस पढ़ाई को ही दें, समय सारणी से चलेंगे तो आप अपना जीवन और अपना समय अच्छी तरह गुज़ार सकते हैं। और हाँ! इसमें आप अपने लिए समय निकालना न भूलें, म्यूजिक, डांस, कुकिंग, स्विमिंग आदि। आप अपनी पसंदीदा क्रिया-कलापों को इग्नोर न करें। इस से आपका मन प्रफुल्लित होगा और आप अच्छी तरह से अपनी पढ़ाई में ध्यान लगा पाएंगे।

अखबार और मैगज़ीन को अपना दोस्त बनाईये

अख़बार और मैगज़ीन को अपना सबसे महत्वपूर्ण दोस्त बना लीजिए। प्रतिदिन आप अपने दोस्त के साथ समय बिताएं, और महत्वपूर्ण पार्ट को अंडरलाइन करते चलें। हो सके तो एक रेजिस्टर बना लीजिए और उसके हिसाब से आप अपने इम्पोर्टेन्ट नोट्स को लिखते चलें। देखिए! अखबारों और पत्रिकाओं से दोस्ती काफी फायदा के सौदा साबित हो सकता है। एक एक शब्द पर कड़ी नजर रखें और समझते चले जाएं। हमको यह ज्ञात होना चाहिए कि देश और विदेश में क्या चल रहा है।

अपने UPSC पाठ्यक्रम का गूढ़ता से विश्लेषण करें

आप जिस विषय का चुनाव कर रहे हैं, यह बहुत आवश्यक है कि आप उसके आधार को भली भांति समझते हों। कक्षा 6 से कक्षा 12 तक के NCERT के हर एक विषय को छान लीजिए। हर एक शब्द आपकी दिमाग पर जमा हुआ होना चाहिए। NCERT तो आपका बेस बनाता है और साथ के साथ आप अपने विषय को मजबूत करने के लिए ICSE बोर्ड द्वारा मनोनित पाठ्क्रम को भी कवर करें। सवाल कहीं से भी कुछ भी आ सकता है।

इसके बाद बात आती है स्नातक लेवल के पाठ्यक्रम की जिसमें आपको थोड़ा विश्लेषण करना और व्याख्या के साथ अध्ययन करना प्रभावशाली साबित हो सकता है।संभावित प्रश्न पत्र आपके अनुभव के साथ साथ आपको और आपकी दिशा दृष्टि का भी निरीक्षण करेगा। इसलिए फिर कहना चाहूंगा हर एक पॉइंट को समझ समझ कर पढ़ें।

लिखने को अपनी आदत बना लें

लिखना एक बहुत सुदृढ़ रचना है। लिख कर आप अपने मानो भाव को दर्शा सकते हैं। अपनी लेखनी द्वारा आप अपनी आवाज़ लोगों तक पहुंचा सकते हैं। कई सरकारी नौकरी में बड़े-बड़े निबन्ध आते हैं, जिसके विषय ऐसे होते हैं जो शायद आपके सामने कभी न पड़े हों। मगर आते तो आपके समाज से ही हैं। अक्सर परीक्षार्थी निबन्धों से घबराते हैं। ऐसा न करें बस अपनी आसपास की समस्याओं को महसूस करें, समझें, देखें, और निवारण के सोचें। ज़्यादातर निबन्ध सामाजिक समस्याओं से सम्बंधित ही पूछे जाते हैं, और ये स्कोरिंग भी होते हैं। इसलिए लिखने की कला सीख लीजिये, आपके बहुत काम आ सकती है।

सेल्फ मोटिवेशन से ख़ुद को जिताईये

हम बात करते हैं सेल्फ मोटिवेशन की तो हम सभी के लिए सेल्फ मोटिवेशन बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सेल्फ मोटिवेशन का मतलब है खुद को प्रोत्साहित करना। खुद को मोटिवेट करना ही सेल्फ मोटिवेशन कहलाता है। ज़िन्दगी के किसी भी पड़ाव पर आप जब भी खुद को परेशानी और तकलीफों, तनाव से घिरा हुआ महसूस करें तो घबराने की कोई बात नहीं, बल्कि प्रेरित हों क्योंकि तब आपके जीवन का एक नया अध्याय शुरू हो रहा होता है। जो आपको नए-नए पड़ावों से अवगत करवाता है।

अगर आपको जीवन में कुछ बनना है कुछ करना है और ख्वाबों को पूरा करना है तो सबसे पहले खुद पर यक़ीन करना होगा। कई बार ऐसे मौके भी आते हैं, जब किसी भी परीक्षा या प्रतियोगिता से से घबराकर हम हताश होकर यह सोचने लगते हैं कि कितना कठिन है यह सब! मेरे से नहीं होगा यह सब, और न यह मेरे बस की बात है! और उस समय हम जो कुछ थोड़ा बहुत प्रयास कर रहे होते हैं, वो भी छोड़कर बैठ जाते हैं। लेकिन यह एटीट्यूड यह नज़रिया बिल्कुल भी सही नहीं है। इस समय में हार मानने या निराश होने की बजाय खुद को प्रेरित करना होगा और आगे बढ़ने की लगातार कोशिश करनी होगी। खुद की प्रेरणा ही आपको सफलता की मंजिल तक पहुंचाएगी।

आलस को अपना सबसे बड़ा दुश्मन समझिए, आपके रास्ते का सबसे बड़ा पत्थर।

“जो धावे सो पावे, जो सोवे सो खोवे”, अर्थात, जो परिश्रम करता है उसे लाभ होता है, आलसी को केवल हानि ही हानि होती है।

तो याद रखिये, आपको आलस को त्याग कर देना है और स्फूर्ति से मेहनत करनी है। इस समय मेरे दिमाग में दोहे की कुछ पंक्तियां मेरे दिमाग में झूल रहीं हैं जिसको मैं साझा करता हूँ। इस पंक्ति से मैंने जीवन में बहुत प्रेरणा हासिल की है।

“करत-करत अभ्यास के, जड़मति होत सुजान।
रसरी आवत जात तें, सिल पर परत निसान।।”

अर्थात कुएँ से पानी खींचने के लिए एक रस्सी बर्तन से बाँधी हुई होती है और कुएं के किनारे पर रखे हुए पत्थर से बार-बार रगड़ खाने से पत्थर पर भी निशान बन जाते हैं। ठीक इसी प्रकार बार -बार अभ्यास करने से कोई भी व्यक्ति सज्जन बन सकता है। वह भी सीख सकता है।

बस इतना याद रखिए कि आप जिस भी फील्ड में अपनी सफलता के लिए हाथ पैर मार रहे हैं, क्या वह सिर्फ एक बढ़िया पोजीशन के लिए है या फिर अच्छी सैलेरी के लिए? या वाकई आप समाज में बदलाव चाहते हैं? अगर हाँ तो आप इन सेवाओं के लिए आगे आएं और अपने देश की समस्याओं के हालातों को ठीक करें आपकी इस पहल से देश तो बदलेगा ही और देश में रहने वाले लोगों की विचार धारा भी।

तो आगे बढ़िए, इस देश को इस देश की बेटियों की ज़रुरत है!

मूल चित्र : Canva 

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