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सानिया मिर्ज़ा बनीं फेड कप हार्ट पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय टेनिस खिलाड़ी

इससे पहले भी सानिया मिर्ज़ा ने कई इतिहास रचे हैं लेकिन ये पुरूस्कार उनके लिए खास है क्यूंकि ये उन्हें मां बनने के बाद कोर्ट पर सफल वापसी के लिये मिला है। 

इससे पहले भी सानिया मिर्ज़ा ने कई इतिहास रचे हैं लेकिन ये पुरूस्कार उनके लिए खास है क्यूंकि ये उन्हें मां बनने के बाद कोर्ट पर सफल वापसी के लिये मिला है। 

टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्ज़ा पहली भारतीय हैं जिन्हें फेड कप हार्ट पुरस्कार मिला है। और ये पहली भारतीय भी थी जिन्हें इसके लिए नॉमिनेट करा गया था। सानिया को एशिया ओशियाना क्षेत्र के लिये पुरस्कार दिया गया।

इससे पहले भी सानिया ने कई इतिहास रचे हैं लेकिन ये वाला उनके लिए बहुत खास है क्यूंकि ये पुरस्कार उन्हें  मां बनने के बाद कोर्ट पर सफल वापसी के लिये मिला है। 

उन्होंने अखिल भारतीय टेनिस फेडरेशन ( All India Tennis Association)  द्वारा जारी बयान में कहा, “फेड कप हार्ट अवार्ड जीतने वाली पहली भारतीय बनना गर्व की बात है। मैं पूरे देश और अपने प्रशंसकों को यह पुरस्कार समर्पित करती हूं। भविष्य में देश के लिये और उपलब्धियाँ हासिल करने की कोशिश करूंगी।”

उन्हें कुल 16985 में से दस हजार से अधिक वोट मिले।  मतलब 60 %  वोट उन्हें ही मिले हैं।  इसके लिए वोटिंग 1 मई से शुरू करी गयी थी। फेड कप हार्ट पुरस्कार के विजेता का चयन प्रशंसकों के वोट के आधार पर होता है। और साथ ही इसके लिए उन्हें 2000 डॉलर मिले है जिसे वो तेलंगाना मुख्यमंत्री राहत कोष ( तेलंगाना चीफ़ मिनिस्टर रिलीफ फंड ) में दान करेंगी।

उन्होंने कहा, “मैं इस अवार्ड से प्राप्त करी गयी धन राशि को तेलंगाना चीफ़ मिनिस्टर रिलीफ फंड के लिए डोनेट करना चाहती हूँ जैसा की वायरस की वजह से पूरी दुनिया इस समय मुश्किल दौर से गुज़र रहीं है।” 

स्पोर्ट्स मिनिस्टर किरण रिजिजू जी ने भी सानिया मिर्ज़ा को बधाई देते हुए ट्वीट किया, “सानिया मिर्ज़ा को फेड कप हार्ट पुरस्कार जितने वाली पहली भारतीय बनने के लिए बहुत बहुत बधाई। यह पुरस्कार आपके हार्डवर्क और आपके द्वारा भारत को गौरवान्वित करने वाले कोर्ट पर दिखाए गए गौरव की पहचान है।” 

सानिया ने चार साल बाद फेड कप में वापसी की और इतिहास में पहली बार भारत ने प्लेआफ में जगह बनाई। अपने बेटे इज़हान को अक्टूबर 2018 में जन्म देने के बाद सानिया इस साल जनवरी में कोर्ट पर लौटी और नादिया किचेनोक के साथ होबार्ट इंटरनेशनल खिताब जीता। इससे उन्होंने साबित कर दिखाया की एक औरत अपने  जीवन के किसी पड़ाव से गुजरने के बाद भी स्ट्रांग कमबैक कर सकती हैं। ये उन सभी लोगो को मुँह तोड़ जवाब की तरह है जो कहते हैं की महिलायें प्रेग्नेंसी के बाद काम नहीं कर सकती है।  सानिया मिर्ज़ा ने ना केवल कोर्ट में अपनी वापसी करी बल्कि जीत भी अपने नाम करी है। 

टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्ज़ा को इस उपलब्धि के लिए बहुत बहुत बधाई और साथ में शुक्रिया भी क्यूँकि उन्होंने एक बार फिर हम महिलाओं के ज़ज़्बे को नई उड़ान दे दी। उम्मीद है बहुत सी महिलाएं उनसे प्रेरणा लेकर प्रेग्नेंसी के बाद भी अपने करियर को जारी रखेंगी।

मूल चित्र : इंस्टाग्राम / ट्वीटर 

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Shagun Mangal

A strong feminist who believes in the art of weaving words. When she finds the time, she argues with patriarchal people. Her day completes with her me-time journaling and is incomplete without writing 1000 read more...

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