कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

अपनी बहु को सिर्फ दहेज़ कमाने का साधन न समझें!

सच कहा, एक पिता कभी नहीं जान पाता कि जिस घर मे वो अपनी बेटी को दे रहा है आगे चलकर उसकी बेटी के साथ क्या होगा, कैसा बर्ताव किया जाएगा।

Tags:

सच कहा, एक पिता कभी नहीं जान पाता कि जिस घर मे वो अपनी बेटी को दे रहा है आगे चलकर उसकी बेटी के साथ क्या होगा, कैसा बर्ताव किया जाएगा।

रिया बहू आजा रामायण देख ले, आज सीता स्वयंवर को दिखाया जाएगा। रिया को भी रामायण देखना अच्छा लगता है इसलिए वो भी माँजी के साथ बैठकर देखने लगी। प्रसंग को देखने के बाद माँजी बोली, “रिया बहू, राजा जनक ने अपनी नाजो में पली बेटी को कितने साजो सामान के साथ, पति राम के साथ विदा कर दिया। लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनकी बेटी को आगे इतने दुख सहने पड़ेगे। वन में जाना होगा, रावण के अत्याचार को सहन करना होगा। सीता की भी क्या किस्मत थी।”

“सही कहा माँजी आपने। आज भी हर पिता राजा जनक की तरह ही अपनी बेटी को जन्म से ही प्यार से पालता है, उसकी हर मुराद को पूरा करता है। उसे पढ़ा लिखा कर काबिल बना देता है कि वो नौकरी कर अपने परिवार को पालन पोषण कर सके। उसकी शादी में अपनी हैसियत से ज्यादा देता है, साजो सामान के साथ हर चीज़ देता है जो उसकी बेटी के काम आती है। लेकिन फिर भी कितने ही ससुराल वाले एक पिता के द्वारा दिये गए कन्यादान को भी नहीं समझते। वो तो बस अपनी बहुओं को देहज़ के लिए तंग करते है उसे मारते पीटते है।”

सच कहा! एक पिता कभी नहीं जान पाता कि जिस घर मे वो अपनी बेटी को दे रहा है आगे चलकर उसकी बेटी के साथ क्या होगा, कैसा बर्ताव किया जाएगा। पराये घर से आई लड़की, किसी की बेटी अब आपके घर का हिस्सा है जो हमेशा आपसे सिर्फ प्यार चाहती है।

“सही कहा! रिया बहू तूने तभी तो तू हमारी बहू नहीं बेटी है। मैनें कभी भी तुझमे और अपनी बेटी में कोई फर्क नहीं किया। इतना कहकर माँजी ने अपनी रिया बेटी को लगे लगा लिया।”

मूल चित्र : Unsplash 

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

90 Posts | 614,005 Views
All Categories