कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
28 मई को मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे है और आज ज़रुरत है पीरियड हाइजीन की महत्ता पर ध्यान देने की क्यूंकि अभी भी लोग इसके बारे में ज़्यादा नहीं जानते।
28 मई को पूरी दुनिया में मासिक धर्म स्वच्छता दिवस ( मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे ) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत 2014 में एक एनजीओ ने की थी। इसे मनाने के लिये 28 तारीख चुनी गई क्योंकि आमतौर पर महिलाओं के मासिक धर्म 28 दिनों के अंदर आते हैं। इस दिन NGOs , गवर्मेंट एजेंसी, प्राइवेट सेक्टर और कई मीडिया मिलकर महिलाओं के पीरियड्स के बारे में जागरूकता फैलाते हैं।
सेन्सस 2011 के जनसंख्या गणना के मुताबिक भारत में हर महीने 336 मिलियन लड़कियों और औरतें को 2 – 7 दिन के लिए पीरियड्स होते हैं। लेकिन फिर भी देखा जाता है कि लड़कियाँ पीरियड्स से जुड़ी बातों के बारे में खुल कर बात करना पसंद नहीं करती।
रूरल एरियाज़ की बात करे तो वहां तो पीरियड्स को एक टैबू की तरह माना जाता है। महिलायें पीरियड्स के दौरान कई तरह की शारीरिक और मानसिक तकलीफों से गुजरती हैं। लेकिन उनके बारे में वो किसी से कोई बात नहीं करती हैं, क्यूंकि लोगों को इसके बारे में अभी खुलकर जानकारी ही नहीं है।
और यही वजह से जिससे आज भी सिर्फ 36% महिलाएं ही पीरियड्स के दौरान सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल करती है। इसका मतलब आज भी देश की आधी से ज्यादा महिलाएं पीरियड्स में कपड़ा इस्तेमाल करती है और शायद रूरल एरियाज़ में तो वो भी नहीं। लेकिन यदि पीरियड में साफ सफाई का ध्यान न रखा जाता है तो वैजिनल इन्फेक्शन के साथ साथ इनफर्टिलिटी से भी जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
और जो महिलाएं सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल करती हैं, उनसे भी ये निकल कर सामने आया है की ये एक बार सेनेटरी नैपकिन लगाने पर कई घंटो तक उन्हें बदलती ही नहीं है और इसकी वजह से इन्फेक्शन का ख़तरा बढ़ जाता है। जबकि ये हमें 4-5 घंटे के भीतर पैड को बदलना चाहिए। महिलाओं को अपने निजी अंगों की सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि किसी भी तरह का संक्रमण न हो। और अगर आप टैम्पॉन का इस्तेमाल कर रही हैं तो हर दो घंटे के भीतर इसे बदले।
आज भी कई महिलाएं सेनेटरी नैपकिन की जगह कपड़ा इस्तेमाल करती हैं या जो सेनेटरी नैपकिन भी इस्तेमाल करती हैं, वो उसका सही से उपयोग नहीं करती हैं, और यही सब आगे चलकर कई बीमारियों को जन्म देता है। त्वचा की जलन, सूजन, त्वचा का लाल हो जाना, आदि सब पीरियड्स के दौरान बरती गयी लापरवाही का ही परिणाम होता है।
इसके अलावा यूटीआई सबसे ज्यादा होने वाले रोगों में से एक है। यह यूरिनरी ट्रैक्ट में कहीं भी हो सकता है और सबसे घातक साबित हो जाता है। इसका मुख्य कारण हानिकारक बैक्टीरिया ही होते हैं।
यह योनि को नुकसान पहुंचा सकता है। योनि स्राव के पीएच संतुलन में परिवर्तन हो सकता है, जिससे कई हार्मोनल परिवर्तन हो सकते हैं । वजाइना में हमेशा उपयोगी और हानिकारक दोनों तरह के बैक्टीरिया रहते हैं। अगर इनका संतुलन बिगड़ता है तो इसकी वजह से बैक्टीरियल वजायनोसिस हो सकता है, जो की एक महिला को गभर्वती बनने के दौरान प्रभावित कर सकता है।
सर्वाईकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा कैंसर) रीप्रोडक्टिव ट्रैक्ट में इंफेक्शन या यूटीआई की वजह से ज्यादा होता है। और ये कई बार महिलाओं को इंफर्टाइल बना देती है। इन्हीं सब की वजह से लड़कियों को अपनी स्कूल से लेकर कई बार जॉब तक छोड़नी पड़ती है।
हां जब किसी को इसके बारे में पता ही नहीं होगा, तो बीमारियां होंगी, कई परेशानियाँ होगी और फिर लोग पीरियड्स के बारे में कई मिथ पाल लेते हैं और इसका भुगतान महिलाओं को करना पड़ता है।
2014 की एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल इंडिया में 23 मिलियन लड़कियाँ पीरियड्स की वजह से स्कूल छोड़ा। और जो लड़कियाँ नहीं छोड़ती हैं उन मे से भी अधिकतर लड़कियाँ पीरियड्स के 5 दिन स्कूल जाना पसंद नहीं करती हैं। मेंस्ट्रुअल हाइजीन के बारे जानकारी नहीं होना, सेनेटरी नैपकिन पर्याप्त मात्रा में नहीं होना, यही इनके मुख्य कारण हैं।
आज भी बहुत सी लड़कियाँ इन सबके बारे में जानती ही नहीं हैं। शायद इसीलिए हमें मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे की ज़रूरत है।
2016 की एक रिसर्च जिसमें तकरीबन 1 लाख लड़कियों का सैंपल लिया गया था। उन में से 50 हज़ार लड़कियों को जब पहली बार पीरियड्स आये थे, तब उन्हें उसके बारे में पता ही नहीं था। स्टडी बताती है की कई लड़कियाँ सोचती है की पीरियड्स एक भयानक बीमारी है क्यूंकि पहली बार पीरियड्स आने पर बहुत ज्यादा दर्द और ब्लीडिंग होती है। इसीलिए कोशिश करें की आप अपने आप को मेंस्ट्रुअल हाइजीन प्रति जागरूक करें। अपनी घर की, आस पास की महिलाओं को जागरूक करें।
तो मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे ये याद दिलाता है कि पीरियड में स्वच्छता रखना कोई कठिन काम नहीं है। थोड़े प्रयास से अच्छी सफाई बनाए रखना आसान हो जाता है, इसलिए ऊपर दिए हुए तरीकों पर विचार करें और उन्हें अपनायें। और ज़रूरत पड़ने पर किसी प्रोफेशनल से भी सम्पर्क कर सकते हैं। आखिरकार, यह सब आपके लिए ही है।
मूल चित्र : MHDay|Global
A strong feminist who believes in the art of weaving words. When she finds the time, she argues with patriarchal people. Her day completes with her me-time journaling and is incomplete without writing 1000 read more...
Please enter your email address