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इश्क़ की ईबादत चाहती हूँ

जीवन में हमको किसी न किसी का सतह तो ज़रूर चाहिए, पर वो यार हो या इश्क़ होना बिलकुल बेज़ार चाहिए, बिलकुल शफ्फाफ़ बिल्कुल पानी की तरह।

जीवन में हमको किसी न किसी का सतह तो ज़रूर चाहिए, पर वो यार हो या इश्क़ होना बिलकुल बेज़ार चाहिए, बिलकुल शफ्फाफ़ बिल्कुल पानी की तरह।

इज़हार-ए-इश्क़,

यूँ न कर तू ,

मुझे तिज़ारत नहीं ,

तेरा मुकम्मल जहाँ चाहिए ,

मुझे तू चाहिए ,

मुझे  तेरा इश्क़ चाहिए ,

तेरी बाहों का खूबसूरत हार चाहिए ,

न आरज़ू है महलों की ,

न ज़माने की शानो – शौकत से है ,

रिश्ता कोई।

अपनी पलकों में छिपा ले मुझको ,

हर दर्द से बचा ले मुझको ,

मैं ज़माने से तुझ पर गुरूर करूँ,

मेरी नज़रों में  तेरा वह मुकाम चाहिए ,

मैं गुलाम नहीं तेरे क़दमों की ,

मुझे तो तेरे दिल का  सरताज चाहिए ,

मुझे तू चाहिए।

मुझे तेरा इश्क़ चाहिए ,

तू चले में चलूँगी ,

तेरे साथ बनके हमराही,

बस तुझे रुकना पड़ेगा ,

मेरी आवाज़  सुनके ,

मेरा इश्क़ है जो ,

सुर्ख लाल  रंग का ,

तेरे इश्क़ में भी ,

वह बात चाहिए ,

मुझे तू चाहिए।

मुझे तेरा इश्क़ चाहिए ,

तेरी आँखों में अपना चेहरा ,

और…

बेशुमार प्यार चाहिए ,

मेरी आँखों में जो नमीं है ,

वह तू है,

तेरे होंठों पर भी सिर्फ ,

मेरा नाम चाहिए ,

मुझे तू चाहिए।

मुझे तेरा इश्क़ चाहिए ,

बस और कोई इल्तज़ा नहीं ,

तेरे इश्क़ में  भी ,

ईबादत  चाहती हूँ।

सदा ही तेरी क़ुरबत चाहती हूँ ,

तेरे साये में जीना,

तेरे साये में मरना चाहती हूँ ,

अल्फ़ाज़ ही नहीं अब की ,

और क्या चाहिए ,

मुझे तू चाहिए।

मुझे तेरा इश्क़ चाहिए ……

मूल चित्र : Pexels

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Vibhooti Rajak

Blogger [simlicity innocence in a blog ], M.Sc. [zoology ] B.Ed. [Bangalore Karnataka ] read more...

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