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अबला उस को कहते हो और श्रम विहीन भी, मत भूलो दुर्गा और काली का रूप धरण करने वाली भी महिलाएं ही होती हैं...देख लेना अपनी ख़ातिर एक दिन दुनिया से लड़ जाऊंगी...
अबला उस को कहते हो और श्रम विहीन भी, मत भूलो दुर्गा और काली का रूप धरण करने वाली भी महिलाएं ही होती हैं…देख लेना अपनी ख़ातिर एक दिन दुनिया से लड़ जाऊंगी…
अंगारों में तप तप मैं एक दिन कुंदन बन जाऊंगी, देख लेना अपनी ख़ातिर एक दिन दुनिया से लड़ जाऊंगी।
आँख मिलाकर बात न करना, गर्दन कभी न ऊँची करना, अकड़ न देखूं चाल में तेरी, ऐसा सबक सिखाऊंगी
देख लेना अपनी ख़ातिर एक दिन दुनिया से लड़ जाऊंगी।
रो रो कर जो भर गए आँसू,मेरे दामन कोरे पर, अब न बरसेंगी ये आँखे ऐसा मज़ा चखाऊँगी।
पंरपरा के रूखे काग़ज़,रूढ़िवादी सूखे काग़ज़, सोच लो बस वक़्त अभी का इसको भी जलवाऊंगी।
पुरुषवाद की आंधी में जब तुम अंधे हो जाओगे, तब तुम्हारी सोच पर देखो कैसे कोड़े पड़वाऊंगी।
देख लेना अपनी ख़ातिर एक दिन दुनिया से लड़ जाऊंगी…
मूल चित्र : Pexels
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